दिल्ली हिंसा: आंदोलन में शामिल 6 किसान नेताओं से आज पूछताछ करेगी क्राइम ब्रांच

दिल्ली हिंसा में 153 पूलीसकर्मी घायल हुए हैं, (फाइल फोटो)
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की रडार में आए 6 संदिग्धों को पकड़ने के बाद पूछताछ के आधार पर दिल्ली में हिंसा (Delhi violence) भड़काने में शामिल अन्य लोगों की भूमिका का भी पता लगाया जा सकेगा. फुटेज के आधार पर इन सभी तलाश की जा रही है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 29, 2021, 5:47 PM IST
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन कृषि कानून के विरोध में किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर परेड (Kisan Tractor Parade) के दौरान दिल्ली (Delhi) में भड़की हिंसा और बवाल के बाद दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन में शामिल 6 किसान नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया है. सूत्रों के मुताबिक जिन नेताओं को क्राइम ब्रांच में बुलाया गया है उनमें बूटा सिंह बुर्जगिल, दर्शन पाल सिंह, राकेश टिकैत, शमशेर पंधेर, पन्नू पंधेर और सतनाम पन्नू शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक हिंसा में शामिल 6 संदिग्धों की फुटेज पुलिस के हाथ लग गई है. इन 6 संदिग्धों को पकड़ने के बाद पूछताछ के आधार पर हिंसा भड़काने में शामिल अन्य लोगों की भूमिका का भी पता लगाया जा सकेगा. फुटेज के आधार पर इन सभी तलाश की जा रही है. दरअसल पुलिस के पास जो तमाम सीसीटीवी फुटेज और वीडियो मौजूद हैं, उन्हीं की जांच के बाद इन 6 उपद्रवियों के बारे में पुलिस को पता चला है. अब इनकी तलाश तेज कर दी गई है.

इसके अलावा गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान पुलिस ने 10 फोटोग्राफर और 10 वीडियो कैमरा बाहर से प्राइवेट मंगाए थे. गणतंत्र दिवस का प्रोग्राम खत्म होने के बाद इन सभी को दंगे के दौरान भी काम पर लगा दिया गया था. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने इन सभी से भी दंगे के तमाम वीडियो और फ़ोटो ले लिए गए हैं. इन फ़ोटो और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है.इसे भी पढ़ें :- गाजीपुर से किसानों को जबरन हटाना गलत, दिल्ली पुलिस के नोटिस का जवाब देंगे- संयुक्त किसान मोर्चा
दिल्ली पुलिस आज जनता से भी मांगी मदद
दिल्ली पुलिस ने संदिग्धों को पकड़ने के लिए जनता की भी मदद मांगी है. पुलिस ने जनता से अपील की है कि दंगो के दौरान जिन लोगों ने भी मोबाइल कैमरे से वीडियो बनाए थे वो पुलिस को दें. अब तक पुलिस को 200 से ज्यादा फुटेज मिल चुकी है. जांच के दौरान पुलिस को कुछ किसान नेताओ के वीडियो भी मिले है जो भड़काऊ भाषण दे रहे थे. उनके वीडियो की जांच की जा रही है. आंदोलन जब से शुरू हुआ है तब से लेकर 26 जनवरी तक जितने भी व्हाट्सएप ग्रुप बने हैं, उन सभी की भी जांच की जा रही है. क्योंकि जांच के दौरान सामने आया है कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में किसान आंदोलन को भड़काने का काम किया गया.
इसे भी पढ़ें :- Ghazipur Border: धारा 144 लागू, आज मुजफ्फरनगर में महापंचायत, किसान गांवों से गाजीपुर को निकले
डंप डेटा की भी जांच कर रही है दिल्ली पुलिस
इसके साथ ही दिल्ली में जिन-जिन जगहों पर हिंसा हुई उन सभी इलाकों का डंप डेटा निकाला जा रहा है ताकि आरोपियों को पकड़ने में आसानी हो. डंप डाटा मोबाइल टावर से लिया जाता है, जिसमें हजारों नंबर शामिल होते है. कॉल डिटेल के आधार पर जिन नंबरो पर शक होता है उनकी जांच की जाती है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक हिंसा में शामिल 6 संदिग्धों की फुटेज पुलिस के हाथ लग गई है. इन 6 संदिग्धों को पकड़ने के बाद पूछताछ के आधार पर हिंसा भड़काने में शामिल अन्य लोगों की भूमिका का भी पता लगाया जा सकेगा. फुटेज के आधार पर इन सभी तलाश की जा रही है. दरअसल पुलिस के पास जो तमाम सीसीटीवी फुटेज और वीडियो मौजूद हैं, उन्हीं की जांच के बाद इन 6 उपद्रवियों के बारे में पुलिस को पता चला है. अब इनकी तलाश तेज कर दी गई है.
इसके अलावा गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान पुलिस ने 10 फोटोग्राफर और 10 वीडियो कैमरा बाहर से प्राइवेट मंगाए थे. गणतंत्र दिवस का प्रोग्राम खत्म होने के बाद इन सभी को दंगे के दौरान भी काम पर लगा दिया गया था. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने इन सभी से भी दंगे के तमाम वीडियो और फ़ोटो ले लिए गए हैं. इन फ़ोटो और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है.इसे भी पढ़ें :- गाजीपुर से किसानों को जबरन हटाना गलत, दिल्ली पुलिस के नोटिस का जवाब देंगे- संयुक्त किसान मोर्चा
दिल्ली पुलिस आज जनता से भी मांगी मदद
दिल्ली पुलिस ने संदिग्धों को पकड़ने के लिए जनता की भी मदद मांगी है. पुलिस ने जनता से अपील की है कि दंगो के दौरान जिन लोगों ने भी मोबाइल कैमरे से वीडियो बनाए थे वो पुलिस को दें. अब तक पुलिस को 200 से ज्यादा फुटेज मिल चुकी है. जांच के दौरान पुलिस को कुछ किसान नेताओ के वीडियो भी मिले है जो भड़काऊ भाषण दे रहे थे. उनके वीडियो की जांच की जा रही है. आंदोलन जब से शुरू हुआ है तब से लेकर 26 जनवरी तक जितने भी व्हाट्सएप ग्रुप बने हैं, उन सभी की भी जांच की जा रही है. क्योंकि जांच के दौरान सामने आया है कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में किसान आंदोलन को भड़काने का काम किया गया.
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डंप डेटा की भी जांच कर रही है दिल्ली पुलिस
इसके साथ ही दिल्ली में जिन-जिन जगहों पर हिंसा हुई उन सभी इलाकों का डंप डेटा निकाला जा रहा है ताकि आरोपियों को पकड़ने में आसानी हो. डंप डाटा मोबाइल टावर से लिया जाता है, जिसमें हजारों नंबर शामिल होते है. कॉल डिटेल के आधार पर जिन नंबरो पर शक होता है उनकी जांच की जाती है.