CJI की विदाई के मौके पर एनवी रमना की औपचारिक पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया गया. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में पहली बार भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अदालत में सेरेमोनियल बेंच की कार्यवाही का सीधा प्रसारण हुआ. अपने अंतिम कार्य दिवस पर सीजेआई रमना ने सुबह 10.30 बजे नए सीजेआई नामित किए गए न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति हिमा कोहली के साथ पीठ साझा की. भारत मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना आज रिटायर हो गए हैं. CJI की विदाई के मौके पर एनवी रमना की औपचारिक पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास में पहली बार हुआ. न्यायाधीश रमना सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने पर पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
ANI के मुताबिक भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को विदाई देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे फूट-फूट कर रो पड़े. दवे का कहना है कि सीजेआई रमना ने रीढ़ की हड्डी के साथ अपना कर्तव्य निभाया और एक नागरिक न्यायाधीश रहे हैं. हाल में निवर्तमान CJI को दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने विदाई कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें विदाई दी. इस कार्यक्रम को CJI ने भी संबोधित किया.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ‘मुझे आशा है कि मैं उस उम्मीद पर खरा उतरा, जिसकी आपने मुझसे अपेक्षा की थी. मैंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कर्तव्यों का हर संभव तरीके से निर्वहन किया. आप सभी जानते हैं कि मैंने दो मुद्दों को उठाया एक बुनियादी ढांचा और दूसरा न्यायाधीशों की नियुक्ति. सुप्रीम कोर्ट और कॉलेजियम में जजों द्वारा दिए गए समर्थन के लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं. हमने उच्च न्यायालयों में लगभग 224 न्यायाधीशों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया.’
इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस कौल, इंदिरा बनर्जी, संजीव खन्ना, एस रवींद्र भट और हिमा कोहली शामिल थे. कार्यक्रम में दिल्ली हाई कोर्ट के सभी पूर्व जजों के साथ-साथ बार एसोसिएशन के सदस्यों के साथ-साथ हाई कोर्ट के जज भी शामिल हुए. CJI ने आगे कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले छह लोग हैं. भले ही मैं रिटायर हो रहा हूं, लेकिन दिल्ली से पांच प्रतिनिधि हैं. मुझे उम्मीद है कि कुछ और प्रतिनिधि जल्द ही इसमें शामिल होंगे.
CJI ने न्यायाधीशों की कड़ी मेहनत की सराहना की
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की अपनी विशिष्ट विशेषताओं और मुकदमे की संख्या की तुलना किसी अन्य उच्च न्यायालय से नहीं की जा सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल एक सफल CJI बनने के लिए लॉन्च पैड था. उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि न्यायाधीश रात 7 से 8 बजे तक अपने चैंबर में कड़ी मेहनत करते थे. वे सुबह जल्दी आते थे और कभी-कभी रात 8 बजे से 9 बजे तक काम करते थे. CJI ने आगे कहा कि ‘मैं इसे देखकर हैरान था, अमूमन अन्य जगहों पर जज चार बजे तक चले जाते हैं.’
CJI ने आगे कहा कि उनके दिनों में कुछ पुराने जनहित याचिकाकर्ता और वकील अनुशासित थे. धरने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मुझे कभी किसी हड़ताल या किसी धरने या किसी चीज का सामना करने का अवसर नहीं मिला. यह मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है. क्योंकि उन्होंने पहले मुझे चेतावनी दी थी कि तुम दिल्ली जा रहे हो, तुम्हें धरना और हड़ताल की तैयारी करनी चाहिए. लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ.’
‘दिल्ली जा रहे हो सावधान रहना…’
उन्होंने कहा कि ‘उन्हें दिल्ली जाने से पहले सावधान रहने के लिए कहा गया था, क्योंकि उन्हें बताया गया था कि वहां के लोग बहुत संस्कारी, जानकार और कहने के लिए बहुत आक्रामक हैं, लेकिन उन्हें सभी से स्नेह और प्रोत्साहन मिला. अपने संबोधन में न्यायाधीश रमना ने आगे कहा कि कुछ साल पहले उनके उथल-पुथल के दिनों में बार एसोसिएशन का प्रत्येक सदस्य, विशेष रूप से दिल्ली के सदस्य एकजुटता व्यक्त करते हुए उनके साथ खड़े थे. उनका समर्थन करने के लिए प्रस्ताव भी पारित किया. उन्होंने कहा कि सभी सदस्य उनके वास्तविक शुभचिंतक थे.’
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Tags: CJI NV Ramana, Supreme court of india
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