छत्तीसगढ़: नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की थी तैयारी, फिर कहां हुई चूक? एनकाउंटर की पूरी कहानी

नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया और उन्हें तीन तरफ से घेर लिया और उन भारी गोलाबारी की.
Chhattisgarh Maoist attack: एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया और उन्हें तीन तरफ से घेर लिया. उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने इस हमले में हल्की मशीन गन से गोलियों की बौछार की.
- News18Hindi
- Last Updated: April 5, 2021, 8:00 AM IST
नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ (Chhattisgarh Maoist attack) में अब तक 24 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हैं. बीजापुर और सुकमा (Bijapur-Sukma Encounter) जिले के बॉर्डर पर रविवार को हुई इस मुठभेड़ की खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. सुरक्षाबलों पर घात लगाकर किए गए इस हमले में करीब 400 नक्सली शामिल थे. दरअसल सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की प्लानिंग की थी. इस अभियान में करीब 1500 जवानों की टुकड़ी को लगाया गया था. इसके बावजूद भी हमारे सुरक्षाबलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सुरक्षाबलों से चूक कहां हुई.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन के लिए 10 टीमों को लगाया गया था. दो टीमें सुकमा ज़िले से आई थीं, जबकि बाकी 8 में से 3 टीमों को बिजापुर के कैंप से बुलाया गया था. इस बड़े ऑपरेशन के लिए STF, DRG और छत्तीसगढ़ पुलिस को तैनात किया गया था. इसके अलावा इस अभियान में सीआरपीएफ के कोबरा यूनिट के करीब एक हजार जवानों को ऑपरेशन के लिए भेजा गया था.
ऑपरेशन की तैयारी
अखबार के मुताबिक, 2 अप्रैल को रात 10 बजे 6 में से 3 टीमों को ऑपरेशन के लिए भेजा गया. इस टीम में DRG, कोबरा और STF के लोग थे. इन सबको अलीपुदा और जोनागुड़ा जाना था. इसके बाद ऑपरेशन को अंजाम देकर इन्हें अगले दिन यानी 3 अप्रैल को लौटना था. ये टीम काफी अंदर तक गई. इसके बाद नक्सलियों ने इन्हें घेर लिया.'हमें चारों तरफ से घेर लिया'
एक घायल जवान ने बताया, 'जिस टारगेट को निशाना बनाने के लिए हमें भेजा गया था वहां कुछ भी नहीं था. जब हम लौटने लगे तो हम पर हमला कर दिया गया. हमें कुछ पता ही नहीं चला कि कब नक्सलियों ने हमें चारों तरफ से घेर लिया. उनके पास कई सारे हथियार थे.'
ये भी पढ़ें:- इस्लामिक स्टेट का कमांडर जम्मू में गिरफ्तार, आतंकी हमले की साजिश नाकाम
इनपुट के आधार पर प्लान था ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक, ये ऑपरेशन इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर प्लान किया गया था. खबर मिली थी कि 60-70 नक्सली 26 मार्च को सिरगेर पहुंचे थे. इसके अलावा 40-50 नक्सलियों के बोडुगुड़ा पहुंचने की खबर थी. लेकिन नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षा बलों पर हमला किया. पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और तीसरा लात और घूंसे से. करीब 200 से 300 नक्सलियों का समूह सुरक्षा बलों की एक छोटी सी टुकड़ी पर टूट पड़ा.

घात लगाकर हमला
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया और उन्हें तीन तरफ से घेर लिया और उन पर भारी गोलाबारी की. उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने इस हमले में हल्की मशीन गन से गोलियों की बौछार की और कम तीव्रता वाले आईईडी का इस्तेमाल किया और ये हमला कई घंटे जारी रहा. अधिकारी ने बताया कि घायल कर्मियों को वहां से निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की सेवा मांगी गई लेकिन पहला हेलीकाप्टर शाम पांच बजे के बाद ही वहां उतर सका जब गोलीबारी रुक गई.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन के लिए 10 टीमों को लगाया गया था. दो टीमें सुकमा ज़िले से आई थीं, जबकि बाकी 8 में से 3 टीमों को बिजापुर के कैंप से बुलाया गया था. इस बड़े ऑपरेशन के लिए STF, DRG और छत्तीसगढ़ पुलिस को तैनात किया गया था. इसके अलावा इस अभियान में सीआरपीएफ के कोबरा यूनिट के करीब एक हजार जवानों को ऑपरेशन के लिए भेजा गया था.
ऑपरेशन की तैयारी
अखबार के मुताबिक, 2 अप्रैल को रात 10 बजे 6 में से 3 टीमों को ऑपरेशन के लिए भेजा गया. इस टीम में DRG, कोबरा और STF के लोग थे. इन सबको अलीपुदा और जोनागुड़ा जाना था. इसके बाद ऑपरेशन को अंजाम देकर इन्हें अगले दिन यानी 3 अप्रैल को लौटना था. ये टीम काफी अंदर तक गई. इसके बाद नक्सलियों ने इन्हें घेर लिया.'हमें चारों तरफ से घेर लिया'
एक घायल जवान ने बताया, 'जिस टारगेट को निशाना बनाने के लिए हमें भेजा गया था वहां कुछ भी नहीं था. जब हम लौटने लगे तो हम पर हमला कर दिया गया. हमें कुछ पता ही नहीं चला कि कब नक्सलियों ने हमें चारों तरफ से घेर लिया. उनके पास कई सारे हथियार थे.'
ये भी पढ़ें:- इस्लामिक स्टेट का कमांडर जम्मू में गिरफ्तार, आतंकी हमले की साजिश नाकाम
इनपुट के आधार पर प्लान था ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक, ये ऑपरेशन इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर प्लान किया गया था. खबर मिली थी कि 60-70 नक्सली 26 मार्च को सिरगेर पहुंचे थे. इसके अलावा 40-50 नक्सलियों के बोडुगुड़ा पहुंचने की खबर थी. लेकिन नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षा बलों पर हमला किया. पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और तीसरा लात और घूंसे से. करीब 200 से 300 नक्सलियों का समूह सुरक्षा बलों की एक छोटी सी टुकड़ी पर टूट पड़ा.
घात लगाकर हमला
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया और उन्हें तीन तरफ से घेर लिया और उन पर भारी गोलाबारी की. उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने इस हमले में हल्की मशीन गन से गोलियों की बौछार की और कम तीव्रता वाले आईईडी का इस्तेमाल किया और ये हमला कई घंटे जारी रहा. अधिकारी ने बताया कि घायल कर्मियों को वहां से निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की सेवा मांगी गई लेकिन पहला हेलीकाप्टर शाम पांच बजे के बाद ही वहां उतर सका जब गोलीबारी रुक गई.