Analysis: कांग्रेस के सामने गहराता जा रहा है 'वैचारिक संकट', क्या आज की कांग्रेस ही कल की BJP है?

राहुल गांधी (फ़ाइल फोटो)
Congress Crisis: कांग्रेस पार्टी इन दिनों बड़ी दुविधा में है. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2021) हैं. इनमें से एक राज्य में जो उनका सहयोगी दल है, दूसरे राज्य में उसी के खिलाफ ताल ठोकी गई है. बात लेफ्ट की हो रही है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 2, 2021, 11:40 AM IST
नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) के बंगाल में साथी, लेकिन केरल (Kerala) में विरोधी दल लेफ्ट के नेता पी विजयन (P. Vijayan) ने कांग्रेस नेतृत्व पर तीखे सवाल उठाए हैं. बंगाल में दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ने और बीजेपी का सामना करने की बात कर रहे हैं. वहीं, केरल में लेफ्ट के सबसे बड़े नेता और सूबे के मुख्यमंत्री कांग्रेस के सबसे बड़े नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर ही सवाल उठा रहे हैं. पी विजयन ने पूछा है कि राहुल गांधी ने ही कहा है कि अगर कहीं भी उनकी पार्टी मामूली बहुमत पाती है तो भी सरकार नहीं चला पाएगी. बीजेपी उसे खरीद लेगी और कांग्रेस बेच देगी. ऐसे में ये सवाल उठता है कि जनता ये कैसे माने कि विजयन ने जो आरोप कांग्रेस पार्टी के ऊपर लगाया है, वो सिर्फ केरल के लिए है, बंगाल के लिए नहीं.
कांग्रेस पार्टी इन दिनों बड़ी दुविधा में है. पांच राज्यों में चुनाव हैं और एक राज्य में जो उनका सहयोगी दल है, दूसरे राज्य में उसी के खिलाफ ताल ठोकी हुई है. जी हां बात लेफ्ट की हो रही है. बंगाल में कांग्रेस लेफ्ट के साथ गलबहियां कर बीजेपी और टीएमसी को हराने का दंभ भर रही है, तो केरल में उसी लेफ्ट को उखाड़ फेंकने की जुगत में लगी है. ऐसी दुविधाभरी राजनीति के कारण आए दिन ऐसी स्थिति बन जा रही है, जो रोज नए सवाल पैदा कर रही है.
राहुल पर निशाना
ताजा मामला केरल के CM और लेफ्ट के कद्दावर नेता पी विजयन का है. उन्होंने ट्वीट कर सीधा निशाना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर साधा है, जो अब तक बंगाल प्रचार के लिए नहीं गए हैं और अधिक ध्यान केरल पर लगाया हुआ है. उन्होंने लिखा कि कांग्रेस नेता LDF पर हमला करने को ज्यादा उत्सुक हैं लेकिन बीजेपी से भिड़ने को तैयार नहीं. कोई आश्चर्य नहीं कि आज की कांग्रेस ही कल की बीजेपी है. राहुल गांधी ने खुद कहा कि अगर कहीं भी उनकी पार्टी मामूली बहुमत पाती है तो भी सरकार नहीं चला पाएगी. बीजेपी उसे खरीद लेगी और कांग्रेस बेच देगी. आमतौर पर ट्वीटर पर हुए राजनीतिक विरोधियों के ऐसे हमलों का जवाब तुरंत दिया जाता है, पर राहुल गांधी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इसे अनदेखा कर दिया.कांग्रेस की मुश्किलें
ऐसे में अब ये सवाल उठना लाजिमी है कि कांग्रेस अपने मतदाता को ये समझाने में कैसे कामयाब होगी कि लेफ्ट उस पर जो हमला कर रही है, उसकी सीमा सिर्फ केरल तक ही है और बंगाल के लिए वो सही नहीं है. वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह कहते हैं कि कांग्रेस की वर्तमान स्थिति के लिए दो कारण जिम्मेदार है. पहला विश्वास का संकट (Crisis of confidence) और दूसरा नेतृत्व का संकट ( Crisis of Leadership). कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व में वैचारिक संकट (Ideological Crisis) भी है.

विचारधारा की दिक्कत
केरल और बंगाल इसका सटीक उदाहरण है. यही बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाता है. बीजेपी केरल में प्रचार करती है कि लेफ्ट और कांग्रेस आपस में लड़ने का सिर्फ दिखावा करती है और भीतर से एक हैं. इसके सबूत के रूप में उसके पास बंगाल की तस्वीर भी है. जाहिर है जब तक कांग्रेस अपनी विचारधारा साफ नहीं करेगी और नेतृत्व के बारे में विश्वास पैदा नहीं करेगी, तब तक ऐसी समस्याओं से घिरी रहेगी.
कांग्रेस पार्टी इन दिनों बड़ी दुविधा में है. पांच राज्यों में चुनाव हैं और एक राज्य में जो उनका सहयोगी दल है, दूसरे राज्य में उसी के खिलाफ ताल ठोकी हुई है. जी हां बात लेफ्ट की हो रही है. बंगाल में कांग्रेस लेफ्ट के साथ गलबहियां कर बीजेपी और टीएमसी को हराने का दंभ भर रही है, तो केरल में उसी लेफ्ट को उखाड़ फेंकने की जुगत में लगी है. ऐसी दुविधाभरी राजनीति के कारण आए दिन ऐसी स्थिति बन जा रही है, जो रोज नए सवाल पैदा कर रही है.
राहुल पर निशाना
ताजा मामला केरल के CM और लेफ्ट के कद्दावर नेता पी विजयन का है. उन्होंने ट्वीट कर सीधा निशाना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर साधा है, जो अब तक बंगाल प्रचार के लिए नहीं गए हैं और अधिक ध्यान केरल पर लगाया हुआ है. उन्होंने लिखा कि कांग्रेस नेता LDF पर हमला करने को ज्यादा उत्सुक हैं लेकिन बीजेपी से भिड़ने को तैयार नहीं. कोई आश्चर्य नहीं कि आज की कांग्रेस ही कल की बीजेपी है. राहुल गांधी ने खुद कहा कि अगर कहीं भी उनकी पार्टी मामूली बहुमत पाती है तो भी सरकार नहीं चला पाएगी. बीजेपी उसे खरीद लेगी और कांग्रेस बेच देगी. आमतौर पर ट्वीटर पर हुए राजनीतिक विरोधियों के ऐसे हमलों का जवाब तुरंत दिया जाता है, पर राहुल गांधी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इसे अनदेखा कर दिया.कांग्रेस की मुश्किलें
विचारधारा की दिक्कत
केरल और बंगाल इसका सटीक उदाहरण है. यही बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाता है. बीजेपी केरल में प्रचार करती है कि लेफ्ट और कांग्रेस आपस में लड़ने का सिर्फ दिखावा करती है और भीतर से एक हैं. इसके सबूत के रूप में उसके पास बंगाल की तस्वीर भी है. जाहिर है जब तक कांग्रेस अपनी विचारधारा साफ नहीं करेगी और नेतृत्व के बारे में विश्वास पैदा नहीं करेगी, तब तक ऐसी समस्याओं से घिरी रहेगी.