तिरंगे का ये अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, सिंघु बॉर्डर से लेकर शाहजहांपुर तक किसानों के खिलाफ नारेबाजी

दिल्ली हिंसा की तस्वीर (AP)
Delhi Tractor Parade Violence: सिंघु सीमा पर पहुंचे नरेला इलाके के आसपास के स्थानीय लोगों ने कहा कि हिंदुस्तान अब तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा. साथ ही किसानों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 4:55 PM IST
नई दिल्ली. बीती 26 जनवरी को राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ लोगों में नाराजगी है. गुस्से का आलम यह है कि आंदोलन स्थलों पर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है. लोग आंदोलन खत्म किए जाने की मांग कर रहे हैं. गुरुवार को स्थानीय लोगों ने सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया. नाराज लोगों का कहना था कि किसानों ने तिरंगे (Tricolor) का अपमान किया है. खास बात है कि हिंसा के बाद केंद्र सरकार और पुलिस प्रशासन भी हरकत में आ गये हैं.
सिंघु सीमा पर पहुंचे नरेला इलाके के आसपास के स्थानीय लोगों ने कहा कि हिंदुस्तान अब तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा. साथ ही वे किसानों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सीमाओं पर से किसानों के आंदोलन को खत्म किया जाए. करीब 2 महीनों से ज्यादा समय से किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के अलावा राजस्थान के शाहजहांपुर में भी किसानों के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो चुकी है. यहां 15 गांवों की महापंचायत चल रही हैं. ये लोग शाहजहांपुर में किसानों के धरने का विरोध कर रहे हैं. हाइवे खाली कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान लोगों ने किसानों से कहा कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे.
राकेश टिकैत को मिली चेतावनी
हिंसा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दिल्ली पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर सीमा स्थित तंबू के बाहर नोटिस लगा दिया है. नोटिस के जरिए दिल्ली पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के नाम मांगे गए हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, नोटिस में लिखा है, 'आपको भी आपके संगठन के संबंध में ऐसे हिंसक कृत्य में शामिल लोगों के नाम बताने के आदेश दिए गए हैं.' टिकैत को दिल्ली पुलिस ने प्रतिक्रिया देने के लिए 3 दिनों का समय दिया है.

साथ ही दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में दर्ज नामों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान नेताओं समेत कई आरोपियों से पासपोर्ट जमा करने की मांग की जा सकती है. वहीं, किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ अपने प्रदर्शनों को जारी रखा है. हालांकि, बजट के दिन प्रस्तावित संसद तक रैली को किसानों ने टाल दिया है.
सिंघु सीमा पर पहुंचे नरेला इलाके के आसपास के स्थानीय लोगों ने कहा कि हिंदुस्तान अब तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा. साथ ही वे किसानों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सीमाओं पर से किसानों के आंदोलन को खत्म किया जाए. करीब 2 महीनों से ज्यादा समय से किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के अलावा राजस्थान के शाहजहांपुर में भी किसानों के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो चुकी है. यहां 15 गांवों की महापंचायत चल रही हैं. ये लोग शाहजहांपुर में किसानों के धरने का विरोध कर रहे हैं. हाइवे खाली कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान लोगों ने किसानों से कहा कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे.
#Breaking-सिंघु बॉर्डर पर हंगामा, तिरंगे के अपमान से नाराज आसपास के लोगों ने किसानों के खिलाफ़ प्रदर्शन शुरू, धरने पर बैठे किसानों को बॉर्डर खाली करने का दिया गया अल्टीमेटम#DelhiViolence, #LalQila #SinghuBorder pic.twitter.com/LnuAxZvY1F
— @HindiNews18 (@HindiNews18) January 28, 2021
राकेश टिकैत को मिली चेतावनी
हिंसा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दिल्ली पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर सीमा स्थित तंबू के बाहर नोटिस लगा दिया है. नोटिस के जरिए दिल्ली पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के नाम मांगे गए हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, नोटिस में लिखा है, 'आपको भी आपके संगठन के संबंध में ऐसे हिंसक कृत्य में शामिल लोगों के नाम बताने के आदेश दिए गए हैं.' टिकैत को दिल्ली पुलिस ने प्रतिक्रिया देने के लिए 3 दिनों का समय दिया है.
साथ ही दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में दर्ज नामों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान नेताओं समेत कई आरोपियों से पासपोर्ट जमा करने की मांग की जा सकती है. वहीं, किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ अपने प्रदर्शनों को जारी रखा है. हालांकि, बजट के दिन प्रस्तावित संसद तक रैली को किसानों ने टाल दिया है.