होम /न्यूज /राष्ट्र /पायलट व केबिन क्रू के लिए अनिवार्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट फिर से शुरू, DGCA की गाइडलाइन जारी

पायलट व केबिन क्रू के लिए अनिवार्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट फिर से शुरू, DGCA की गाइडलाइन जारी

सभी पायलट और केबिन क्रू के लिए ब्रेथ एनालइजर टेस्ट फिर से शुरू, DGCA ने की गाइडलाइन जारी. (फाइल फोटो)

सभी पायलट और केबिन क्रू के लिए ब्रेथ एनालइजर टेस्ट फिर से शुरू, DGCA ने की गाइडलाइन जारी. (फाइल फोटो)

डीजीसीए ने 15 अक्टूबर से सभी पायलटों और केबिन क्रू के लिए अनिवार्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट फिर से शुरू करने के लिए दिशानिर ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली: किसी भी उड़ान से पहले अब पूर्व की तरह ही पायलटों का अनिवार्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट होगा. डीजीसीए ने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक विमानन कर्मियों मसलन पायलट और केबिन क्रू के लिए अनिवार्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट फिर से शुरू की जा रही है. इसे 15 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा. बता दें कि कोरोना काल में इस टेस्ट को बंद कर दिया गया था.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डीजीसीए ने 15 अक्टूबर से सभी पायलटों और केबिन क्रू के लिए अनिवार्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट फिर से शुरू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए. यह निर्णय कोरोना मामलों में आ रही कमी और सामान्य संचालन को फिर से शुरू करने के परिणामस्वरूप हवाई यातायात की मात्रा में वृद्धि के मद्देनजर लिया गया है. बता दें उड़ान से पहले पायलटों और क्रू मेंबर ने अल्कोहल ली है या नहीं, इस टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जाता है.

हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
बता दें कि सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर डीजीसीए यानी नागरिक उड्डयन महानिदेशक द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ही वायु यातायात नियंत्रकों, वाणिज्यिक पायलटों, चालक दल और अन्य स्टाफ सदस्यों का शराब के सेवन की जांच के लिए सांस के जरिए किया जाने वाला ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट (बीएटी) जारी रहेगा. हालांकि, अदालत ने अपनी पहले की शर्त हटा की कि एक घंटे में केवल छह ऐसे कर्मी ही जांच से गुजर सकते हैं.

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने हवाई यातायात में वृद्धि और मामलों में कमी को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया और डीजीसीए द्वारा संशोधन के लिए एक आवेदन के बाद इस मुद्दे पर पहले के आदेश को संशोधित किया. अदालत ने हालांकि कोविड-पूर्व प्रोटोकॉल के अनुसार बीएटी जांच के संचालन की अनुमति देने से संबंधित डीजीसीए के अनुरोध को खारिज कर दिया, डॉक्टर और किसी अन्य पैरामेडिक कर्मी के बिना ड्यूटी में शामिल होने से पहले यानी बीएटी जांच के क्षेत्र में ही कोविड -19 के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना.

अदालत ने कहा कि इस स्तर पर, रैपिड एंटीजन टेस्ट अनिवार्य रहेगा क्योंकि ‘अगर ऐसी जांच नहीं की जाती है तो जोखिम अधिक होगा और डॉक्टर या नर्स में से कोई भी संक्रमित हो सकता है. अदालत ने डीजीसीए को बाद के चरण में किसी अन्य संशोधन के लिए आवेदन करने की छूट दी। अदालत ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि डीजीसीए द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन जारी रहेगा. एटीसी के कर्मचारियों, वाणिज्यिक पायलटों, केबिन क्रू और अन्य स्टाफ सदस्यों के लिए बीएटी का संचालन भी डीजीसीए द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर कोविड-19 महामारी की स्थिति के मद्देनजर होता रहेगा.

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें