गोवा के सीएम पद की रेस में विश्वजीत राणे और प्रमोद सावंत का नाम सबसे आगे है.
नई दिल्ली: गोवा का मुख्यमंत्री (Goa CM) कौन होगा? इस सवाल के जवाब पर सस्पेंस बरकरार है. विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में बीजेपी को बहुमत से सिर्फ एक सीट कम मिली है. हालांकि राज्य की 40 विधानसभा सीट (Assembly Seat) में से 20 सीट पर जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी (BJP) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और सरकार बनना तय है लेकिन अब तक सीएम के नाम की घोषणा नहीं हुई है.
फिलहाल प्रमोद सावंत गोवा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि वे दोबारा इस पद के लिए चुने जाएंगे. हालांकि बीजेपी उच्च सूत्रों ने News18 को बताया है कि इसमें कुछ दिक्कते हैं.
पहले उत्तराखंड फिर गोवा!
गोवा में सीएम के नाम की घोषणा में होने वाली देरी का पहला कारण उत्तराखंड में मुख्यमंत्री तय करने से है. इस पहाड़ी राज्य में भी बीजेपी सीएम के नाम के ऐलान को लेकर दुविधा में है. क्योंकि यहां मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी, खटीमा सीट से चुनाव हार गए हैं. वहीं राज्य की 70 विधानसभा सीट में से बीजेपी को 47 सीट मिली है और राज्य में पार्टी ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है. क्योंकि यहां हर 5 साल में सरकार बदल जाती है.
हालांकि बहुमत मिलने के बाद भी बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं कर पाया है. यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर इन चारों राज्यों में बीजेपी एक के बाद एक सीएम के नामों की घोषणा करेगी. News18 से बातचीत में बीजेपी सूत्रों ने यह बात कही. इसी वजह से गोवा में सीएम के नाम को लेकर पेंच फंसा हुआ है.
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विश्वजीत राणे या प्रमोद सावंत?
वहीं दूसरा बड़ा कारण जिसने भाजपा को मुश्किल में डाल दिया है वह है वालपोई से बीजेपी विधायक विश्वजीत राणे के समर्थकों का दबाव. गोवा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, जिन्होंने 2017 में अपनी पिछली पार्टी के सरकार बनाने में विफल रहने के बाद कांग्रेस से भाजपा में प्रवेश किया था, उन्हें भी उम्मीद है कि उनका नाम मुख्यमंत्री के तौर पर नामित किया जाएगा.
जब रिपोर्टर ने इस बारे में बीजेपी नेताओं से पूछा था उन्होंने कहा कि, विश्वजीत राणे भी सीएम पद की रेस में शामिल है. बीजेपी के एक नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि, विश्वजीत राणे के दिल्ली में बड़े नेताओं से संपर्क हैं और वे एक मजबूत दावेदार हैं. इसी वजह से गोवा के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर देरी हो रही है.
सोमवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और एल मुरुगन के गोवा पहुंचने की उम्मीद है, जहां वे सीएम के नाम को लेकर अंतिम निर्णय लेंगे.
शुभ मुहूर्त का इंतजार
गोवा के मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान को लेकर हो रही देरी का तीसरा और आखिरी कारण है शुभ मुहूर्त का अभाव. मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने कहा कि, 10 मार्च से 17 मार्च के बीच कोई शुभ मुहूर्त नहीं है. इसलिए शपथ ग्रहण समारोह जब भी होगा इन तारीखों के बाद ही होगा.
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