बच्चों को नहीं दी जाएगी कोरोना वायरस की वैक्सीन, जानें क्या है वजह?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि बच्चों को कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं दी जाएगी. (सांकेतिक तस्वीर)
Coronavirus Vaccine: नीति आयोग (Nitin Aayog) के सदस्य डॉ वी के पॉल (Dr VK Paul) ने बताया कि अभी तक जो अंतराष्ट्रीय जो गाइडलाइन बनी है उस हिसाब से बच्चों को ये (कोरोना) वैक्सीन देने की जरूरत नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 22, 2020, 7:57 PM IST
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) जल्द आ जायेगी लेकिन इस बीच केंद्र सरकार (Central Government) ने मंगलवार को बड़ी घोषणा की. सरकार ने कहा कि बच्चों को कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) देने की जरूरत नहीं है. नीति आयोग (Nitin Aayog) के सदस्य डॉ वी के पॉल (Dr VK Paul) ने बताया कि अभी तक जो अंतराष्ट्रीय जो गाइडलाइन बनी है उस हिसाब से बच्चों को ये (कोरोना) वैक्सीन देने की जरूरत नहीं है. सरकार ने देश में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है. जिसमे सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और दूसरी गम्भीर बीमारी से पीड़ित लोगों को दी जाएगी.
नीति आयोग सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि ये ज़्यादा उम्र के लोगों की बीमारी पाई गई है. अभी तक जो सुबूत मिले हैं उसके आधार पर बच्चों को वैक्सीन देने का कोई कारण नहीं है. वैसे भी अभी तक जो ट्रायल हुए हैं वह 18 वर्ष से ऊपर के लोगों पर हुए हैं. इसके अलावा ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार को लेकर वीके पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस (सार्स कोव-दो स्ट्रेन) के नए स्वरूप से वैक्सीन के विकास पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
ये भी पढ़ें- यमुना एक्सप्रेस-वे पर अगर यह 4 काम हो जाएं तो कम हो सकते हैं एक्सीडेंट
पॉल ने कहा, ‘‘अब तक उपलब्ध आंकड़ों, विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि घबराने की कोई बात नहीं लेकिन और सतर्क रहना पड़ेगा. हमें समग्र प्रयासों से इस नयी चुनौती से निपटना होगा. ’’नए वायरस के इलाज के दिशानिर्देशों में नहीं हुआ बदलाव
उन्होंने कहा कि वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर उपचार को लेकर दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है और खास कर देश में तैयार किए जा रहे टीका पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा.
पॉल ने कहा कि स्वरूप में बदलाव से वायरस ज्यादा संक्रामक हो सकता है. यह जल्दी संक्रमण फैला सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस 70 गुणा ज्यादा संक्रमण फैलाता है. एक तरीके से कह सकते हैं कि यह ‘सुपर स्प्रेडर’ है लेकिन इससे मृत्यु, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं बढ़ता है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाता है.’’
ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- ये ज्यादा लोगों को बीमार करने वाला है
पॉल ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है और ‘‘हम देश में इस तरह का वायरस का पता लगाने का काम कर रहे हैं.’’

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि मध्य सितंबर के बाद से कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है.
नीति आयोग सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि ये ज़्यादा उम्र के लोगों की बीमारी पाई गई है. अभी तक जो सुबूत मिले हैं उसके आधार पर बच्चों को वैक्सीन देने का कोई कारण नहीं है. वैसे भी अभी तक जो ट्रायल हुए हैं वह 18 वर्ष से ऊपर के लोगों पर हुए हैं. इसके अलावा ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार को लेकर वीके पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस (सार्स कोव-दो स्ट्रेन) के नए स्वरूप से वैक्सीन के विकास पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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पॉल ने कहा, ‘‘अब तक उपलब्ध आंकड़ों, विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि घबराने की कोई बात नहीं लेकिन और सतर्क रहना पड़ेगा. हमें समग्र प्रयासों से इस नयी चुनौती से निपटना होगा. ’’नए वायरस के इलाज के दिशानिर्देशों में नहीं हुआ बदलाव
उन्होंने कहा कि वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर उपचार को लेकर दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है और खास कर देश में तैयार किए जा रहे टीका पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा.
पॉल ने कहा कि स्वरूप में बदलाव से वायरस ज्यादा संक्रामक हो सकता है. यह जल्दी संक्रमण फैला सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस 70 गुणा ज्यादा संक्रमण फैलाता है. एक तरीके से कह सकते हैं कि यह ‘सुपर स्प्रेडर’ है लेकिन इससे मृत्यु, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं बढ़ता है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाता है.’’
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पॉल ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है और ‘‘हम देश में इस तरह का वायरस का पता लगाने का काम कर रहे हैं.’’
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि मध्य सितंबर के बाद से कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है.