कोरोना वैक्सीन की दो डोज ले चुके लोग एक्सबीबी वेरिएंट से कितने सुरक्षित जानें. (File Photo)
नई दिल्ली. ओमिक्रोन से निकले XBB.1.5 वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह वेरिएंट आने वाले समय में नुकसानदेह हो सकता है. अमेरिका, ब्रिटेन सहित अभी तक 29 देशों में फैल चुके इस वेरिएंट से भारत भी अछूता नहीं है. देश में 24 दिसंबर से 3 जनवरी तक अन्य देशों से आए यात्रियों की कोरोना जांच और जीनोम सीक्वेंसिंग में 11 सब वेरिएंट मिले हैं जबकि सबसे ज्यादा एक्सबीबी वेरिएंट (XBB.1.5 Variant) के ही संक्रमित मिले हैं. इस वेरिएंट में 65 फीसदी की बढ़ोत्तरी भी देखी गई है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि अगर देश में इस वेरिएंट का संक्रमण (Infection) बढ़ता है तो क्या बूस्टर (Booster) नहीं लगवाने वाले, वैक्सीन की सिर्फ दो डोज ले चुके लोग इससे सुरक्षित हैं या नहीं?
इस बारे में आईसीएमआर, जोधपुर स्थित एनआईआईआरएनसीडी (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्पलीमेंटेशन रिसर्च ऑन नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज) के निदेशक और कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अरुण शर्मा न्यूज18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज ले चुके लोग एक्सबीबी वेरिएंट से सुरक्षित हैं या नहीं, इस पर कोई वैज्ञानिक स्टडी तो हुई नहीं हैं लेकिन जो देख पा रहे हैं वह यह है कि इन सभी सब वेरिएंट के सामने आने और संक्रमित करने के बावजूद न तो कोरोना के केसेज में ही बहुत बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है और न ही कोविड की वजह से लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. इसके साथ ही मौतें भी नहीं हो रही हैं.
डॉ. शर्मा कहते हैं कि इससे यह तो तय है कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की जो दो डोज लगी हैं और कोरोना की तीसरी लहर में जो संक्रमण की वजह से इम्यूनिटी बनी है, उसकी वजह से लोग इससे सुरक्षित रह पा रहे हैं. हालांकि कोई वैज्ञानिक आधार और अध्ययन इसे लेकर नहीं हुआ है बावजूद इसके जो परिस्थति दिखाई दे रही है और जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसको आधार बनाकर कहा जा सकता है कि ये वैक्सीन के असर की वजह से नए वेरिएंट्स का फैलाव भी कम हो रहा है.
डॉ. अरुण कहते हैं कि चीन में जो भी मामले सामने आ रहे हैं, उस संबंध में चीन की तरफ से ऑथेंटिक डाटा या रिपोर्ट्स नहीं शेयर की गई है, जिससे यह पता चल सके कि वहां कौन सा वेरिएंट ज्यादा खतरनाक हो रहा है, वहां मौतों के पीछे की वैज्ञानिक वजह क्या है; क्या वहां चीनी वैक्सीन द्वारा किए गए वैक्सीनेशन की असफलता जिम्मेदार है या पहली लहरों में कोविड संक्रमण न होने और इम्यूनिटी न बनना वजह है. हालांकि भारत में न तो ऐसा दिखाई दे रहा है और इसकी संभावना भी कम है. फिर भी लोगों को मास्क पहनने, बूस्टर डोज जरूर लेने और सावधानी रखने की जरूरत है.
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