सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे. (File Photo)
नई दिल्लीः भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण को विदाई देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे रो पड़े. दवे ने कहा कि सीजेआई रमण ने पूरी दृढ़ता (Performed his duty with a Spine) के साथ अपना कर्तव्य निभाया और वह अपने कार्यकाल के दौरान नागरिकों के न्यायाधीश (Citizen’s Judge) बने रहे. सीजेआई को अपने परिवार के सदस्य के रूप में संदर्भित करते हुए दुष्यंत दवे ने कहा कि वे अपनी भावनाओं को नहीं रोक सकते. उन्होंने कहा, ‘आप आम लोगों के जज रहे. मैं आज अपनी भावनाओं को नहीं रोक सकता. आपने अपना कर्तव्य निभाया. आपने अधिकारों को बरकरार रखा. आपने संविधान को बरकरार रखा. आपने जांच और संतुलन की व्यवस्था बनाए रखी. आप जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस हिमा कोहली के हाथों में कोर्ट सौंप रहे हैं. हम आपको मिस करेंगे.’
दवे ने सीजेआई एनवी रमण के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, ‘आपने नियंत्रण और संतुलन बनाए रखा और इसे संस्था और वकीलों के लिए मजबूती और अत्यंत शिष्टाचार के साथ किया. आपने अदभुत संवैधानिक नैतिकता और संवैधानिक लोकाचार बनाए रखा. आपके सामने पेश होना एक खुशी की बात है. मैंने वास्तव में इसे महसूस किया, जब मैंने इंडियन एक्सप्रेस में वह आर्टिकल लिखा था कि जिस दिन आपने पदभार संभाला था, मैं खो गया था. मैं बहुत निराशावादी हो सकता हूं. लेकिन मुझे इस बात का बहुत संतोष है कि आप जस्टिस ललित के हाथों में अदालत सौंप रहे हैं.’
आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं सीजेआई एनवी रमण
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है. इस मौके पर सुनवाई कर रही उनकी पीठ की कार्रवाई का सीधा प्रसारण किया गया. विदाई कार्यक्रम में कई जजों और वकीलों ने उनके प्रति सम्मान व भावपूर्ण शब्दों में अपनी बात कही. सीजेआई के तौर पर अपने कार्यकाल के अंतिम दिन जस्टिस रमण ने मनोनीत नए चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस हिमा कोहली के साथ पीठ साझा की. पीठ ने प्रतीकात्मक रूप से एक मामले की सुनवाई की.
बड़े सुधारों के लिए याद किया जाएगा CJI एनवी रमण का कार्यकाल
जस्टिस एनवी रमण करीब 16 माह तक सीजेआई रहे. उनके कार्यकाल को देश की अदालत के कामकाज में बड़े सुधारों के लिए भी याद किया जाएगा. अदालतों में जजों के रिक्त पदों को भरने के लिए उन्होंने मुहिम छेड़ दी थी. उन्होंने जिला अदालतों और हाई कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाई. लंबित केसों के निपटान के लिए एक सिस्टम बनाने का प्रयास भी उन्होंने किया. सीजेआई और कॉलेजियम के प्रमुख के रूप में उन्होंने 225 न्यायिक अधिकारियों यानी निचली कोर्ट के न्यायाधीशों और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की सिफारिश की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में 11 जजों की नियुक्ति की गई. इनमें महिला जज बीवी नागरत्न भी शामिल हैं.
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Tags: CJI NV Ramana, Supreme Court
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