नागरिकता संशोधन बिल से पाकिस्तानी हिंदुओं को सबसे ज़्यादा फायदा होने की बात सामने आ रही है. लॉन्ग टर्म वीजा पाने वाले 15,107 पाकिस्तानी राजस्थान, 1560 गुजरात, 1444 मध्य प्रदेश, 599 महाराष्ट्र, 581 दिल्ली, 342 छत्तीसगढ़ और 101 उत्तर प्रदेश में रह रहे हैं.
असम समेत पूर्वोत्तर के तमाम राज्यों में जिस सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (नागरिकता संशोधन) का विरोध हो रहा है, उससे बांग्लादेशियों की जगह पाकिस्तानियों को ज्यादा फायदा पहुंचने वाला है. इस बिल के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 31 हजार से ज़्यादा प्रवासियों को सीधा फायदा मिलता नज़र आ रहा है. इस बिल से उन लोगों को फायदा होगा जिन्हें सरकार ने ही लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) दिया हुआ है.
कौन हैं ये लोग ?
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए करीब 31 हजार प्रवासियों को संशोधित नागरिकता विधेयक से तुरंत लाभ मिलने जा रहा है. ये लोग इन तीन देशों के अल्पसंख्यक हैं और धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए भारत में रह रहे हैं. फिलहाल ये भारत में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे हैं और भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर चुके हैं. बवाल इस बात पर मचा है कि इस बिल से असम में बड़ी संख्या में रह रहे बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ़ हो जाएगा. हालांकि साल 2011 से 8 जनवरी, 2019 तक 187 बंग्लादेशियों को लॉन्ग टर्म वीजा मिला है.
पाकिस्तानियों को फायदा
इस बिल से पाकिस्तानी हिंदुओं को सबसे ज़्यादा फायदा होने की बात सामने आ रही है. बता दें कि 2011 से 8 जनवरी, 2019 तक 34,817 प्रवासियों को लॉन्ग टर्म वीजा जारी हुए हैं. इनमें से ज़्यादातर हिंदू हैं जो कैंप में रह रहे हैं. हालांकि जो पाकिस्तानी लॉन्ग टर्म वीजा पर रहे रहे हैं, उनकी धर्म के आधार पर पुख्ता जानकारी मौजूद नहीं है. नागरिकता बिल पर जॉइंट पारियामेंट्री कमिटि की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के वो प्रवासी जो लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे हैं, की संख्या 31,313 है. रिपोर्ट के अनुसार इनमें 25,447 हिंदू, 5807 सिख, 55 ईसाई, 2 बौद्ध और दो पारसी शामिल हैं. बता दें नागरिकता संशोधन बिल के तहत 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ चुके लोगों को ही 11 साल के बजाय 6 साल तक देश में रहने पर नागरिकता दी जाएगी. ऐसे में बांग्लादेशियों की ज्यादा संख्या को इसका लाभ होने की बात मानी ही नहीं जा सकती.
राजस्थान में हैं सबसे ज्यादा पाकिस्तानी
गृह मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान से भारत आकर एलटीवी हासिल करने वालों में 1 जनवरी, 2015 से 14 जनवरी, 2019 के बीच सबसे ज्यादा लोग राजस्थान में बसे हैं. लॉन्ग टर्म वीजा वाले 15,107 पाकिस्तानी राजस्थान, 1560 गुजरात, 1444 मध्य प्रदेश, 599 महाराष्ट्र, 581 दिल्ली, 342 छत्तीसगढ़ और 101 उत्तर प्रदेश में रह रहे हैं. आईबी डायरेक्टर ने पैनल से कहा था कि, 'भविष्य में किए गए किसी भी दावे की जांच की जाएगी, रॉ के माध्यम से भी, कोई भी फैसला (नागरिकता देना) लेने से पहले जांच होगी.' इसके साथ ही उन्होंने इशारा करते हुए बताया कि 31,313 प्रवासियों (जो लॉन्ग टर्म वीजा पर रहे हैं) की जांच दोबारा भी की जा सकती है.
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की योग्यता और एलटीवी पाने के लिए योग्यता एक जैसी ही है. ऐसे में एलटीवी धारक आवेदक के भारतीय नागरिकता हासिल करने के ज्यादा आसार हैं. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 2011 से 9 जनवरी, 2019 तक मंत्रालय ने महज 187 बांग्लादेशियों को एलटीवी जारी किया, जबकि इसी दौरान पाकिस्तान से आकर एलटीवी पाने वालों की संख्या 34,817 रही थी. नागरिकता संशोधन बिल के तहत 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ चुके लोगों को ही 11 साल के बजाय 6 साल तक देश में रहने पर नागरिकता दी जाएगी. ऐसे में बांग्लादेशियों की ज्यादा संख्या को इसका लाभ होने की बात मानी ही नहीं जा सकती.
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