नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) को असंवैधानिक करार दिया. साथ ही कहा कि अब इस असंवैधानिक विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लड़ाई लड़ी जाएगी. आईएनएक्स मीडिया केस में दो महीने से ज्यादा तिहाड़ जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए चिदंबरम ने बीजेपी पर आम लोगों की उम्मीदों को कुचलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि देश के लोग एक पार्टी को पूर्ण बहुमत देने का खामियाजा भुगत रहे हैं.
पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ता जा रहा है विधेयक का विरोध
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया थात्र कई झघंटे की गरमा-गरम बहस के बाद 311 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया. विपक्ष लगातार इस विधेयक को भेदभाव बढ़ाने वाला करार दे रहा है. विपक्ष का यह भी कहना है कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन करता है. वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. क्षेत्रीय दलों के समर्थन से स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने पूर्वोत्तर में 11 घंटे के बंद का आह्वान किया है. लोकसभा से पारित होने के बाद अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का भी दिया संकेत
अगर बिल संसद के उच्च सदन से भी पारित हो जाता है तो कांग्रेस इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है. चिदंबरम ने भी मंगलवार को किए ट्वीट में विधेयक के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में लड़ाई लड़ने का संकेत दिया है. उन्होंने लिखा कि चुने हुए सांसद वकीलों और न्यायाधीशों के पक्ष में अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं. नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पूरी तरह से असंवैधानिक है. उन्होंने आगे लिखा कि संसद एक विधेयक पारित करती है, जो स्पष्ट तौर पर असंवैधानिक है. इसके बाद युद्ध का मैदान शीर्ष अदालत में ही स्थानांतरित होगा.
पहला बिल, जिसके तहत धर्म के आधार पर मिलेगी नागरिकता
नागरिकता संशोधन विधेयक के कानून बनने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताडि़त होने वाले गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी हो जाएगी. ये ऐसा पहला विधेयक होगा, जिसके तहत लोगों को धर्म के आधार पर भारत की नागरिकता मिलेगी. बता दें कि इस सप्ताह 1,000 से ज्यादा लोगों ने विधेयक पर चिंता जताने वाले बयान पर हस्ताक्षर किए थे. वहीं, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के अलावा कई पार्टियों ने लोकसभा में इसका विरोध किया था.
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FIRST PUBLISHED : December 10, 2019, 15:17 IST