अर्थ डे नेटवर्क इंडिया ने दिया ‘स्टार विलेज’ का दर्जा (फोटो आभार/facebook)
डोबिशा गांव (Dobisha Village), पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में स्थित एक आदर्श हरित गांव है (Model Green Village). एक वक्त ऐसा था जब इस गांव के रहने वाले बिजली और पानी के लिए तरसते थे. मगर आज सभी 118 घर सौर ऊर्जा से चलते हैं. इस अक्षय ऊर्जा का उपयोग सिंचाई पंप, स्ट्रीट लाइट और शिक्षण केंद्र में कंप्यूटर चलाने के लिए भी किया जाता है. इसके अलावा, गांव में एक ‘स्वच्छ पेयजल एटीएम’ स्थापित किया गया है.
गांव का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 97.58 हेक्टेयर है. 2022 की जनगणना के अनुसार डोबिशा की कुल आबादी 543 लोगों की है. डोबीसा गांव में करीब 118 घर हैं. यहां का निकटतम शहर खड़गपुर है, जो 67 किलोमीटर दूर है.
ग्रामीणों की सहभागिता से हुआ संभव
मां शीतला सोलर मॉडल ग्राम समिति ने स्वयं ग्रामीणों के नेतृत्व में इसे संभव बनाया. समिति ग्रामीणों के लिए है. एक आत्मनिर्भर, टिकाऊ गांव के रूप में डोबिशा की सफलता, जो जीवाश्म ईंधन मुक्त ऊर्जा के साथ-साथ अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को भी पूरा करती है और अपने निवासियों के लिए स्वच्छ पानी का प्रबंध करती है.
हरित रोजगार
आज दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों हरित रोजगार का सृजन हो रहा है. भारत जैसे देश में इसकी सख्त जरूरत है, जहां तेजी के साथ जलवायू परिवर्तन हो रहा है. हरित रोजगार के तहत ऊर्जा, पानी और अन्य प्राकृतिक संसाधनओं और दूसरी सामग्रियों की खपत को कम किया जाता है. इस दिशा में डोबिशा गांव, देश के अन्य गांव के लिए उदाहरण है. जहां के लोग हरित रोजगार से अपने गांव का नक्शा ही बदल दिया है.
‘स्टार विलेज’ से सम्मानित
20 अप्रैल 2020 को पृथ्वी दिवस की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर इस गांव को अर्थ डे नेटवर्क इंडिया द्वार ‘स्टार विलेज’ दर्जा दिया गया. साथ ही यह निर्णय लिया गया कि हर साल इसी तरह अन्य गांव को भी स्टार विलेज विलेज के तौर पर नामांकित किया जाएगा.
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