कांग्रेस ने गुजरात परीक्षा में ‘गड़बड़ी’ का सीसीटीवी फुटेज जारी किया
News18Hindi Updated: November 29, 2019, 6:41 PM IST

GSSSB के अध्यक्ष ने वीडियो पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
GSSSB के अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर जांच के बाद सरकार इस मुद्दे पर बयान जारी करेगी.
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- Last Updated: November 29, 2019, 6:41 PM IST
अहमदाबाद. गुजरात में विपक्षी कांग्रेस ने गैर-सचिवालय लिपिक एवं कार्यालय सहायकों की भर्ती के लिए हाल में आयोजित लिखित परीक्षा को शुक्रवार को रद्द करने की मांग की. उसने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा से संपर्क रखने वाले प्रतियोगियों के पक्ष में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई. पार्टी ने अपने दावे को साबित करने के लिए सुरेंद्रनगर जिले के वधावन शहर में दो अलग-अलग परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज जारी किए.
परीक्षा का आयोजन गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (जीएसएसएसबी) ने 17 नवंबर को किया था. एक वीडियो क्लिप में एक प्रतियोगी को नकल की पर्ची से नकल करते देखा जा सकता है जो उसे तब मिला था जब वह करीब 30 मिनट के लिए परीक्षा भवन से बाहर था. एक अन्य वीडियो में एक प्रतियोगी अपना मोबाइल फोन चलाते दिख रहा है, जो परीक्षा में ले जाना प्रतिबंधित होता है.
लोगों की मदद के लिए ऐसी गड़बड़ी कई अन्य केंद्रों पर हुई- कांग्रेस
दूसरे वीडियो में दिख रहा व्यक्ति परीक्षा पर्यवेक्षक की उपस्थिति में भी अपने प्रश्नपत्र का फोटो खींचता नजर आ रहा है. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित लोगों की मदद के लिए ऐसी गड़बड़ी कई अन्य केंद्रों पर हुई.उन्होंने कहा, 'हमारे पास अन्य केंद्रों के फुटेज नहीं हैं लेकिन हमें यकीन है कि कई परीक्षा केंद्रों पर ऐसी गड़बड़ियां हुईं. हाल में हमने राज्यपाल को इस पर अभिवेदन पेश किया था.' चावड़ा ने यहां पत्रकारों से कहा, 'यह भर्ती घोटाला मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले से भी बड़ा है. भाजपा सरकार ने इस परीक्षा में शामिल हुए 10 लाख से अधिक प्रतिभागियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.'
जीएसएसएसबी ने कहा जारी करेंगे बयान
उन्होंने आरोप लगाया, 'यह पहली बार नहीं है जब ऐसा घोटाला सामने आया है. गुजरात सरकार हाल के समय की किसी भी परीक्षा में पारदर्शिता लाने में नाकाम रही है. जिन प्रतियोगियों के भाजपा से संबंध थे उनकी मदद के लिए जानबूझकर पारदर्शिता से समझौता किया गया. ऐसे कदाचारों के जरिए कई पार्टी कार्यकर्ताओं को नौकरियां दी गईं.'17 नवंबर को हुए लिपिक परीक्षा को रद्द करने की मांग के अलावा कांग्रेस नेता ने हाल के समय में राज्य सरकार द्वारा आयोजित 11 भर्ती परीक्षाओं में भी न्यायिक जांच की मांग की. बहरहाल जीएसएसएसबी के अध्यक्ष असित वोरा ने इन सीसीटीवी फुटेज पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर जांच के बाद सरकार इस मुद्दे पर बयान जारी करेगी.
यह भी पढ़ें: 6 साल में सबसे कम हुई GDP ग्रोथ तो कांग्रेस बोली- सब चंगा नहीं, सब मंदा सी...
परीक्षा का आयोजन गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (जीएसएसएसबी) ने 17 नवंबर को किया था. एक वीडियो क्लिप में एक प्रतियोगी को नकल की पर्ची से नकल करते देखा जा सकता है जो उसे तब मिला था जब वह करीब 30 मिनट के लिए परीक्षा भवन से बाहर था. एक अन्य वीडियो में एक प्रतियोगी अपना मोबाइल फोन चलाते दिख रहा है, जो परीक्षा में ले जाना प्रतिबंधित होता है.
लोगों की मदद के लिए ऐसी गड़बड़ी कई अन्य केंद्रों पर हुई- कांग्रेस
दूसरे वीडियो में दिख रहा व्यक्ति परीक्षा पर्यवेक्षक की उपस्थिति में भी अपने प्रश्नपत्र का फोटो खींचता नजर आ रहा है. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित लोगों की मदद के लिए ऐसी गड़बड़ी कई अन्य केंद्रों पर हुई.उन्होंने कहा, 'हमारे पास अन्य केंद्रों के फुटेज नहीं हैं लेकिन हमें यकीन है कि कई परीक्षा केंद्रों पर ऐसी गड़बड़ियां हुईं. हाल में हमने राज्यपाल को इस पर अभिवेदन पेश किया था.' चावड़ा ने यहां पत्रकारों से कहा, 'यह भर्ती घोटाला मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले से भी बड़ा है. भाजपा सरकार ने इस परीक्षा में शामिल हुए 10 लाख से अधिक प्रतिभागियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.'
जीएसएसएसबी ने कहा जारी करेंगे बयान
उन्होंने आरोप लगाया, 'यह पहली बार नहीं है जब ऐसा घोटाला सामने आया है. गुजरात सरकार हाल के समय की किसी भी परीक्षा में पारदर्शिता लाने में नाकाम रही है. जिन प्रतियोगियों के भाजपा से संबंध थे उनकी मदद के लिए जानबूझकर पारदर्शिता से समझौता किया गया. ऐसे कदाचारों के जरिए कई पार्टी कार्यकर्ताओं को नौकरियां दी गईं.'
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First published: November 29, 2019, 6:37 PM IST
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