New Covid Treatment Guidelines: कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवाओं के संबंध में संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि चिकित्सकों को कोविड-19 (Covid-19) मरीजों को स्टेरॉयड (Steroid) देने से बचना चाहिए. साथ ही इसमें ड्रग्स के अधिक सेवन को लेकर भी चेतावनी दी गई है. हाल ही में कोविड पर सरकार की टास्क फोर्स प्रमुख ने संक्रमण की दूसरी लहर (Covid Second Wave) के दौरान ड्रग्स के ज्यादा इस्तेमाल पर दुख जाहिर किया था.
संशोधित दिशा निर्देशों में कहा गया है कि स्टेरॉयड जैसे ड्रग्स का अगर ज्य़ादा, समय से पहले या जरूरत से अधिक लंबे समय तक इस्तेमाल किया गया, तो यह म्यूकरमाइकोसिस या ‘ब्लैक फंगस’ जैसे दूसरे संक्रमण के जोखिम को बढ़ाते हैं. गाइडलाइंस में कहा गया है कि अगर कफ दो या तीन हफ्ते से ज्यादा है, तो मरीजों को टीबी और अन्य परेशानियों की जांच करानी चाहिए.
संशोधित गाइडलाइंस के अनुसार, सांस लेने में परेशानी या हाइपॉक्सिया के बगैर अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट लक्षणों को हल्की बीमारी में रखा गया है. इसमें होम आइसोलेशन और ख्याल रखने की सलाह दी गई है. साथ ही सांस लेने में परेशानी, ज्यादा बुखार या 5 दिनों से ज्यादा समय तक गंभीर खांसी से गुजर रहे कोविड के हल्के मरीजों को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
जिन मरीजों की सांस फूल रही है और ऑक्सीजन सेच्युरेशन 90-93 फीसदी के बीच बार-बार बदल रहा है उन्हें भर्ती किया जा सकता है. इन मरीजों में बीमारी को मध्यम माना गया है और इन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाना चाहिए. जिनकी सांस लेने की दर प्रति मिनट 30 से ज्यादा है, सांस फूलने की परेशानी है या ऑक्सीजन सेच्युरेशन 90 फीसदी है या कम है, उन्हें गंभीर मामला माना जाएगा और ऐसे मरीजों को ICU में दाखिल करना जरूरी है. इनमें रेस्पिरेटरी सपोर्ट की जरूरत होती है.
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भाषा के अनुसार, संशोधित दिशानिर्देशों में रोगियों में मामूली से लेकर गंभीर लक्षण होने पर रेमडेसिवर के आपातकालीन या ‘ऑफ लेबल’ उपयोग की अनुमति दी गयी है. इसका उपयोग केवल उन्हीं रोगियों पर किया जा सकता है जिनको कोई भी लक्षण होने के 10 दिन के भीतर ‘रेनल’ या ‘हेप्टिक डिस्फंक्शन’ की शिकायत न हुई हो. इसमें आगाह किया गया है कि जो रोगी ऑक्सीजन कृत्रिम तरीके से नहीं ले रहे हैं या घर में हैं, उन पर इस दवा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, रोग से बुरी तरह प्रभावित होने और विशेष रूप से रोग की गंभीरता या गहन चिकित्सा केंद्र (आईसीयू) में भर्ती होने के 24 से 48 घंटे के बीच रोगी को आपात उपयोग या ‘ऑफ लेबल’ उपयोग के लिए टोसिलीजुमाब दवा दी जा सकती है.
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