नई दिल्ली. देशभर में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Coronavirus Omicron Variant) के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे अपने बचाव अभियान को कम न होने दें. गुरुवार को हुई बैठक में केंद्र ने राज्यों से कहा कि कोविड महामारी (Covid-19 Pandemic) के खिलाफ लड़ाई में अपनी तैयारी बनाए रखें तथा नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मद्देनजर पांच गुना रणनीति का पालन करें.
राज्यों को जिला और स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थानीय नियंत्रण (कंटेनमेंट) (Local control by Administration) उपायों को लागू करने के लिए कहा गया है, खासतौर पर जब टेस्ट पॉजिटिविटी 10 फीसदी से अधिक बढ़ जाए या ऑक्सीजन युक्त बिस्तर 40 प्रतिशत से अधिक बुक हो जाएं. कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र ने राज्यों को 5 स्तरीय रणनीति अपनाने की सलाह दी है.
केंद्र ने कहा, स्थानीय स्थिति और जनसंख्या विशेषताओं जैसे घनत्व और अन्य के आधार पर और ओमिक्रॉन की उच्च संचरण क्षमता को ध्यान में रखते हुए, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश इन सीमाओं तक पहुंचने से पहले ही रोकथाम के उपाय कर सकते हैं और प्रतिबंध लगा सकते हैं. राज्यों को कंटेनमेंट, टेस्टिंग और सर्विलांस, क्लीनिकल मैनेजमेंट, कोविड सेफ बिहेवियर और कंटेनमेंट के साथ पांच स्तरीय रणनीति का पालन करने की सलाह दी गई है.
रोकथाम के मुद्दे पर, राज्यों को रात में कर्फ्यू लगाने और बड़ी सभाओं का सख्त नियमन सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है, खासकर आगामी उत्सवों से पहले सख्ताई बरतने की हिदायत दी गई है. केंद्र ने कहा है कि राज्यों को सभी जिलों में डेल्टा और ओमिक्रॉन मामलों की संख्या पर और दिन-प्रतिदिन और सप्ताह-दर-सप्ताह मामलों की पॉजिटिविटी पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है.
केंद्र ने राज्यों की सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि किसी भी प्रतिबंध को न्यूनतम 14 दिनों के लिए लागू किया जाना चाहिए. भूषण ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के सिंड्रोम आम सर्दी की तरह पेश आते हैं, जिसमें ट्रांसमिसिबिलिटी (संक्रमण का फैलाव) और दोहरीकरण समय की उच्च दर होती है, इसलिए कोविड की रोकथाम के लिए सिंड्रोमिक ²ष्टिकोण को नियोजित किया जा सकता है.
राज्यों को यह भी सूचित किया गया है कि मौजूदा राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल ओमिक्रॉन के लिए अपरिवर्तित है. राज्यों को बिस्तर की क्षमता बढ़ाने, एम्बुलेंस जैसी रसद सुनिश्चित करने और रोगियों के निर्बाध स्थानांतरण के लिए तंत्र लागू करने की सलाह दी गई. मंत्रालय ने राज्यों को सलाह देते हुए कहा, आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज (ईसीआरपी-2) के तहत स्वीकृत धन का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करें कि स्वास्थ्य प्रणालियों की अपेक्षित क्षमता किसी भी आपात स्थिति का जवाब देने के लिए हॉटस्पॉट पर/उसके पास विकसित की गई हो.
कोविड सेफ बिहेवियर के मोर्चे पर, राज्यों से कहा गया है कि वे यह भी सुनिश्चित करें कि नागरिकों के बीच कोई गलत सूचना का प्रसार न हो, जिससे घबराहट पैदा हो सके. राज्यों से कहा गया है कि वे छूटे हुए पहली और दूसरी खुराक के पात्र लाभार्थियों का 100 प्रतिशत कवरेज त्वरित तरीके से सुनिश्चित करें और उन जिलों पर विशेष ध्यान दें, जहां पहली और दूसरी खुराक कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है.
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FIRST PUBLISHED : December 23, 2021, 19:43 IST