PFI मतलब पॉपुलर फ्रंट ऑफ 'एंटी इंडियन्स': दिल्ली दंगे से लेकर RRS नेता की हत्या तक ही नहीं है इस संगठन का हाथ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन के बाद एक और ससनीखेज जानकारी सामने आई है. खुफिया सूत्रों की मानें तो इस्लामिक स्टेट (आईएस) के टॉप 22 चेहरे यानी आतंकी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि दो राउंड की ताबड़तोड़ राष्ट्रव्यापी छापेमारी के बाद बड़ी मात्रा में डिजिटल डेटा बरामद किया गया है. सूत्रों ने कहा कि डिजिटल साक्ष्य आपराधिक गतिविधियों की फंडिंग में पीएफआई की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं. बता दें कि आईएस यानी इस्लामिक एस्टेट को आईएसआईएस के रूप में भी जाना जाता है.
सूत्रों ने कहा कि पीएफआई आरएसएस नेताओं की हत्या, दिल्ली दंगे और अन्य हिंसक गतिविधियों में शामिल रहा है और इसके लिए उसने फंडिंग भी की है. इतना ही नहीं, पीएफआई कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स और यूट्यूब चैनलों को फंडिंग करता रहा है. एजेंसियों के सूत्रों ने यह भी कहा कि वे भारत में हिंसक गतिविधियों के लिए कैडर का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण शिविर चला रहे हैं.
दरअसल, बीते बुधवार को केंद्र सरकार ने पीएफआई और उससे जुड़े करीब 8 संगठनों को पांच साल के लिए बैन कर दिया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी संबंध हैं. जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं. अधिसूचना में कहा गया कि पीएफआई के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं. बता दें कि सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) और उससे संबद्ध कई अन्य पर प्रतिबंध लगाया है.
आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पावर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’(केरल) को भी प्रतिबंधित किया गया है. देशभर में पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी और करीब 100 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार करने और कई दर्जन संपत्तियों को जब्त करने के कुछ दिन बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया.
क्या है पीएफआई
पीएफआई केरल से संचालित होने वाला एक कट्टर इस्लामिक संगठन है, मगर खुद को यह वंचितों की आवाज बताता है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था. इसकी स्थापना कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (KFD), केरल के नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) और तमिलनाडु के मनिता नीति पसरई (MNP) के एक संघ के रूप में की गई थी. पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया खुद को मुसलमानों के साथ-साथ वंचितों के हक में आवाज उठाने और उन्हें सशक्त बनाने वाला संगठन बताता है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है.
खुफिया सूत्रों के अनुसार, पीएफआई खाड़ी देशों में तीन प्रमुख संगठन- इंडिया फ्रेटरनिटी फोरम (आईएफएफ), इंडियन सोशल फोरम (आईएसएफ) और रिहैब इंडियन फाउंडेशन (आरआईएफ) चलाता है. इतना ही नहीं, पीएफआई ने अपने कैडरों को मुस्लिम विरोधी संगठनों और व्यक्तियों को हिंसक प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित भी किया.
भारत विरोधी गतिविधियों में पीएफआई
पीएफआई नेताओं के क्रिमिनल रिकॉर्ड के दस्तावेजों को सीएनएन-न्यूज18 ने देखा है, जिसमें भारत को अस्थिर करने के इरादे से उनकी नापाक गतिविधियों को दिखाया गया था. क्रिमिनल रिकॉर्ड दिखाते हैं कि पीएफआई के नेता पाकिस्तान और मध्य-पूर्व में स्थित भारत विरोधी तत्वों के साथ मिलकर सक्रिय रूप से साजिश रच रहे हैं. इसके कई नेता पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य थे. फंड ट्रांसफर के लिए पीएफआई से जुड़े प्रवासी भारतीयों का इस्तेमाल करने में पाकिस्तानी प्रतिष्ठान बेहद सक्रिय रहा है.
पीएफआई का कई मामलों में हाथ
पीएफआई को देश के कई घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा चुका है. केरल में इस्लामिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए एक प्रोफेसर का हाथ काटने के पीछे पीएफआई का हाथ था. यह भी देखा गया कि कुछ पीएफआई से जुड़े व्यक्ति सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट में शामिल हुए, जबकि कुछ अन्य को भारत में आईएस से संबंधित विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किया गया. कानपुर हिंसा से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश की हिंसा में भी इसका नाम आ चुका है.
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