आप ने एलजी वीके सक्सेना ने 6 फरवरी को दिल्ली में मेयर के चुनाव कराने की मंजूरी दी है. (फोटो-न्यूज़18)
नई दिल्ली. दिल्ली में 6 फरवरी को मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव (Delhi Mayor Elections) होंगे. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने छह फरवरी को महापौर का चुनाव कराने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) के सदन का सत्र बुलाने को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 6 फरवरी को सदन बुलाने का सुझाव दिया था. मेयर के चुनाव की तारीख 6 फरवरी तय होने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली के लोगों ने BJP शासन से मुक्ति पाने और केजरीवाल जी के मार्गदर्शन पाने के लिए वोट किया. अब बीजेपी साजिश करके मेयर चुनाव होने से रोक रही है. हमें उम्मीद है बीजेपी संवैधानिक तरीके से चुनाव होने देगी.”
पिछले मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में महापौर पद का चुनाव इस महीने दूसरी बार नहीं हो सका था, क्योंकि उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी ने कुछ पार्षदों के हंगामे के बाद एमसीडी सदन की बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था. आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद के उम्मीदवार शैली ओबेरॉय मेयर का चुनाव समयबद्ध तरीके से कराए जाने की मांग लेकर गुरुवार को उच्चतम न्यायालय पहुंच गयी थीं. उच्चतम न्यायालय ने ओबेरॉय की याचिका को तीन फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर शुक्रवार को सहमति जताई थी.
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‘आप’ ने लगाया था भाजपा पर कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप
‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गुंडागर्दी करने और एमसीडी की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि एमसीडी सदन के नेता मुकेश गोयल और ‘आप’ की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने दिल्ली में महापौर पद का चुनाव समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने का निर्देश देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है.
भारद्वाज ने कहा था कि पार्टी ने महापौर पद के चुनाव में एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) के मतदान करने पर रोक लगाने की भी मांग की है.
‘आप’ प्रवक्ता ने कहा था, “हमने उच्चतम न्यायालय में दो प्रमुख मांगें रखी हैं. पहली-महापौर चुनाव समयबद्ध तरीके से कराया जाए और एमसीडी बोर्ड गठित किया जाए. दूसरी-चूंकि, संविधान के अनुच्छेद 243आर और डीएमसी अधिनियम की धारा-3 के तहत एल्डरमैन को वोट देने का अधिकार नहीं है, इसलिए उन्हें मतदान से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.”
नवनिर्वाचित एमसीडी सदन की छह जनवरी को पहली बैठक भी ‘आप’ और भाजपा पार्षदों के हंगामे के कारण स्थगित कर दी गई थी.
दिसंबर 2022 में हुए एमसीडी चुनावों में ‘आप’ ने कुल 250 वार्डों में से 134 में जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को 104 वार्ड में विजय हासिल हुई थी.
दिल्ली सरकार ने चुनाव के लिए तीन तारीखें… तीन, चार और छह फरवरी दी थीं और उपराज्यपाल से उनमें से एक चुनने का अनुरोध किया था, जिसमें से छह फरवरी की तारीख तय की गई है.
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