दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को एक एनजीओ की उस अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें स्वयंभू उपदेशक दाती महाराज से जुड़े रेप के एक मामले की जांच पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी. रेप के इस मामले में दाती महाराज आरोपी है.
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि इस
आपराधिक मामले में एनजीओ पीड़ित नहीं है और वह किस हैसियत से दखल दे रहा है.
हाई कोर्ट ने कहा कि एनजीओ ने शुरू में जनहित याचिका के तौर पर अर्जी दाखिल की थी, जिस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सुनवाई से इनकार कर दिया था और उसे आपराधिक रिट याचिका माना था.
न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा, ‘
किसी आपराधिक मुकदमे में एनजीओ किस हैसियत से दखल दे रहा है? किसी पीड़ित या आरोपी का अदालत में स्वागत है और उनकी याचिका पर कार्रवाई की जाएगी. पर आप किस हैसियत से आए हैं ?’
अदालत ने शिकायतकर्ता को सुझाव दिया कि वह पीड़िता के हलफनामे के साथ दाखिल करने की छूट के साथ इसे वापस ले ले.
इस पर
एनजीओ दिल्ली सिटिजन फोरम फॉर सिविल राइट्स के वकील जोगिंदर तुली ने याचिका वापस ले ली.
बीते सात जून को दाती मदन लाल उर्फ दाती महाराज के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी और दिल्ली पुलिस ने 11 जून को एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस ने 22 जून को आरोपी से पूछताछ की थी. दाती महाराज पर अपने दिल्ली और राजस्थान स्थित आश्रमों में पीड़िता से बलात्कार का आरोप है.
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Tags: Kathua rape case
FIRST PUBLISHED : July 11, 2018, 22:07 IST