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'धोखेबाज' नेताओं को TMC में वापस लेने के मूड में नहीं हैं ममता बनर्जी

ममता बनर्जी (PTI)

ममता बनर्जी (PTI)

​​तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने कहा कि बागी नेताओं की वापसी का फैसला ...अधिक पढ़ें

    (कमोलिका सेनगुप्ता)

    कोलकाता. पश्चिम बंगाल में 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की व्यापक जनादेश के साथ सत्ता में वापसी हुई. इसके बाद से विपक्षी खेमे में हलचल तेज हो गई है. तृणमूल छोड़कर गए कई नेता अब 'घर वापसी' का लक्ष्य बना रहे हैं.

    इस प्रवृत्ति की शुरुआत चार बार की विधायक सोनाली गुहा ने की थी, जो कभी ममता बनर्जी की छाया मानी जाती थीं. गुहा ने बीजेपी में शामिल होने को अपनी गलती माना था. दीदी को ओपन लेटर लिखते हुए सोनाली गुहा ने कहा था, 'जिस तरह एक मछली पानी से बाहर नहीं रह सकती है, मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगी दीदी. मैं आपसे माफी मांगती हूं और मुझे पार्टी में वापस आने की अनुमति दें. मैं अपना बाकी जीवन आपके स्नेह की छाया में बिताना चाहती हूं.'

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    इसके बाद फुटबॉलर से नेता बने दीपेंदु विश्वास ने ममता से घर वापसी की गुहार लगाई. उन्होंने भी टीएमसी छोड़कर बीजेपी में जाने को एक बुरा फैसला बताया. दीपेंदु विश्वास ने ममता बनर्जी के नाम चिट्टी में लिखा- 'पार्टी और पद छोड़ने का फैसला भावनात्मक था. क्योंकि उन्हें इनएक्टिव होने का डर था. अब पार्टी में वापसी चाहते हैं. दीपेंदु विश्वास ने बशीरहाट दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम करने की इच्छा भी व्यक्त की.

    घर वापसी की रेस में सबसे नया नाम मुकुल रॉय का लगता है. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि वह टीएमसी में वापस आ रहे हैं. राजनीतिक हलकों में हाल ही में उस समय चर्चा को बल मिला, जब मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु ने जरूरत के वक्त परिवार के साथ खड़े रहने के लिए ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया. इससे उन्होंने यह संकेत दिया कि राजनीतिक पुनर्गठन की संभावना बनी हुई है.

    मुकुल रॉय की पत्नी और सुभ्रांशु की मां कृष्णा रॉय कोरोना संक्रमित होने के बाद से कोलकाता के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं. मुकुल रॉय भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे. अब उनकी तबीयत में सुधार है. सुभ्रांशु ने कहा था, 'मैं आभारी हूं कि ममता बनर्जी ने विभिन्न माध्यमों से हमारी मदद की और जरूरत के वक्त परिवार के साथ खड़ी रहीं.' उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता के अपोलो अस्पताल का दौरा किया था, जहां कृष्णा रॉय का इलाज चल रहा है.

    मुकुल रॉय के साथ ही टीएमसी में वापसी की इच्छा रखने वाले एक और नेता का नाम सामने आ रहा है. वह हैं राज्य के पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी. वो इस साल की शुरुआत में टीएमसी से अलग होकर बीजेपी में चले गए थे. बीजेपी नेता ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट पर चेतावनी दी कि लोग बंगाल में विशाल जनादेश के साथ चुनी गई सरकार के खिलाफ लोग राष्ट्रपति शासन की धमकियों को स्वीकार नहीं करेंगे. राजीब बनर्जी ने जनवरी में टीएमसी छोड़ने पर कहा था कि उन्हें इसके लिए मजबूर किया गया, क्योंकि पार्टी के नेताओं के एक वर्ग ने उनके कामकाज की शैली को लेकर सवाल खड़े किए थे और उन्हें अपमानित किया था.

    राजीब बनर्जी और मुकुल रॉय चुनाव के बाद की हिंसा को लेकर बीजेपी नेतृत्व की बैठक में भी शामिल नहीं हुए. पूर्व विधायक ने कहा कि सभी को राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए, जो कि COVID-19 महामारी और चक्रवात यास के कारण मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. बीजेपी के नेताओं ने बनर्जी के इस बयान पर नाखुशी जाहिर की थी.

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    ​​तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बागी नेताओं की वापसी का फैसला अध्यक्ष ही लेंगी. हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना ​​है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी फिलहाल इन नेताओं की दोबारा वापसी को लेकर किसी जल्दी में नहीं हैं.

    पार्टी के भीतर के सूत्रों ने कहा कि बुरे वक्त में पार्टी का साथ छोड़ने वालों पर भरोसा नहीं किया जा सकता. इनमें से कई ने शीर्ष नेतृत्व को ब्लैकमेल किया. ऐसे नेताओं को वापस लाने से टीएमसी की छवि धूमिल हो सकती है.

    Tags: BJP, Mamata banerjee, Mukul Roy, West Bengal Assembly Election 2021

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