Coronavirus Vaccine Updates: भारत में बन रही कोविशील्ड पहले डोज़ में 90% असरदार, SII ने दी गुड न्यूज

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में इस वक्त 5 वैक्सीन अपने प्रोसेस के आखिरी दौर में हैं.
Coronavirus Vaccine Updates: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford) के साथ मिलकर यह वैक्सीन बना रही कंपनी AstraZeneca ने सोमवार को कहा कि उसकी वैक्सीन एक डोज़ के रेजीमेन के तहत 90 फीसदी तक प्रभावी हो सकती है. भारत में यह वैक्सीन 'कोविशील्ड' नाम से उपलब्ध होगी.
- News18Hindi
- Last Updated: November 23, 2020, 11:01 PM IST
Coronavirus Vaccine Updates: भारत में कोरोना वायरस के मामले 91 लाख पार कर गए हैं. अब तक 1 लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की जान भी जा चुकी है. इन सबके बीच सभी को कोरोना की वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) का इंतजार है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में इस वक्त 5 वैक्सीन अपने प्रोसेस के आखिरी दौर में हैं. इनमें से दो वैक्सीन के फरवरी 2021 तक मिलने की संभावना है. इस बीच भारत में ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute) ने बताया कि AstraZeneca कोरोना वायरस से बचाव में 90% असरदार रही है.
ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका ने बयान जारी कर बताया कि यूके और ब्राजील में किए गए परीक्षणों में वैक्सीन (AZD1222) खासी असरदार पाई गई. आधी डोज में दिए जाने पर वैक्सीन 90% तक इफेक्टिव मिली. इसके बाद दूसरे महीने में फुल डोज दिए जाने पर 62% असरदार देखी गई. इसके एक महीने बाद फिर दो फुल डोज में वैक्सीन का असर 70% देखा गया. ये वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रहा है. भारत में यह वैक्सीन 'कोविशील्ड' नाम से उपलब्ध होगी.
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दुनियाभर में 212 जगहों पर तैयार की जा रही वैक्सीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो दुनियाभर में भारत समेत 212 जगहों पर वैक्सीन तैयार की जा रही है. इन 212 में 164 वैक्सीन अभी प्री-क्लीनिकल स्टेज में है. अच्छी बात यह है कि 11 वैक्सीन अंतिम फेज के ट्रायल्स में हैं. इनमें फाइजर-बायोएनटेक और अमेरिका की फार्मास्यूटिकल कंपनी मॉडर्ना ने अपने कोविड- 19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के नतीजे जारी किए हैं. मॉडर्ना वैक्सीन को 94.5% और फाइजर-बायोएनटैक को 95% प्रतिशत प्रभावी पाया है. जल्द ही यह कंपनियां अप्रूवल के लिए आवेदन करने वाली है, जिससे इसी साल के अंत तक इनका प्रोडक्शन शुरू होगा और जल्द से जल्द हम तक पहुंचने की प्रक्रिया शुरू होगी.
भारत में कब तक मिल सकती है वैक्सीन?
देश के फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के लिए अगले साल जनवरी या फरवरी की शुरुआत में कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध हो सकता है. सरकार की तैयारी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज के लिए अप्रूवल देने की है. SII ने एस्ट्राजेनेका के साथ पार्टनरशिप कर रखी है. वहीं, देश में बनी कोविड वैक्सीन यानी भारत बायोटेक की Covaxin को भी फरवरी तक इमर्जेंसी अप्रूवल दिया जा सकता है. यानी फरवरी 2021 तक देश में कोविड-19 के दो-दो टीके उपलब्ध हो सकते हैं.
सीरम इंस्टिट्यूट दिसंबर में भारतीय रेगुलेटर के सामने इमर्जेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई कर सकता है. एक अधिकारी ने कहा, 'अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक होता है और कंपनी (SII) दिसंबर में इमर्जेंसी ऑथराइजेशन पा लेती है, तो हम जनवरी-फरवरी में वैक्सीन की पहली खेप की उम्मीद कर रहे हैं.' SII ने वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल लगभग पूरा कर लिया है और डेटा पर फॉलो-अप जल्द हो सकता है.
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कितनी हो सकती है कीमत?
दुनिया के लिए ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ही उम्मीदें जगा रही है. लंदन की एक रिसर्च फर्म के अनुसार, मध्य और निम्न आय वाले देशों में 40% खपत इसी टीके की होगी. यह वैक्सीन फाइजर के मुकाबले बेहद सस्ती है और कई देशों में इसका प्रॉडक्शन होगा. SII के चीफ अदार पूनावाला के मुताबिक, भारत में इस वैक्सीन की कीमत 1000 रुपये तक हो सकती है. इसके लिए अल्ट्रा-कोल्ड टेम्प्रेचर की भी जरूरत नहीं है.
ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका ने बयान जारी कर बताया कि यूके और ब्राजील में किए गए परीक्षणों में वैक्सीन (AZD1222) खासी असरदार पाई गई. आधी डोज में दिए जाने पर वैक्सीन 90% तक इफेक्टिव मिली. इसके बाद दूसरे महीने में फुल डोज दिए जाने पर 62% असरदार देखी गई. इसके एक महीने बाद फिर दो फुल डोज में वैक्सीन का असर 70% देखा गया. ये वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रहा है. भारत में यह वैक्सीन 'कोविशील्ड' नाम से उपलब्ध होगी.
One dosing regimen shows vaccine efficacy of 90% when AZD1222 was given as half dose, followed by full dose at least a month apart. Second dosing regimen shows 62% efficacy when given two full doses at least a month apart. Combined analysis has average efficacy of 70%:AstraZeneca https://t.co/7u6SJMRFD9
— ANI (@ANI) November 23, 2020
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दुनियाभर में 212 जगहों पर तैयार की जा रही वैक्सीन
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भारत में कब तक मिल सकती है वैक्सीन?
देश के फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के लिए अगले साल जनवरी या फरवरी की शुरुआत में कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध हो सकता है. सरकार की तैयारी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज के लिए अप्रूवल देने की है. SII ने एस्ट्राजेनेका के साथ पार्टनरशिप कर रखी है. वहीं, देश में बनी कोविड वैक्सीन यानी भारत बायोटेक की Covaxin को भी फरवरी तक इमर्जेंसी अप्रूवल दिया जा सकता है. यानी फरवरी 2021 तक देश में कोविड-19 के दो-दो टीके उपलब्ध हो सकते हैं.
सीरम इंस्टिट्यूट दिसंबर में भारतीय रेगुलेटर के सामने इमर्जेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई कर सकता है. एक अधिकारी ने कहा, 'अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक होता है और कंपनी (SII) दिसंबर में इमर्जेंसी ऑथराइजेशन पा लेती है, तो हम जनवरी-फरवरी में वैक्सीन की पहली खेप की उम्मीद कर रहे हैं.' SII ने वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल लगभग पूरा कर लिया है और डेटा पर फॉलो-अप जल्द हो सकता है.
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दुनिया के लिए ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ही उम्मीदें जगा रही है. लंदन की एक रिसर्च फर्म के अनुसार, मध्य और निम्न आय वाले देशों में 40% खपत इसी टीके की होगी. यह वैक्सीन फाइजर के मुकाबले बेहद सस्ती है और कई देशों में इसका प्रॉडक्शन होगा. SII के चीफ अदार पूनावाला के मुताबिक, भारत में इस वैक्सीन की कीमत 1000 रुपये तक हो सकती है. इसके लिए अल्ट्रा-कोल्ड टेम्प्रेचर की भी जरूरत नहीं है.