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कांग्रेस के युवा नेताओं में भी पॉपुलर थीं सुषमा स्वराज, आरपीएन सिंह बोले- उनके सवालों से घबराते थे हम

अलग पार्टी और अलग विचारधारा रहते हुए भी हमेशा सुषमा स्‍वराज ने कांग्रेस के युवा नेताओं में जोश भरा.

अलग पार्टी और अलग विचारधारा रहते हुए भी हमेशा सुषमा स्‍वराज ने कांग्रेस के युवा नेताओं में जोश भरा.

सुषमा स्वराज भले ही भारतीय जनता पार्टी की नेता थींं, लेकिन दूसरी पार्टियों के नेताओं ने भी उनसे बहुत कुछ सीखा है.

    पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का निधन भारतीय राजनीति में अपूर्णीय क्षति है. इसका उदाहरण उनकी निधन की खबर के साथ नेताओं की प्रतिक्रिया बताती है. एक प्रखर वक्ता के साथ ही सुषमा स्वराज विनम्र और अलौकिक व्यक्तित्व की राजनेता थी. ये बातें कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने उनके बारे में अपने पत्र में लिखीं. सुषमा स्वराज के निधन की खबर के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के नेता तो उनके अंतिम दर्शन के लिए गए ही, बल्कि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी उनके घर पहुंच कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

    सुषमा स्वराज भले ही भारतीय जनता पार्टी की नेता थींं, लेकिन दूसरी पार्टियों के नेताओं ने भी उनसे बहुत कुछ सीखा है. सुषमा स्वराज कांग्रेस के युवा नेताओं में भी बहुत पॉपुलर थींं. आज उनके निधन पर कांग्रेस के युवा नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके साथ जुड़ी यादों को भी साझा किया. ऐसे ही कुछ नेताओं से न्यूज़ 18 ने बात की और जानना चाहा कि सुषमा स्वराज के साथ उनके रिश्ते कैसे थे.

    आरपीएन सिंह (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
    अलग पार्टी, अलग विचारधारा रहते हुए भी हमेशा सुषमा जी हमें प्रोत्साहित करती थीं. भाषा और शब्दों पर उनकी अच्छी पकड़ थी. जब मैं मंत्री था वो सदन में विपक्ष की नेता थीं. उनके सवाल पर हमें अच्छे से तैयारी करनी पड़ती थी।

    शशि थरूर(पूर्व केंद्रीय मंत्री)
    सुषमा स्वराज के निधन की खबर CWC बैठक के दौरान आई. हम सब स्तब्ध थे. इस तरह उनका जाना हम सब को बहुत दुःखी करने वाला है. जब वो विदेश मंत्री थीं तब मैं एक्सटर्नल कमिटी का सदस्य था. विदेश मामले पर हमेशा उनसे चर्चा होती थी. यकीनन उनका जाना देश के लिए एक बड़ी क्षति है.

    शक्तिसिंह गोहिल( गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता)
    सुषमा स्वराज से हमारी विचारधारा अलग थी, लेकिन उनसे सभी पार्टी के नेताओं से सीखना चाहिए. कच्छ के मछुआरे दुबई में फंस गए थे और कच्छ के विधायक होने के नाते मैंने उनसे मदद मांगी थी. जबकि विदेश मंत्री के नाते उन्होंने मदद की. समय ने उनका साथ नहीं दिया, नहीं तो वो और बड़े मुकाम पर वो पहुंच सकती थीं.

    पीएल पुनिया (राज्यसभा सांसद,कांग्रेस)
    सुषमा स्वराज की आकस्मिक मृत्यु ने देश की राजनीति में एक अपूर्णीय क्षति दी है. वह 15वीं लोकसभा में विपक्ष की नेता थीं, लेकिन विपक्ष की सफल नेता थीं. विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने देश की जनता से अपना संबंध कभी खत्म नहीं किया. विदेश में फंसे किसी भी भारतीय के लिए वो हमेशा खड़ी रहती थी,एक ट्वीट पर उन्होंने लोगों की मदद की है.

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    Tags: BJP, Congress, SHASHI THAROOR, Sonia Gandhi, Sushma swaraj, Sushma swaraj death

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