कोरोना महामारी के बीच सेहत पर खर्च करने के मामले में बिहार देशभर में दूसरे नंबर पहुंच गया है.
नई दिल्ली. भारत में 3 सितंबर, 2021 तक लगभग 67.50 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccinations) डोज लगाए जा चुके हैं. भारत में वैक्सीनेशन की तेज गति की चर्चा अब पूरी दुनिया में होने लगी है. भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार ने 16 जनवरी, 2021 को की थी. देश के नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने इसे और रफ्तार देने में दिन-रात लगे हुए हैं. इसी का नतीजा है कि बीते 230 दिनों में भारत लगभग 70 करोड़ वैक्सीनेशन डोज के आंकड़े के करीब पहुंच गया है. बता दें कि देश ने 27 अगस्त, 2021 को पहली बार एक दिन में एक करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाने की उपलब्धि हासिल की थी. पूरी दुनिया में ऐसा करने वाला भारत पहला देश बना. इसके चार दिन बाद ही यानी 31 अगस्त, 2021 को भारत ने 27 अगस्त को 1.09 करोड़ कोविड वैक्सीन डोज का रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक दिन में 1.33 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का गौरव हासिल किया.
हर दिन औसतन 84.55 लाख लोगों को लग रही है वैक्सीन
भारत ने पिछले एक सप्ताह में हर दिन औसतन 84.55 लाख लोगों को वैक्सीन लगायी है. यूरोपीय संघ के 27 देशों, अमेरिका, ब्राजील, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, इंडोनेशिया, तुर्की, फ्रांस और पाकिस्तान में एक दिन में लग रही वैक्सीन डोज की संख्या आपस में जोड़ दें तो भी ये सभी देश संयुक्त तौर पर एक दिन में भारत के 84.55 लाख से अधिक वैक्सीन डोज से कम ही वैक्सीन लगा पा रहे हैं. यहां जिन देशों के नामों का जिक्र है, इनमें से कई बहुत विकसित देश हैं और इनमें से कुछ को वैश्विक महाशक्ति भी माना जाता है. इसके बावजूद अगर आज भारत वैक्सीनेशन के मामले में इनसे बेहतर प्रदर्शन कर पा रहा है तो इससे 21वीं सदी में भारत के बढ़ते प्रभाव और आत्मविश्वास के तौर पर भी देखा जा सकता है.
इजरायल से कैसे भारत आगे निकल गया
इजरायल के वैक्सीनेशन अभियान की पूरी दुनिया में काफी तारीफ हुई है. लेकिन भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है, उसकी गति का अंदाज इस बात से लगा सकते हैं कि इजरायल में अब तक कुल 1.3 करोड़ वैक्सीन डोज लगी हैं. इतनी वैक्सीन डोज भारत ने एक दिन में ही 31 अगस्त, 2021 को लगायी. इजरायल की कुल आबादी तकरीबन 90 लाख है. एक अनुमान के मुताबिक इजरायल की तकरीबन 30 प्रतिशत आबादी ऐसी है, जिसकी उम्र 18 साल से कम है. इसका मतलब यह हुआ कि पूरे इजरायल में तकरीबन 63 लाख ऐसे लोग हैं, जो वैक्सीन लेने की पात्रता रखते हैं. इजरायल में वैक्सीन लेने की कुल पात्र आबादी के बराबर लोगों को वैक्सीन डोज लगाने का काम भारत दोपहर तीन बजे तक ही कर लेता है. इस तरह से देखें तो 31 अगस्त को भारत ने जो 1.33 करोड़ वैक्सीन डोज लगायीं, उतनी डोज में इजरायल की पूरी आबादी को वैक्सीन का डबल डोज लग जाता और इसके बाद भी तकरीबन सात लाख वैक्सीन डोज बच गई होतीं.
मोदी सरकार द्वारा ऐसे चलाया जा रहा है वैक्सीनेशन
भारत में मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे कोविड वैक्सीनेशन अभियान की विशालता को समझने के लिए कुछ और तुलनात्मक आंकड़ों को देखना प्रासंगिक होगा. भारत ने पिछले एक हफ्ते में 84.55 लाख वैक्सीन डोज हर रोज लगायी हैं. कोलंबिया, स्पेन, अर्जेंटीना, युगांडा, यूक्रेन, अल्जीरिया, सूडान, इराक, अफगानिस्तान, पोलैंड, कनाडा और मोरक्को ऐसे देश हैं, जिनकी आबादी को अगर भारत में एक दिन इस्तेमाल हो रहे वैक्सीन डोज का इस्तेमाल करके वैक्सीनेशन करना है तो भारत इन देशों की आबादी को अलग-अलग एक दिन में दोनों डोज लगाकर उन्हें पूरी तरह से वैक्सीनेटेड बना सकता है. वहीं सउदी अरब, उजेबेकिस्तान, पेरू, मलयेशिया, अंगोला, मोजांबिक, यमन, घाना, नेपाल और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां की पूरी आबादी को अपने एक दिन के वैक्सीन डोज से भारत एक दिन में वैक्सीन की तीन-तीन डोज लगा सकता है.
बीते डेढ़ महीने में वैक्सीनेशन की रफ्तार कैसे पकड़ी
अब सवाल उठता है कि आखिर पिछले एक-डेढ़ महीने में ऐसा क्या हुआ कि भारत में कोविड- 19 वैक्सीनेशन की रफ्तार इतनी तेज हो गई है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, ‘मोदी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार 7 जुलाई को हुआ था. 8 जुलाई से मंत्रालय के नए कैबिनेट मंत्री के तौर पर मनसुख मांडविया ने पदभार संभाला. उन्होंने अपनी शुरुआती बैठकों में ही यह स्पष्ट कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर हाल में यह चाहते हैं कि हम बहुत तेज गति से वैक्सीनेशन अभियान चलाएं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हमें कैसे भी करके 15 सितंबर तक यह क्षमता हासिल करनी है कि हम एक दिन में एक करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगा सकें. हालांकि, इस समय सीमा के 19 दिन पहले ही भारत ने एक दिन में एक करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाने की उपलब्धि हासिल की. हमें पूरी उम्मीद है कि 15 सितंबर से हम हर दिन एक करोड़ या इससे अधिक वैक्सीन डोज लगा पाएंगे.’
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स्वास्थ्य मंत्रालय के एक और विश्वस्त सूत्र बताते हैं, ‘मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य मंत्रालय संभालते ही वैक्सीन निर्माताओं से बैठकें कीं. उन्होंने वैक्सीन निर्माताओं को स्पष्ट कहा कि कैसे भी करके उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है. उन्होंने इन कंपनियों को ये भी कहा कि अगर आपको उत्पादन बढ़ाने में कहीं कोई दिक्कत आ रही है तो मोदी सरकार आपकी हर मदद करने को तैयार है. इसका असर ये हुआ कि इन कंपनियों ने उत्पादन बढ़ाया. दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों से अपनी हर मुलाकात में उनसे यह विशेष आग्रह किया कि अपने यहां वैक्सीनेशन की गति बढ़ाएं. साथ ही उनकी पहल पर वॉट्सऐप के जरिए और एसएमएस के जरिए वैक्सीनेशन स्लॉट बुक कराने की व्यवस्था शुरू की गई ताकि अधिक से अधिक लोग वैक्सीन लेने आ सकें. मांडविया के इन प्रयासों का असर आज यह हो रहा है कि हम हर दिन औसतन तकरीबन 85 लाख लोगों को वैक्सीन लगा पा रहे हैं.’
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