विधानसभा चुनावः असम में 'छत्तीसगढ़ मॉडल' से जीत पाएगी कांग्रेस?

बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा, ‘‘हमारी टीम असम कांग्रेस के साथ करीबी तालमेल से काम कर रही है. जमीन पर पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है.’’ फाइल फोटो
Assam Congress Incharge Bhupesh Baghel: भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा, ‘‘हमारी टीम असम कांग्रेस के साथ करीबी तालमेल से काम कर रही है. जमीन पर पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है.’’
- News18Hindi
- Last Updated: February 22, 2021, 6:14 PM IST
गुवाहाटी. असम में आगामी विधानसभा चुनाव (Assam Assembly Election 2021) में कड़े मुकाबले की तैयारी कर रही कांग्रेस (Congress) ने सत्तारूढ़ बीजेपी नीत गठबंधन से सत्ता हासिल करने के लिए बूथ प्रबंधन को लेकर ‘‘छत्तीसगढ़ मॉडल’’ अपनाया है. वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सभी ‘एक्जिट पोल’ और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमानों को गलत साबित करते हुए 90 में से 68 सीटों पर जीत दर्ज कर 15 साल बाद सत्ता में लौटी थी. दो उपचुनावों में जीत के बाद कांग्रेस के पास वर्तमान में 70 सीटें हैं.
दूसरे राज्य से आए और करीब एक महीने से यहां चुनावी अभियान का काम देख रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जमीन पर छत्तीसगढ़ की एक टीम के काम करने के बाद पार्टी में नई ऊर्जा दिख रही है. उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (Tarun Gogoi) के निधन के बाद असम कांग्रेस का मनोबल काफी प्रभावित हुआ, क्योंकि वह कद्दावर नेता थे. जब हम जनवरी में यहां आए तो लोग बीजेपी के खिलाफ आक्रामक प्रचार अभियान के लिए उत्साहित नहीं थे.’’
भूपेश बघेल के कंधे पर असम की जिम्मेदारी
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए असम इकाई का पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने पर सकारात्मक दिशा में चीजें बदलने लगी. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 15-20 दिनों में माहौल बदला है और ऊर्जावान नजर आ रही कांग्रेस, बीजेपी और उसकी सहयोगियों के खिलाफ आक्रामक प्रचार कर रही है.’’नाम नहीं जाहिर करने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब पार्टी सत्तारूढ़ राजग को कड़ी टक्कर देने के प्रति आश्वस्त है.’’ शिवसागर में 14 फरवरी को रैली के जरिए असम में प्रचार अभियान की शुरुआत के वक्त राहुल गांधी के साथ बघेल भी थे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए लगातार असम का दौरा कर रहे हैं.
बूथ प्रबंधन पर कांग्रेस का ध्यान
रणनीति के बारे में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ से आयी टीम सूक्ष्म स्तरीय बूथ प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रही है. पदाधिकारी ने बताया, ‘‘करीब 15 विशेष प्रशिक्षक आए हैं और उन्होंने एक फरवरी से 100 निर्वाचन क्षेत्रों में करीब 100 प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं. अगले दो -तीन दिनों में असम में सभी 126 निर्वाचन क्षेत्रों में यह पूरा होगा.’’
प्रशिक्षण के पहले स्तर के पूरा होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में जाएंगे. इसके बाद चुनाव होने तक दूसरे और तीसरे दौर के प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी में प्रत्येक मतदान केंद्र के स्तर पर पन्ना प्रभारी की भूमिका होती है. लेकिन छत्तीसगढ़ में उनका मॉडल नाकाम रहा, क्योंकि यह ज्यादा मनौवैज्ञानिक रणनीति है. हम शुद्ध विज्ञान और गणित पर काम कर रहे हैं.’’
गठबंधन में चुनाव लड़ रही कांग्रेस
बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा, ‘‘हमारी टीम असम कांग्रेस के साथ करीबी तालमेल से काम कर रही है. जमीन पर पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है.’’ वर्ष 2001 से 15 साल तक असम में सत्ता में रही कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ गठबंधन किया है.

असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए मार्च-अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है.
दूसरे राज्य से आए और करीब एक महीने से यहां चुनावी अभियान का काम देख रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जमीन पर छत्तीसगढ़ की एक टीम के काम करने के बाद पार्टी में नई ऊर्जा दिख रही है. उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (Tarun Gogoi) के निधन के बाद असम कांग्रेस का मनोबल काफी प्रभावित हुआ, क्योंकि वह कद्दावर नेता थे. जब हम जनवरी में यहां आए तो लोग बीजेपी के खिलाफ आक्रामक प्रचार अभियान के लिए उत्साहित नहीं थे.’’
भूपेश बघेल के कंधे पर असम की जिम्मेदारी
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए असम इकाई का पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने पर सकारात्मक दिशा में चीजें बदलने लगी. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 15-20 दिनों में माहौल बदला है और ऊर्जावान नजर आ रही कांग्रेस, बीजेपी और उसकी सहयोगियों के खिलाफ आक्रामक प्रचार कर रही है.’’नाम नहीं जाहिर करने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब पार्टी सत्तारूढ़ राजग को कड़ी टक्कर देने के प्रति आश्वस्त है.’’ शिवसागर में 14 फरवरी को रैली के जरिए असम में प्रचार अभियान की शुरुआत के वक्त राहुल गांधी के साथ बघेल भी थे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए लगातार असम का दौरा कर रहे हैं.
बूथ प्रबंधन पर कांग्रेस का ध्यान
रणनीति के बारे में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ से आयी टीम सूक्ष्म स्तरीय बूथ प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रही है. पदाधिकारी ने बताया, ‘‘करीब 15 विशेष प्रशिक्षक आए हैं और उन्होंने एक फरवरी से 100 निर्वाचन क्षेत्रों में करीब 100 प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं. अगले दो -तीन दिनों में असम में सभी 126 निर्वाचन क्षेत्रों में यह पूरा होगा.’’
प्रशिक्षण के पहले स्तर के पूरा होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में जाएंगे. इसके बाद चुनाव होने तक दूसरे और तीसरे दौर के प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी में प्रत्येक मतदान केंद्र के स्तर पर पन्ना प्रभारी की भूमिका होती है. लेकिन छत्तीसगढ़ में उनका मॉडल नाकाम रहा, क्योंकि यह ज्यादा मनौवैज्ञानिक रणनीति है. हम शुद्ध विज्ञान और गणित पर काम कर रहे हैं.’’
गठबंधन में चुनाव लड़ रही कांग्रेस
बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा, ‘‘हमारी टीम असम कांग्रेस के साथ करीबी तालमेल से काम कर रही है. जमीन पर पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है.’’ वर्ष 2001 से 15 साल तक असम में सत्ता में रही कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ गठबंधन किया है.
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए मार्च-अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है.