भारत में इस साल पड़ने वाली है जानलेवा गर्मी, वैज्ञानिकों ने शोध में जताए डराने वाले अंदेशे

शोधकर्ताओं ने कहा, इस साल भारत के लोग तेज गर्मी से लिए रहें तैयार.
Heat Wave in India: वैज्ञानिकों ने शोध में दावा किया है कि इस बार भीषण गर्मी के कारण भारत के खाद्यान्न उत्पादन करने वाले बड़े क्षेत्रों पर भी असर पड़ेगा. तेज गर्मी की वजह से काम करने में दिक्कत आएगी. यही नहीं इस बार तेज गर्मी में काम करना जानलेवा साबित होगा.
- News18Hindi
- Last Updated: March 27, 2021, 4:04 PM IST
नई दिल्ली. देश में एक ओर जहां कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस बार की गर्मी भी जानलेवा साबित हो सकती है. शोधकर्ताओं के मुताबिक इस साल भयानक गर्मी पड़ेगी और दक्षिण एशियाई देशों (South Asian countries) में जानलेवा लू का प्रकोप देखने को मिलेगा. अमेरिका (America) स्थित ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी (Oak Ridge National Laboratory) सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों ने शोध में ये दावा किया है कि इस बार भीषण गर्मी के कारण भारत के खाद्यान्न उत्पादन करने वाले बड़े क्षेत्रों पर भी असर पड़ेगा. तेज गर्मी की वजह से काम करने में दिक्कत आएगी. यही नहीं इस बार तेज गर्मी में काम करना असुरक्षित साबित होगा.
शोध में बताया गया है गर्मी के कारण जिन जगहों पर सबसे ज्यादा काम करने में दिक्कत आएगी, उनमें उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. इन जगहों के साथ तटीय इलाकों में कोलकाता, मुंबई एवं हैदराबाद जैसे शहरी इलाके भी शामिल हैं, जहां पर गर्मी के कारण काम करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. जर्नल जियोफिजिक्स रिसर्च लेटर में प्रकाशित शोध के मुताबिक दो डिग्री तापमान बढ़ने से इसका सामना करने वाली आबादी में मौजूदा समय के मुकाबले तीन गुना तक वृद्धि हो जाएगी.

इस शोध में दावा किया गया है कि दक्षिण एशिया के देशों में संकट हर साल गहराता जा रहा है. ऐसे में अगर इस बड़े खतरे से बचना है तो तापमान वृद्धि में नियंत्रण करने की कोशिशों पर जोर देना होगा. जब तक तापमान को नियंत्रित नहीं किया जाएगा तब तक इस तरह के खतरों से बचा नहीं जा सकेगा. मौजूदा हालात को देखते हुए दक्षिण एशियाई देशों को इस दिशा में आज ही काम करने की जरूरत है. इस काम में देरी खतरनाक साबित हो सकती है.इसे भी पढ़ें :- फाल्गुन में ही दिखने लगे गर्मी के तेवर, 36 डिग्री तक जा पहुंचा अधिकतम तापमान
तापमान में 1.5 से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है खतरनाक
वैज्ञानिक शोध के मुताबिक इस समय जिस तरह का तापमान देखने को मिल रहा है उसके मुताबिक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि भी इन इलाको में गंभीर असर डालेगी इसलिए मौजूदा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को तेजी से कम करने की जरूरत है. वैश्चिक तापमान में 1.5 से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने से दक्षिण एशिया में जानलेवा लू चलने लगेगी. बता दें कि 32 डिग्री वेट बल्ब टम्प्रेचर को मजदूरों के लिए असुरक्षित माना जाता है. इसके 35 डिग्री होने पर इंसान का शरीर खुद को ठंडा नहीं रख पाता और यह खतरनाक साबित हो सकता है.
शोध में बताया गया है गर्मी के कारण जिन जगहों पर सबसे ज्यादा काम करने में दिक्कत आएगी, उनमें उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. इन जगहों के साथ तटीय इलाकों में कोलकाता, मुंबई एवं हैदराबाद जैसे शहरी इलाके भी शामिल हैं, जहां पर गर्मी के कारण काम करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. जर्नल जियोफिजिक्स रिसर्च लेटर में प्रकाशित शोध के मुताबिक दो डिग्री तापमान बढ़ने से इसका सामना करने वाली आबादी में मौजूदा समय के मुकाबले तीन गुना तक वृद्धि हो जाएगी.
इस शोध में दावा किया गया है कि दक्षिण एशिया के देशों में संकट हर साल गहराता जा रहा है. ऐसे में अगर इस बड़े खतरे से बचना है तो तापमान वृद्धि में नियंत्रण करने की कोशिशों पर जोर देना होगा. जब तक तापमान को नियंत्रित नहीं किया जाएगा तब तक इस तरह के खतरों से बचा नहीं जा सकेगा. मौजूदा हालात को देखते हुए दक्षिण एशियाई देशों को इस दिशा में आज ही काम करने की जरूरत है. इस काम में देरी खतरनाक साबित हो सकती है.इसे भी पढ़ें :- फाल्गुन में ही दिखने लगे गर्मी के तेवर, 36 डिग्री तक जा पहुंचा अधिकतम तापमान
वैज्ञानिक शोध के मुताबिक इस समय जिस तरह का तापमान देखने को मिल रहा है उसके मुताबिक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि भी इन इलाको में गंभीर असर डालेगी इसलिए मौजूदा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को तेजी से कम करने की जरूरत है. वैश्चिक तापमान में 1.5 से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने से दक्षिण एशिया में जानलेवा लू चलने लगेगी. बता दें कि 32 डिग्री वेट बल्ब टम्प्रेचर को मजदूरों के लिए असुरक्षित माना जाता है. इसके 35 डिग्री होने पर इंसान का शरीर खुद को ठंडा नहीं रख पाता और यह खतरनाक साबित हो सकता है.