सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए टेस्ट किट तैयार हो रही है. (फोटो- News18)
नई दिल्ली. भारत में सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) की पहचान जल्द ही मिनटों में की जा सकेगी. इसके लिए देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स (AIIMS-New Delhi) में प्रसूति डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ नीरजा भटला ने न्यूज़ 18 इंडिया को बताया कि एक ऐसी टेस्टिंग किट पर काम चल रहा है जिससे सर्वाइकल कैंसर की पहचान मिनटों में की जा सकेगी. अभी देश मे सर्वाइकल कैंसर की पहचान करने में वक्त लगता है लेकिन टेस्टिंग किट तैयार हो जाने के बाद ये काम आसान आएगा. भारत में ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाओं में सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं.
भारत में सर्वाइकल कैंसर मातृ मृत्यु दर से आगे निकल रहा है. भारतीय महिलाओं में मृत्यु और पीड़ा का एक प्रमुख कारण है. हर साल अनुमानित 120,000 महिलाएं गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का विकास करती हैं और इस बीमारी की वजह से भारत में लगभग 77,348 महिलाओं की मौत हो जाती है. सर्वाइकल कैंसर उच्च जोखिम वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होता है. 15 साल और उससे ज्यादा उम्र की लगभग 453 मिलियन भारतीय महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा है.
सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कैसे रोका जा सकता है?
डॉ नीरजा भटला ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है. गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जांच के लिए यही कारण है और नियमित जांच से कैंसर से पहले के घावों का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिनका समय पर इलाज कैंसर के विकास को रोकने के लिए किया जा सकता है. एचपीवी वैक्सीन के साथ बड़े स्तर पर टीकाकरण सर्वाइकल कैंसर और एचपीवी के कारण होने वाले दूसरे कैंसर के प्रभाव को कम करने के लिए काफी असरदार है. WHO ने 2030 के लिए लक्ष्य निर्धारित करके सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने के लिए एक विश्व स्तरीय रणनीति तैयार की है.
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Tags: AIIMS-New Delhi, Cervical cancer
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