नई दिल्ली. पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) द्वारा किसान आंदोलन पर गलती से शेयर की गई टूलकिट को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है-इससे बड़े खुलासे हुए हैं. हमें इंतजार करके देखना होगा कि अभी और क्या सामने आएगा. विदेशी हस्तियों के इस मामले पर प्रतिक्रिया देने के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए स्टेटमेंट का ठोस कारण था. दरअसल उन हस्तियों को इस मुद्दे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.
एक ट्वीट के लिए 18 करोड़ रुपए लेने की रिपोर्ट
गौरतलब है कि शुक्रवार को खबर आई थी कि अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने के लिए करीब ढाई मिलिनयन यूएस डॉलर यानी 18 करोड़ रुपए लिए थे. द प्रिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक रिहाना ने खालिस्तानी लिंक वाली एक पीआर फर्म से ये पैसे लिए थे. कनाडा के पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल स्काईरॉकेट नाम की इस फर्म के डायरेक्टरों में से एक है.
रिपोर्ट के मुताबिक किसान आंदोलन के समर्थन में ग्लोबल कैंपेन की शुरुआत करने के पीछे पीजेएफ का ही हाथ है. इस संगठन के पीछे ताकतवर अलगाववादी लोगों का हाथ हो सकता है. पीजेएफ की वेबसाइट भी साफ कह रही है कि इस वक्त सबसे ज्यादा एक्टिव किसान आंदोलन को लेकर है.
पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर की गई टूलकिट भी PJF ने की तैयार
खबर है कि स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर की गई टूलकिट को कनाडा के पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने तैयार किया है. इसी बीच शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने संस्था को लेकर बड़ा दावा किया है. पुलिस का कहना है कि किसान आंदोलन की आड़ में संस्था का संस्थापक एमओ धालीवाल भारत में खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देना चाहता है.
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