गुड न्यूज़! डॉ. हर्षवर्धन बोले- स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का 2 महीने में पूरा हो सकता है अंतिम ट्रायल

स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन की दी प्रतिक्रिया. (Pic- PTI File)
Coronavirus Vaccine: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और निजी कंपनी भारत बायोटेक मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का काम कर रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: November 23, 2020, 8:04 AM IST
नई दिल्ली. देश-दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन (Corona Vaccine) का बेसब्री से इंतजार हो रहा है. दुनियाभर में वैज्ञानिक बड़े स्तर पर कोविड-19 (COVID-19) महामारी की वैक्सीन और दवा विकसित करने में जुटे हैं. भारत में भी कोरोना वैक्सीन बनाने पर तेजी से शोध हो रहा है. देश में स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल भी जारी है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने जानकारी दी है कि देश में बन रही कोरोना वायरस की वैक्सीन का फाइनल ट्रायल भी करीब 2 महीने में पूरा हो सकता है. इससे इस वैक्सीन के जल्दी उपलब्ध होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और निजी कंपनी भारत बायोटेक मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का काम कर रहे हैं. इस स्वदेशी वैक्सीन का नाम कोवैक्सिन है. इसका ट्रायल वॉलंटियर्स भी करने की योजना है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है, 'हम अपनी स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित करने की प्रक्रिया में हैं. अगले एक या दो महीने में इसके ट्रायल का तीसरा चरण पूरा हो जाने की संभावना है.' केंद्र सरकार देश के हर नागरिक तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाना चाहती है. उसका लक्ष्य जुलाई तक करीब 25 करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने का है.
वहीं भारत बायोटेक ने रविवार को कहा है कि उसके शोधकर्ताओं की ओर से बनाई जा रही भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Covaxin कम से कम 60 फीसदी प्रभावी होगी.
भारत बायोटेक में क्वालिटी ऑपरेशंस के प्रमुख साई डी प्रसाद ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) और भारत के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने श्वसन रोग ( रेस्पिरेटरी डिसीज) के टीके को मंजूरी दे दी है, जब वो कम से कम 50 फीसदी प्रभावी थी.
कंपनी का कहना है उसने कोरोना वैक्सीन का करीब 60 फीसदी प्रभावीकरण का लक्ष्य रखा है. यह अनुमान से अधिक भी हो सकता है. जैसा कि उनके परीक्षण में पता चला है कि वैक्सीन के 50 फीसदी से कम प्रभावी रहने की संभावना काफी कम है.
बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और निजी कंपनी भारत बायोटेक मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का काम कर रहे हैं. इस स्वदेशी वैक्सीन का नाम कोवैक्सिन है. इसका ट्रायल वॉलंटियर्स भी करने की योजना है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है, 'हम अपनी स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित करने की प्रक्रिया में हैं. अगले एक या दो महीने में इसके ट्रायल का तीसरा चरण पूरा हो जाने की संभावना है.' केंद्र सरकार देश के हर नागरिक तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाना चाहती है. उसका लक्ष्य जुलाई तक करीब 25 करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने का है.
वहीं भारत बायोटेक ने रविवार को कहा है कि उसके शोधकर्ताओं की ओर से बनाई जा रही भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Covaxin कम से कम 60 फीसदी प्रभावी होगी.
कंपनी का कहना है उसने कोरोना वैक्सीन का करीब 60 फीसदी प्रभावीकरण का लक्ष्य रखा है. यह अनुमान से अधिक भी हो सकता है. जैसा कि उनके परीक्षण में पता चला है कि वैक्सीन के 50 फीसदी से कम प्रभावी रहने की संभावना काफी कम है.