Coronavirus New Strain: कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की भारत में भी एंट्री, ब्रिटेन से लौटे छह लोग पाए गए संक्रमित

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Coronavirus in India: कोरोना वायरस का ये नया वैरिएंट (COVID-19 New Strain) तीन गुना ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. हालांकि कोविड-19 का ये नया स्ट्रेन कितना खतरनाक है, यह स्पष्ट नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 29, 2020, 12:19 PM IST
नई दिल्ली. ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक नए स्ट्रेन (Coronavirus New Strain) ने भारत में भी दस्तक दे दी है. वहां से लौटे से कम 6 लोगों के सैंपल यूके वैरिएंट जीनोम (Coronavirus In India) से संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से 3 लोग निमहंस बेंगलुरु, 2 सीसीएमबी हैदराबाद और एक एनआईवी पुणे में भर्ती हैं.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इन सभी संक्रमितों को राज्य सरकारों द्वारा डेडिकेटेड मेडिकल फैसेलिटी में आइसोलेट रखा गया है. उनके संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटीन कर दिया गया है. इसके साथ ही इनके साथ यात्रा करने वाले, पारिवारिक संपर्कों और अन्य लोगों के लिए ट्रेसिंग अभियान शुरू कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार अन्य सैंपल्स की भी जीनोम सीक्वेंसिंग हो रही है.
जानकारी दी गई कि सभी संक्रमितों की स्थिति की निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही INSACOG प्रयोगशालाओं में सैंपल्स के सर्विलांस, कंटेंनमेंट, टेस्टिंग और डिस्पैच के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है.हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही - स्वास्थ्य मंत्रालय
कोरोना वायरस का ये नया वैरिएंट (B.1.1.7) तीन गुना ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. ब्रिटेन में इसने प्रभावित इलाकों में कोरोना के मामलों में 300 प्रतिशत का इजाफा किया है. हालांकि कोविड-19 का ये नया स्ट्रेन कितना खतरनाक है, यह स्पष्ट नहीं है. वैज्ञानिक फिलहाल इसके जीनोम संरचना पर रिसर्च कर रहे हैं और यह पता लगाने में जुटे हैं कि इसमें हुए म्यूटेशन से वायरस और ज्यादा खतरनाक हो गया है या फिर कमजोर.

वहीं इन 6 नये मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है.’ उसने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इन सभी संक्रमितों को राज्य सरकारों द्वारा डेडिकेटेड मेडिकल फैसेलिटी में आइसोलेट रखा गया है. उनके संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटीन कर दिया गया है. इसके साथ ही इनके साथ यात्रा करने वाले, पारिवारिक संपर्कों और अन्य लोगों के लिए ट्रेसिंग अभियान शुरू कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार अन्य सैंपल्स की भी जीनोम सीक्वेंसिंग हो रही है.
जानकारी दी गई कि सभी संक्रमितों की स्थिति की निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही INSACOG प्रयोगशालाओं में सैंपल्स के सर्विलांस, कंटेंनमेंट, टेस्टिंग और डिस्पैच के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है.हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही - स्वास्थ्य मंत्रालय
कोरोना वायरस का ये नया वैरिएंट (B.1.1.7) तीन गुना ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. ब्रिटेन में इसने प्रभावित इलाकों में कोरोना के मामलों में 300 प्रतिशत का इजाफा किया है. हालांकि कोविड-19 का ये नया स्ट्रेन कितना खतरनाक है, यह स्पष्ट नहीं है. वैज्ञानिक फिलहाल इसके जीनोम संरचना पर रिसर्च कर रहे हैं और यह पता लगाने में जुटे हैं कि इसमें हुए म्यूटेशन से वायरस और ज्यादा खतरनाक हो गया है या फिर कमजोर.
वहीं इन 6 नये मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है.’ उसने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है.