कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का दिल्ली चलो मार्च, कहा- सारी सड़कें घेरेंगे, ये हमारे अस्तित्व की लड़ाई

किसानों का धरना
Delhi Chalo march: प्रदर्शनकारी किसान 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाले पांच राजमार्गों से होते हुए 26 नवंबर को दिल्ली पहुंचेंगे. इसको लेकर पिछले हफ्ते ही किसानों की एक बैठक हुई है. कहा जा रहा है कि इस आंदोलन में 500 से ज्यादा किसान संगठन हिस्सा लेंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: November 23, 2020, 10:08 PM IST
नई दिल्ली. पंजाब में किसानों (Farmers) ने 15 दिनों के लिए रेल रोको अभियान वापस ले लिया है, लेकिन दिल्ली (Delhi) में आंदोलन के लिए किसानों ने कमर कस ली है. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाले पांच राजमार्गों से होते हुए 26 नवंबर को दिल्ली पहुंचेंगे. इसको लेकर पिछले हफ्ते ही किसानों की एक बैठक हुई है. कहा जा रहा है कि इस आंदोलन में 500 से ज्यादा किसान संगठन हिस्सा लेंगे.
अगर रोका तो होगी रोड ब्लॉक
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि 26 नवंबर को ये सारे लोग दिल्ली में रोड ब्लॉक करेंगे. उन्होंने कहा, 'हरियाणा के किसान दिल्ली की तरफ से नेशनल हाईवे को ब्लॉक करेंगे. अगर उत्तर प्रदेश के किसानों को रोका गया तो वो भी रोड ब्लॉक करेंगे. ऐसे हालात में देश के सारे किसान दिल्ली को चारों तरफ से ब्लॉक कर देंगे. जहां भी हमें रोका जाएगा हम लोग वहीं धरने पर बैठ जाएंगे. हमलोग, राशन, टेंट, और रजाई सारा सामान लेकर चल रहे हैं.'
दिल्ली सरकार ने नहीं दी है इजाजतदिल्ली सरकार ने रामलीला मैदान और जंतर मंतर पर किसानों को रैली करने की परमिशन नहीं दी है. लेकिन किसान दिल्ली मार्च करने के लिए अड़े हैं. कहा जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को पत्र लिखकर कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कुछ दिनों के लिए बाजार बंद करने की अनुमति मांगी है. लेकिन किसान फिर भी मानने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि ये उनके लिए अस्तित्व की बात है.
ये भी पढ़ें:- फडणवीस बोले- कराची होगा भारत का हिस्सा, NCP ने कहा- बांग्लादेश को भी मिला लें
500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ के अलग-अलग धड़ों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से साथ मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया है. इस मोर्चे को 500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन हासिल है. मोर्चे के कामकाज में समन्वय बनाए रखने के लिए सात सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है.
अगर रोका तो होगी रोड ब्लॉक
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि 26 नवंबर को ये सारे लोग दिल्ली में रोड ब्लॉक करेंगे. उन्होंने कहा, 'हरियाणा के किसान दिल्ली की तरफ से नेशनल हाईवे को ब्लॉक करेंगे. अगर उत्तर प्रदेश के किसानों को रोका गया तो वो भी रोड ब्लॉक करेंगे. ऐसे हालात में देश के सारे किसान दिल्ली को चारों तरफ से ब्लॉक कर देंगे. जहां भी हमें रोका जाएगा हम लोग वहीं धरने पर बैठ जाएंगे. हमलोग, राशन, टेंट, और रजाई सारा सामान लेकर चल रहे हैं.'
दिल्ली सरकार ने नहीं दी है इजाजतदिल्ली सरकार ने रामलीला मैदान और जंतर मंतर पर किसानों को रैली करने की परमिशन नहीं दी है. लेकिन किसान दिल्ली मार्च करने के लिए अड़े हैं. कहा जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को पत्र लिखकर कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कुछ दिनों के लिए बाजार बंद करने की अनुमति मांगी है. लेकिन किसान फिर भी मानने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि ये उनके लिए अस्तित्व की बात है.
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500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ के अलग-अलग धड़ों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से साथ मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया है. इस मोर्चे को 500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन हासिल है. मोर्चे के कामकाज में समन्वय बनाए रखने के लिए सात सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है.