आरके पचौरी (File Photo)
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने प्रसिद्ध पर्यावरणविद आरके पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी.
साकेत कोर्ट ने पर्यावरणविद आरके पचौरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करना), 354 (ए) (यौन उत्पीड़न), 509 (महिला को अपशब्द बोलना), 354बी (महिला पर बल प्रयोग), 354 (डी) (स्टॉकिंग), 341 (रॉंगफुल रेस्ट्रेन) के तहत चार्ज लगाने का आदेश दिया है.
हालांकि कोर्ट ने पचौरी को कुछ धाराओं में मुक्त कर दिया और कहा कि कोर्ट 20 अक्टूबर को औपचारिक रूप से आरोप तय करेगी.
आरके पचौरी ने कोर्ट के आदेश पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इस वक्त देश में नहीं हैं. वहीं इस मामले में शिकायत करने वाली महिला ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए संतुष्टि प्रकट की है.
कोर्ट के आदेश पर शिकायतकर्ता ने कहा, "मैं खुशी महसूस कर रही हूं. यह सच्चाई की तरफ बड़ा कदम है. यह इतना आसान नहीं रहा. इसके लिए मैंने लंबा इंतजार किया है."
बता दें कि फरवरी में एक अन्य कोर्ट ने पचौरी की उस निवेदन को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने मीडिया पर कोर्ट की कार्रवाई के अतिरिक्त कुछ भी कवर करने से रोक लगाने की मांग की थी. एक प्राइवेट न्यूज चैनल पर एक महिला और वकील द्वारा उनपर की गई टिप्पणी के बाद पचौरी ने कोर्ट से यह निवेदन किया था.
बता दें कि 'द एनवायरनमेंट एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट' के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ एक यूरोपीय महिला ने खुद को उनकी पूर्व सचिव बताते हुए उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. पहले भी पचौरी के साथ काम कर चुकीं दो महिलाएं उनके खिलाफ ऐसे आरोप लगा चुकी हैं.
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