देश में छोटी बच्चियों के खिलाफ बढ़ते आपराधिक मामलों के बीच शनिवार को मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट की मीटिंग में क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है. 'प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस' यानी पॉक्सो एक्ट में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में मौत की सज़ा होगी. मोदी कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद सरकार अब अध्यादेश (Ordinance) लाएगी.
इस मामले को लेकर पिछले दिनों सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए बताया था कि वह पॉक्सो एक्ट में संशोधन की तैयारी कर रही है. इस एक्ट में बदलाव के बाद 0-12 साल की बच्चियों के साथ रेप के मामले में मौत की सजा का प्रावधान है. मोदी कैबिनेट की मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया कि रेप के मामलों में तेज जांच और सुनवाई के सभी उपाए सुनिश्चित किए जाएंगे.
पॉक्सो एक्ट में ये हैं नए बदलाव
पॉक्सो एक्ट में संशोधन के बाद 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप करने पर न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल किया गया है. दोषी को उम्रकैद भी दी जा सकती है. इतना ही नहीं, इस प्रस्ताव में यह भी प्रावधान किया गया है कि 12 साल से कम उम्र की लड़की से रेप के दोषी को न्यूनतम 20 साल की जेल या उम्रकैद की सजा दी जाएगी.
बता दें कि उन्नाव और कठुआ गैंगरेप को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालिवाल राजघाट में अनशन कर रही हैं. पॉक्सो एक्ट पर कैबिनेट का फैसला आने के बाद उन्होंने कहा, "देर से ही सही लेकिन केंद्र ने कदम उठाया है. लेकिन, अभी तक कोई मेरे पास कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं आई है."
भारत में हर 15 मिनट में एक बच्चा होता है यौन अपराध का शिकार
बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन क्राई (चाइल्ड राइट्स एंड यू) के मुताबिक भारत में हर 15 मिनट में एक बच्चा यौन अपराध का शिकार बनता है और पिछले 10 सालों में नाबालिगों के खिलाफ अपराध में 500 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है.
एक रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामलों में से 50 प्रतिशत से भी ज्यादा महज पांच राज्यों में दर्ज किए गए. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.
इसमें कहा गया, "पिछले 10 सालों में नाबालिगों के खिलाफ अपराध में 500 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई और 2016 में 1,06,958 मामले सामने आए जबकि 2006 में यह संख्या 18,967 थी."
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Tags: Pocso act, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : April 21, 2018, 14:05 IST