कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या में गिरावट, AIIMS में दूसरे दिन बस 8 स्वास्थ्यकर्मियों ने लगवाया टीका

दिल्ली के एक अस्पताल में वैक्सीनेशन करता स्वास्थ्यकर्मी ((AP Photo/Manish Swarup))
Coronavirus Vaccination Drive: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित एम्स में केवल आठ लोगों को टीका लगाया गया. हालांकि इस बारे में दावा किया गया कि ऐसा कोविन ऐप के जरिए देर से मिली जानकारी के चलते भी हो सकता है.
- भाषा
- Last Updated: January 19, 2021, 6:00 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली में सोमवार को लगभग 3,600 स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 (Corona Vaccination Drive) का टीका लगाया गया. टीकाकरण अभियान के पहले दिन की तुलना में यह संख्या कम रही और सूत्रों ने बताया कि एम्स में केवल आठ चिकित्साकर्मियों ने टीका लगवाया. राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत के तहत 8,117 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका देने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से शनिवार को शहर में 81 केंद्रों पर 4,319 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया.
शनिवार को लगाए गए टीके के बाद स्वास्थ्य संबंधी एक गंभीर और 50 छोटे मामले सामने आए थे, जिसके बाद टीका लगवाने वालों की संख्या में कमी देखी गई. टीके का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका और कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते टीका लगवाने वालों की संख्या में कमी देखी जा रही है.
26 लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावहालांकि सरकार का कहना है कि अभी तक टीके का कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला है. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'टीकाकरण के दूसरे दिन 3,598 लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया. इनमें से 26 लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव देखा गया.'
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को दिल्ली में जिन स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए उनमें से टीके के प्रतिकूल प्रभाव का एक गंभीर तथा 51 छोटे मामले सामने आए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में शाम पांच बजे तक 3,111 टीके लगाए गए.
शनिवार को लगाए गए टीकों की तुलना में यह संख्या लगभग 28 प्रतिशत कम है. सूत्रों के अनुसार, एम्स में आठ लोगों को टीका लगाया गया. इसके अलावा सफदरजंग अस्पताल में 20 और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 69 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया.
सफदरजंग अस्पताल में 45 लाभार्थी आए थे लेकिन उनमें में बहुत से लोगों को अन्य बीमारियां थी इसलिए केवल 20 लोगों को ही कोरोना वायरस का टीका दिया जा सका. एक सूत्र ने कहा कि सौ स्वास्थ्य कर्मियों को संदेश भेजा गया था.

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि एम्स में केवल आठ लोगों को टीका लगने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें टीके के प्रतिकूल प्रभाव की आशंका और कोविन ऐप के माध्यम से देर से जानकारी मिलना शामिल है.
शनिवार को लगाए गए टीके के बाद स्वास्थ्य संबंधी एक गंभीर और 50 छोटे मामले सामने आए थे, जिसके बाद टीका लगवाने वालों की संख्या में कमी देखी गई. टीके का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका और कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते टीका लगवाने वालों की संख्या में कमी देखी जा रही है.
26 लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावहालांकि सरकार का कहना है कि अभी तक टीके का कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला है. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'टीकाकरण के दूसरे दिन 3,598 लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया. इनमें से 26 लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव देखा गया.'
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को दिल्ली में जिन स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए उनमें से टीके के प्रतिकूल प्रभाव का एक गंभीर तथा 51 छोटे मामले सामने आए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में शाम पांच बजे तक 3,111 टीके लगाए गए.
शनिवार को लगाए गए टीकों की तुलना में यह संख्या लगभग 28 प्रतिशत कम है. सूत्रों के अनुसार, एम्स में आठ लोगों को टीका लगाया गया. इसके अलावा सफदरजंग अस्पताल में 20 और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 69 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया.
सफदरजंग अस्पताल में 45 लाभार्थी आए थे लेकिन उनमें में बहुत से लोगों को अन्य बीमारियां थी इसलिए केवल 20 लोगों को ही कोरोना वायरस का टीका दिया जा सका. एक सूत्र ने कहा कि सौ स्वास्थ्य कर्मियों को संदेश भेजा गया था.
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि एम्स में केवल आठ लोगों को टीका लगने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें टीके के प्रतिकूल प्रभाव की आशंका और कोविन ऐप के माध्यम से देर से जानकारी मिलना शामिल है.