गगनयान के लिए 60 में से 12 पायलट ही हुए शॉर्टलिस्ट, दांत में दिक्कत के चलते छटे कई
News18Hindi Updated: November 16, 2019, 11:51 AM IST

प्रशिक्षित पायलटों को अब 2022 में गगनयान मिशन पर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
गगनयान (Gaganyaan) भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसे इसरो ने दिसंबर 2021 तक प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से महत्वकांक्षी गगनयान मिशन की घोषणा की थी.
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- Last Updated: November 16, 2019, 11:51 AM IST
बेंगलुरु. अंतरिक्ष मिशन (Space mission) पर जाना हर किसी का सपना होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि अंतरिक्ष मिशन पर जाने के लिए सेहत के साथ ही आपके दांत का भी मजबूत होना बेहद जरूरी है. भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' (Gaganyaan) में अंतरिक्ष यात्रियों (Astronauts) के चुनाव में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (Institute of Aerospace Medicine) के विशेषज्ञों ने पिछले तीन महीनों में भारतीय वायुसेना (Air Force) के जिन पायलटों का टेस्ट किया है, उनमें से केवल 12 का ही चुनाव किया जा सका.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, रूसी विशेषज्ञों की मदद से रूस के स्टार सिटी के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में पिछले 45 दिनों में 60 क्षेत्रों से चुने गए पायलटों ने प्रशिक्षण लिया है. इस विशेष प्रशिक्षण के बाद पायलट भारत लौटने के लिए तैयार हैं. प्रशिक्षित पायलटों को अब 2022 में गगनयान मिशन पर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. IAM विशेषज्ञों ने इंडियन सोसाइटी ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि जुलाई और अगस्त में स्क्रीनिंग में देखने को मिला है कि ज्यादातर उम्मीदवारों में दांत से जुड़ी परेशानी है.
1984 में रूसी सोयूज टी-11 मिशन के लिए कॉस्मोनॉट्स राकेश शर्मा और रवीश मल्होत्रा के चयन के बाद आईएएम तीन दशक से भी अधिक समय के बाद एक बार फिर उम्मीदवारों का चयन करना शुरू किया है. चयनित उम्मीदवारों को गगनयान मिशन पर भेजा जाएगा. आईएएम टीम ने आईएएफ की आरे से भेजे गए 24 पायलटों में से 16 पायलटों के एक समूह का चुनाव किया था, लेकिन रूसी टीम ने दांत की समस्या को देखते हुए कई पायलटों को अनफिट घोषित कर दिया.
इसे भी पढ़ें :- सूर्य, मंगल और शुक्र से लेकर गगनयान तक: चंद्रयान-2 के बाद इसरो के पास हैं ये बड़े प्रोजेक्टआईएएम के मुख्य चयन अधिकारी एमएस नटराज ने कहा कि हमने 16 डोजियर तैयार किए और एक विमानन विशेषज्ञ के नेतृत्व वाली रूसी टीम के सामने पेश किया. हम जब उनके साथ बैठे और चयनित पायलटों का मूल्यांकन किया तो हमें पता चला कि हमने क्या गलती की है. 16 में से मात्र सात पायलट ही इस मिशन के लिए फिट बैठ सके. ज्यादातर पायलटों को जिन्हें रूस की टीम ने बाहर कर दिया था, उन्हें दांत की समस्याएं थीं, जो अंतरिक्ष उड़ान में समस्याएं पैदा कर सकती हैं.
इसे भी पढ़ें :- ISRO ने चुन लिए वो 12 नाम जो अंतरिक्ष में बन सकते हैं 'गगनयान' का हिस्सा
दिसंबर 2021 में भेजा जाएगा गगनयानगगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसे इसरो द्वारा दिसंबर 2021 तक प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रखा गया है. अधिकारी ने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और यान में पर्याप्त ऑक्सीजन और गगन यात्रियों के लिए जरूरी अन्य सामान के साथ कैप्सूल जुड़ा होगा.
इसे भी पढ़ें :- अब गगनयान की तैयारी, अंतरिक्ष यात्री चुनने के लिए एयरफोर्स ने पूरी की पहले चरण की प्रक्रिया
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, रूसी विशेषज्ञों की मदद से रूस के स्टार सिटी के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में पिछले 45 दिनों में 60 क्षेत्रों से चुने गए पायलटों ने प्रशिक्षण लिया है. इस विशेष प्रशिक्षण के बाद पायलट भारत लौटने के लिए तैयार हैं. प्रशिक्षित पायलटों को अब 2022 में गगनयान मिशन पर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. IAM विशेषज्ञों ने इंडियन सोसाइटी ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि जुलाई और अगस्त में स्क्रीनिंग में देखने को मिला है कि ज्यादातर उम्मीदवारों में दांत से जुड़ी परेशानी है.
1984 में रूसी सोयूज टी-11 मिशन के लिए कॉस्मोनॉट्स राकेश शर्मा और रवीश मल्होत्रा के चयन के बाद आईएएम तीन दशक से भी अधिक समय के बाद एक बार फिर उम्मीदवारों का चयन करना शुरू किया है. चयनित उम्मीदवारों को गगनयान मिशन पर भेजा जाएगा. आईएएम टीम ने आईएएफ की आरे से भेजे गए 24 पायलटों में से 16 पायलटों के एक समूह का चुनाव किया था, लेकिन रूसी टीम ने दांत की समस्या को देखते हुए कई पायलटों को अनफिट घोषित कर दिया.
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दिसंबर 2021 में भेजा जाएगा गगनयान
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First published: November 16, 2019, 10:48 AM IST
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