भारत ने बीते दो सालों में केवल चार मिशन लॉन्च किए हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कोरोना महामारी (Coronavirus) को देखते हुए भले ही अपने 16 अंतरिक्ष मिशन को घटाकर 5 कर दिया हो, लेकिन इनके भी पूरे होने की संभावना काफी कम दिखाई पड़ रही है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पहले मानव रहित गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) का प्रक्षेपण इस साल दिसंबर के अंत तक किए जाने की बात कही जा रही थी, लेकिन ऐसा लगता है कि इस मिशन को पूरा करने में कुछ वक्त और लग सकता है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इस साल गगनयान मिशन के तहत पृथ्वी पर निगरानी रखने वाले दो सैटेलाइट, एक नेविगेशन सैटेलाइट जबकि पहली मानव रहित और पूरी तरह से वैज्ञानिक मिशन पर आधारित सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रही है. इनमें से दो मिशन सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए नए लॉन्च व्हीकल का इस्तेमाल किया जाएगा. इसरो ने इस लॉन्च व्हीकल का इस्तेमाल करके दो नई सैटेलाइट भेजने की अपनी तैयारी पूरी भी कर ली है. गौरतलब है कि अभी तक जितने भी कॉमर्शियल सैटेलाइट लॉन्च किए गए हैं, उसमें SSLV का इस्तेमाल हुआ है.
इस साल अभी तक केवल दो प्रक्षेपण हुए हैं, इनमें से एक पूरी तरह से कॉमर्शियल PSLV C-51 है जो फरवरी में लॉन्च किया गया था. इसके जरिए ब्राजील के Amazonia-1 को अंतरिक्ष में भेजा गया था. वहीं दूसरी ओर अगस्त में लॉन्च किया गया GSLV-F10 है, जोकि भारतीय EOS-03 को अंतरिक्ष में ले जाने में विफल रहा था.
बता दें कि अंतरिक्ष एजेंसी ने इस साल के अंत तक तीन और मिशन की तैयारी की है, जिसमें SSLV की पहली विकास उड़ान भी शामिल है, जबकि दो अन्य EOS-04 और EOS-06 को लॉन्च करने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इस मिशन को पूरा करने के लिए PSLV का इस्तेमाल किया जाएगा. हालांकि एजेंसी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, इस साल तीनों मिशन का पूरा होना असंभव दिखाई दे रहा है.
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