कोरोना वायरस: बंगाल में लॉकडाउन के उल्लंघन पर नाराज गृह मंत्रालय, कहा- दोबारा ऐसा हो तो...

भारत और ब्राजील में दोगुनी गति से फैला है कोरोना.
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव (Chief Sectretary) और पुलिस महानिदेशक (Director General of police) को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने यह भी कहा कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है.
- भाषा
- Last Updated: April 11, 2020, 9:21 PM IST
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में लॉकडाउन (Lockdown) में ‘क्रमिक छूट’ दिये जाने पर आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं (Non-Essential Goods) की दुकानें खुलने दी गयी तथा पुलिस (Police) ने धार्मिक कार्यक्रमों (Religious Programs) की भी इजाजत दी.
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव (Chief Sectretary) और पुलिस महानिदेशक (Director General of police) को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है.
पश्चिम बंगाल में गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं
इस पत्र में कहा गया है, ‘‘ सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल (West Bengal) में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है. राज्य सरकार द्वारा जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गयी है, उनकी संख्या बढ़ी है.’’
इस पत्र के अनुसार गैर-जरूरी चीजों (Non-Essential Goods) की दुकानें खुलने दी जा रही हैं.
'कोलकाता के कई इलाके के बाजारों में लॉकडाउन का पालन नहीं'
मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता (Kolkata) में राजबाजार, नारकेल डांगा, टोपसिया, मेतियाबुर्ज,गार्डेनरीच, इकबालपुर और मुनिकटला जैसे स्थानों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है और वहां लोग आपस में दूरी बना कर रखने के नियमों को धत्ता बताते हुए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
महत्वपूर्ण बात यह है कि नारकेल डांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 (Covid-19) जैसे मामले कथित तौर पर अधिक नजर आये हैं.
भविष्य में लॉकडाउन के उल्लंघन की पुनरावृत्ति रोकने के दिए गए निर्देश
पत्र में कहा गया है, ‘‘यह भी सामने आया है कि पुलिस धार्मिक कार्यक्रमों (Religious programs) की इजाजत देती रही है. मुफ्त राशन संस्थागत आपूर्ति प्रणाली के माध्यम से नहीं बांटे जा रहे, बल्कि नेताओं द्वारा बांटे जा रहे. हो सकता है कि इसकी वजह से कोविड-19 संक्रमण बढ़ा हो.’’
मंत्रालय ने कहा कि ऐसी गतिविधियां केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (Disaster Management Act, 2005) के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के विरूद्ध हैं और ये इस कानून के तहत कार्रवाई किये जाने लायक हैं.
पत्र में कहा गया है, ‘‘ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और मंत्रालय को इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट दी जाए. यह अनुरोध भी किया जाता है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों (Violations) की पुनरावृति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाये जाएं.’’
यह भी पढ़ें: COVID-19: देखभाल के लिए आयुष मंत्रालय ने इम्युनिटी बढ़ाने के उपायों को दोहराया
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव (Chief Sectretary) और पुलिस महानिदेशक (Director General of police) को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है.
पश्चिम बंगाल में गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं
इस पत्र में कहा गया है, ‘‘ सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल (West Bengal) में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है. राज्य सरकार द्वारा जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गयी है, उनकी संख्या बढ़ी है.’’
इस पत्र के अनुसार गैर-जरूरी चीजों (Non-Essential Goods) की दुकानें खुलने दी जा रही हैं.
'कोलकाता के कई इलाके के बाजारों में लॉकडाउन का पालन नहीं'
मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता (Kolkata) में राजबाजार, नारकेल डांगा, टोपसिया, मेतियाबुर्ज,गार्डेनरीच, इकबालपुर और मुनिकटला जैसे स्थानों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है और वहां लोग आपस में दूरी बना कर रखने के नियमों को धत्ता बताते हुए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
महत्वपूर्ण बात यह है कि नारकेल डांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 (Covid-19) जैसे मामले कथित तौर पर अधिक नजर आये हैं.
भविष्य में लॉकडाउन के उल्लंघन की पुनरावृत्ति रोकने के दिए गए निर्देश
पत्र में कहा गया है, ‘‘यह भी सामने आया है कि पुलिस धार्मिक कार्यक्रमों (Religious programs) की इजाजत देती रही है. मुफ्त राशन संस्थागत आपूर्ति प्रणाली के माध्यम से नहीं बांटे जा रहे, बल्कि नेताओं द्वारा बांटे जा रहे. हो सकता है कि इसकी वजह से कोविड-19 संक्रमण बढ़ा हो.’’
मंत्रालय ने कहा कि ऐसी गतिविधियां केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (Disaster Management Act, 2005) के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के विरूद्ध हैं और ये इस कानून के तहत कार्रवाई किये जाने लायक हैं.
पत्र में कहा गया है, ‘‘ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और मंत्रालय को इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट दी जाए. यह अनुरोध भी किया जाता है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों (Violations) की पुनरावृति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाये जाएं.’’
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