दिल्ली गैंग रेप के नाबालिग दोषी की रिहाई के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के बीच सोमवार को सदस्यों की मांग पर राज्यसभा में किशोर न्याय विधेयक को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया।
नई दिल्ली। दिल्ली गैंग रेप के नाबालिग दोषी की रिहाई के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के बीच सोमवार को सदस्यों की मांग पर राज्यसभा में किशोर न्याय विधेयक को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया। राज्यसभा में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने यह मुद्दा उठाया, जिसके बाद केंद्र संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने विधेयक को संसदीय कार्य की अनुपूरक सूची में शामिल किया।
आज भी राज्यसभा में हंगामा मचा रहा, लेकिन एससी-एसटी बिल सहित तीन बिल बिना विरोध के पास कर दिए गए। हालांकि जुवेनाइल जस्टिस बिल भी आज ही पास कर दिया जाता लेकिन इसे पेश नहीं किया गया। इस पर कल सदन में चर्चा होगी।
किशोर न्याय विधेयक (बाल देखरेख एंव संरक्षण), 2014 में जघन्य अपराधों में संलिप्त 16-18 साल के किशोर-किशोरियों पर भी वयस्कों के समान ही मुकदमा चलाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त अपेक्षाकृत कम संगीन अपराध में संलिप्त पाए जाने वाले 16-18 साल के उस किशोर-किशोरी से वयस्क जैसा बर्ताव का प्रावधान है, जो 21 साल की उम्र के बाद गिरफ्तार किया जाता है।
ओ'ब्रायन ने शून्य काल में मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश देख रहा है कि हम क्या कर रहे हैं। हम वाणिज्यिक अदालतें, रियल एस्टेट (विधेयक) पर चर्चा कर रहे हैं..किशोर न्याय विधेयक कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। इस बिल को एजेंडे में रखिए और इसे लाइए।" उनके इस बयान का सभी दलों के सदस्यों ने स्वागत किया और विधेयक पारित कराने की जरूरत पर सहमति जताई। उप-सभापति पी.जे. कुरियन ने कहा, "मेरे ख्याल से यही सदन की सोच है।"
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार ने विधेयक को आगे बढ़ाने को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान कई बार सूचीबद्ध किया गया।
नकवी ने कहा कि हम आज (सोमवार) ही विधेयक पर चर्चा कराने के लिए तैयार हैं। इसे कल के लिए भी सूचीबद्ध किया गया है..अगर सदन सहमत है, तो चलिए आज ही इस पर चर्चा करें। यह एक संवेदनशील मुद्दा है।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एससी-एसटी बिल, जुवेनाइल बिल और इस प्रकार के बिलों के लिए हमने कभी गतिरोध नहीं किया है। ये केवल विपक्ष को बदनाम कर रहे हैं। आजाद ने कहा कि ये बिल आज लिस्ट में नहीं है अगर होता तो हम आज पास करा देते।
सीताराम येचुरी ने कहा कि बिल आता भी तो पीछे लागू तो नहीं होगा तो ये कहना गलत है कि बिल पास नहीं हुआ इसलिए दोषी छूट गया। सरकार ने तो इसे लिस्ट नहीं किया और कह रहें कि हम पास नहीं करने दे रहे हैं।
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