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अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी आजादी की लड़ाई, फिल्मों में बने चंठ लाला-निर्दयी सेठ, चंद्रशेखर दुबे को जानते हैं आप?

चंद्रशेखर दुबे ने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.

चंद्रशेखर दुबे ने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.

Who is Chandrashekhar Dubey: बॉलीवुड के शुरुआती दौर से लेकर 90 के दशक लगभग 200 फिल्मों में काम करने वाले चंद्रशेखर दुबे ...अधिक पढ़ें

मुंबई. Actor Chandrashekhar Dubey Career: साल 1974 में आई सुपरहिट फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ में मौसमी चटर्जी (Moushmi Chatterjee) के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लाला यानी चंद्रशेखर दुबे को क्या आप पहचानते हैं? चंद्रशेखर दुबे ने लगभग अपनी हर फिल्म में लगभग इसी तरह के किरदार निभाए. वह फिल्में धूर्त, चालाक और निर्दयी सेठ के किरदार में दिखें. साल 1975 में आई फिल्म ‘जिंदा दिल’ में उनका एक डायलॉग काफी पॉपुलर हुआ था. उनका डायलॉग- ‘ढक्कन खोल कर’ उस दौर में लोगों ने खूब पसंद किया. यह डायलॉग लोगों की जुबां पर खूब चढ़ा. चंद्रशेखर 1950 के दशक में बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा और कैरेक्टर रोल प्ले किए.

चंद्रशेखर दुबे (Chandrashekhar Dubey) को इंडस्ट्री में लोग प्यार से सीएस दुबे कहकर पुकारते थे. चंद्रेशखर एक एक्टर और अस्सिटेंट डायरेक्टर थे. अच्छी आवाज होने की वजह से वह रेडियो में भी काम करते थे. उनका जन्म मध्यप्रदेश के कन्नौद में हुआ था. कई रिपोर्ट्स में दावा में किया गया कि उन्होंने साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया और अंग्रेजों का विरोध किया. इसा दौरान उन्होंने गिरफ्तार भी किया गया. उस वक्त सीएस दुबे 18 साल के थे.

जब भारत आजाद हुआ था, तो उनपर घर संभालने की जिम्मेदारी आई. उन्होंने मुंबई का रुख किया और काम ढूंढ़ना शुरू किया. उन्हें बचपन से ही कलाकारी का शौक था. लेकिन मुंबई आकर वह कुछ और काम करना चाहते थे, लेकिन मुंबई आने पर उनकी मुलाकात उस दौर के मशहूर फिल्ममेकर अमिया चक्रवर्ती से मुलाकात हुई. अमिया ने उन्हें पहले ऑफिस बॉय और फिर प्रोडक्शन मैनेजर और अस्सिटेंट डायरेक्टर की नौकरी दी.

चंद्रेशखर दुबे ने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया

इसके बाद चंद्रशेखर दुबे ने साल 1955 में ‘पतिता’ और ‘सीमा’ फिल्मों में किया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. चंद्रशेखर रियल लाइफ में बिल्कुल साधारण और सज्जन पुरुष थे, लेकिन रील में उन्हें निर्दयी, खड़ूस, घमंडी जमींदार के किरदार मिले, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. उन्होंने ‘तीसरी कसम’, ‘मौसम’, ‘छोटी सी बात’, ‘राम तेरी गंगा मैली’ समेत लगभग 200 फिल्मों में काम किया.

चंद्रेशखर दुबे रेडियो प्रोग्रामों को दी आवाज

चंद्रेशखर दुबे ने हवा महल, फौजी भाइयों और कई रेडियो नाटक को अपनी आवाज दी और होस्टिंग की. उनके बेटे और एक बेटी हैं. चंद्रशेखर दुबे ने अपने जीवन के अंतिम दिनों तक फिल्मों में काम किया. 28 सितंबर 1993 को उनका निधन हो गया.

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