अमित शाह के इशारे पर दिल्ली पुलिस उपद्रवियों के बजाए किसान नेताओं पर दर्ज कर रही केस: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट.(PTI फोटो)
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने कहा कि दिल्ली में उपद्रव को रोकने में असफल रहे गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर दिल्ली पुलिस उन उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज़ करने की बजाय संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं पर मुकदमा दर्ज़ कर भाजपा सरकार की साजिश को साबित करती है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 5:03 PM IST
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) पर किसान ट्रैक्टर मार्च के बीच हुई हिंसा के लिए कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने कहा, 'दिल्ली में उपद्रव को रोकने में असफल रहे गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर दिल्ली पुलिस उन उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज़ करने की बजाय संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं पर मुकदमा दर्ज़ कर भाजपा सरकार की साजिश को साबित करती है.'
कई किसान नेताओं पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस
गौरतलब है कि दिल्ली ने पुलिस हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. इसके साथ ही पुलिस ने 9 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं. दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस ने जो एफआईआर की है उसमें आरोप है कि पुलिस द्वारा ट्रैक्टर रैली के लिए जो एनओसी जारी हुई थी, उनका पालन नहीं हुआ. दिल्ली पुलिस की एक एफआईआर में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का नाम भी है. टिकैत पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश) धारा 147, धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
इन नेताओं के नाम
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार दिल्ली पुलिस की एफआईआर में किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में जारी एनओसी के उल्लंघन के लिए किसान नेताओं दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जिल और जोगिंदर सिंह उग्राहां के नामों का जिक्र है.
किसान आंदोलन से दो संगठन हुए अलग
इस बीच किसान आंदोलन में फूट पड़ गई है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद को और अपने संगठन को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला लिया है. भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने भी खुद को आंदोलन से अलग करने का ऐलान कर दिया है.
कई किसान नेताओं पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस
गौरतलब है कि दिल्ली ने पुलिस हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. इसके साथ ही पुलिस ने 9 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं. दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस ने जो एफआईआर की है उसमें आरोप है कि पुलिस द्वारा ट्रैक्टर रैली के लिए जो एनओसी जारी हुई थी, उनका पालन नहीं हुआ. दिल्ली पुलिस की एक एफआईआर में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का नाम भी है. टिकैत पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश) धारा 147, धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
इन नेताओं के नाम
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार दिल्ली पुलिस की एफआईआर में किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में जारी एनओसी के उल्लंघन के लिए किसान नेताओं दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जिल और जोगिंदर सिंह उग्राहां के नामों का जिक्र है.
किसान आंदोलन से दो संगठन हुए अलग
इस बीच किसान आंदोलन में फूट पड़ गई है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद को और अपने संगठन को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला लिया है. भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने भी खुद को आंदोलन से अलग करने का ऐलान कर दिया है.