करीब डेढ़ साल का वक्त गुजर चुका है, लेकिन दुनिया अब तक कोरोना वायरस के चंगुल से आजाद नहीं हो पाई है. पहली लहर में लाखों संक्रमितों और मौतों के बाद एक बार फिर भारत में दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) ने दस्तक दी है. बीते मार्च से ही नए संक्रमितों का आंकड़ा नए रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है. वहीं, हजारों लोग रोज अपनी जान गंवा रहे हैं. हालांकि, वैक्सीन कार्यक्रम (Covid Vaccine) ने कुछ राहत तो दी थी, लेकिन आबादी और कई अन्य कारणों ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
हालात इस कदर बुरे हो गए हैं कि देश में चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ा गई है. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कई मरीजों ने
, जरूरी दवाओं और बिस्तरों की किल्लत के बीच अपनी जान गंवा दी. ऐसे में कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा रखना और भी मुश्किल हो गया है. कोरोना को लेकर अभी भी कई गुत्थियां अनसुलझी हैं, लेकिन यह तथ्य बना हुआ है कि कोविड जानलेवा है. हालांकि, आज भी कोविड-19 को लेकर कई आम सवाल सुनने में आ जाते हैं, लेकिन उनमें से कई का जवाब एक्सपर्ट्स के अलावा किसी के पास नहीं होता.
आइसोलेशन से बाहर निकलना कब सुरक्षित है?
आप अपने डॉक्टर से बात करें. आमतौर पर अगर आपको 3 दिनों से बुखार नहीं आया है या पहली बार लक्षण महसूस करने के बाद 17 दिन बीत चुके हैं, तो आप आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं. इसके अलावा अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है या किसी बिमारी से गुजर रहे हैं, तो डॉक्टर आपको लंबे समय के आइसोलेशन में भेज सकते हैं.
क्या किसी संक्रमित के करीब आए बगैर भी कोविड का शिकार हो सकते हैं?
हां, हाल ही में हुई कुछ स्टडीज बताती हैं कि कोविड छोटे ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलता है और यह बूंदे हवा में लंबे समय तक रह सकती हैं. खराब वेंटिलेशन वाले बंद कमरों में एक कोविड मरीज ऐसे छोटे ड्रॉपलेट्स को हवा में छोड़ सकता है. इसके बाद ये डॉपलेट्स एयर कंडीशनिंग सिस्टम के जरिए फैल सकते हैं. ऐसे में आपका मास्क लगाना बहुत ही जरूरी हो जाता है.
घर पर AC या रूम कूलर का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है?
अगर आप घर में AC का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो तापमान 24-300 सेल्सियस के बीच होना चाहिए. 40 से 70 प्रतिशत रिलेटिव ह्यूमिडिटी को अच्छा माना गया है, क्योंकि यह पैथोजन्स से होने वाली परेशानियों को कम करती है. इसके अलावा कमरे में ठंडी हवा का प्रसार बाहर की हवा के साथ भी होना चाहिए. अगर घर में संक्रमित और स्वस्थ व्यक्ति दोनों रह रहे हैं, तो सेंट्रलाइज्ड एसी से बचना चाहिए. अलग-अलग कमरों में एसी यूनिट्स होने चाहिए.
इसके बाद बारी आती है कूलर की, तो आप घर में एवेपोरैटिव कूलर का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन कूलर को वेंटिलेशन सुनिश्चित करने के लिए बाहर की हवा को भी खींचना चाहिए. इसके अलावा एवेपोरैटिव कूलर के टैंक को साफ और डिसइंफेक्ट रखना जरूरी है. टैंक से पानी को समय-समय पर बदलते रहें. पोर्टेबल एवेपोरैटिव कूलर बाहर की हवा को नहीं खींचते हैं. ऐसे में बंद जगह पर बढ़ती ह्यूमिडिटी के चलते उनकी ठंडक कम हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : April 27, 2021, 12:40 IST