कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन बिल्कुल सेफ हैं, लोगों चिंता की जरूरत नहीं: ICMR एक्सपर्ट

डॉ. समीरन पांडा (तस्वीर-ani)
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के संक्रामक विभाग के हेड डॉ. समीरन पांडा (Dr. Samiran Panda) ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड को लेकर अफवाहों का जवाब दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 13, 2021, 9:15 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना वायरस वैक्सीन (Corona Virus Vaccine) को लेकर तमाम तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी लोगों को अफवाहों से सावधान रहने को कह चुके हैं. अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के संक्रामक विभाग के हेड डॉ. समीरन पांडा ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड को लेकर अफवाहों का जवाब दिया है.
उन्होंने साफ किया है कि इमरजेंसी यूज की अनुमति पा चुकी ये दोनों वैक्सीन बिल्कुल सेफ हैं और इनकी प्रभावशीलता को लेकर बिल्कुल घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने यहां तक कहा है कि आम लोगों को साथ आकर वैक्सीन के खिलाफ चलाए जा रहे अफवाह तंत्र और भ्रम को नकारना चाहिए.
म्यूटेशन पर भी कारगर होने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा बनाई गई वैक्सीन कोवैक्सीन ने बड़े स्तर पर एंटीजेन पर अपना प्रभाव दिखाया है. ऐसे में उम्मीद है कि इसका असर वायरस के म्यूटेशन पर भी पड़ेगा. गौरतलब है कि आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने साथ मिलकर कोवैक्सीन विकसित की है. इस वैक्सीन को भारत के लिहाज से बेहद कारगर माना जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पुराने समय में किसी बीमारी की वैक्सीन बनने में 20 से 30 साल का वक्त लगता था. लेकिन इस बार महज 10 से 12 महीने के भीतर वैक्सीन आई है. ये भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमता और समर्पण को वैश्विक रूप से साबित करती है. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि कई बार वैक्सीनेशन के साथ कुछ लोगों में हल्के साइड-इफेक्ट भी दिखाई देते हैं.
बता दें कि भारत 16 जनवरी से पूरे देश में कोरोना वैक्सिनेशन की शुरुआत करने जा रहा है. इसके लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड के डोज देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचने लगे हैं.
उन्होंने साफ किया है कि इमरजेंसी यूज की अनुमति पा चुकी ये दोनों वैक्सीन बिल्कुल सेफ हैं और इनकी प्रभावशीलता को लेकर बिल्कुल घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने यहां तक कहा है कि आम लोगों को साथ आकर वैक्सीन के खिलाफ चलाए जा रहे अफवाह तंत्र और भ्रम को नकारना चाहिए.
म्यूटेशन पर भी कारगर होने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा बनाई गई वैक्सीन कोवैक्सीन ने बड़े स्तर पर एंटीजेन पर अपना प्रभाव दिखाया है. ऐसे में उम्मीद है कि इसका असर वायरस के म्यूटेशन पर भी पड़ेगा. गौरतलब है कि आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने साथ मिलकर कोवैक्सीन विकसित की है. इस वैक्सीन को भारत के लिहाज से बेहद कारगर माना जा रहा है.
The vaccine that India has developed (Covaxin) presents to the immune system a wide array of antigens, so the immunity which will be produced after vaccination is expected to address the mutants as well: Dr Samiran Panda, Scientist G & Head of ECD division, ICMR pic.twitter.com/Pc0R117OsD
— ANI (@ANI) January 13, 2021
उन्होंने कहा कि पुराने समय में किसी बीमारी की वैक्सीन बनने में 20 से 30 साल का वक्त लगता था. लेकिन इस बार महज 10 से 12 महीने के भीतर वैक्सीन आई है. ये भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमता और समर्पण को वैश्विक रूप से साबित करती है. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि कई बार वैक्सीनेशन के साथ कुछ लोगों में हल्के साइड-इफेक्ट भी दिखाई देते हैं.
बता दें कि भारत 16 जनवरी से पूरे देश में कोरोना वैक्सिनेशन की शुरुआत करने जा रहा है. इसके लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड के डोज देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचने लगे हैं.