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LAC पर बदलाव की कोई भी एकतरफा कोशिश बर्दाश्त नहीं करेंगे: विदेश मंत्री जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश जारी है. (फाइल फोटो)

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश जारी है. (फाइल फोटो)

India China LAC Tension: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों व राजनयिकों के बीच बातचीत के ज ...अधिक पढ़ें

तिरुवनंतपुरम. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को भारत-चीन सीमा विवाद पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास को ‘बर्दाश्त’ नहीं किया जाएगा. जयशंकर ने कहा, ‘पिछले दो वर्ष में जो हुआ है, हम यह सुनिश्चित करने में बहुत स्पष्ट और बहुत सक्षम रहे हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने का कोई भी प्रयास हमारे द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सैन्य कमांडरों और राजनयिकों के बीच बातचीत के जरिए सीमा मुद्दे को सुलझाने के प्रयास जारी हैं.

जयशंकर ने कहा, ‘पिछले साल पीछे हटने की प्रक्रिया संतोषजक रही. अभी भी कुछ मुद्दे हैं … चर्चा चल रही है. मैंने खुद चीनी विदेश मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठाया जब मैं उनसे बाली (जी 20 विदेश मंत्रियों की बैठक) में मिला था.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए, मुझे लगता है कि हम इसके बारे में बहुत स्पष्ट और बहुत खुले हैं. इसलिए, मैं वास्तव में नहीं जानता कि भ्रम क्या है.’

‘देश की विदेश नीति में सुरक्षा सबसे ऊपर’
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन-पाकिस्तान समुद्री अभ्यास – सी गार्डियंस – से भारतीय समुद्री सुरक्षा को खतरा है, मंत्री ने कहा कि सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है और यह देश की विदेश नीति में सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा, ‘इसलिए, जब भी हमें लगता है कि देश के सुरक्षा हित किसी तरह से प्रभावित होते हैं, तो हम अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो कुछ भी आवश्यक समझते हैं, हम करेंगे.’

‘भारत समुद्री गतिविधि से अवगत है’
जयशंकर ने कहा, ‘हमने विभिन्न स्थितियों में यह प्रदर्शित किया है. कुछ मामलों में, आपने उरी और बालाकोट में देखा है. आपने यह भी देखा है कि चीन के साथ एलएसी पर भी, जहां 2020 में कोविड-19 के बीच में भी, हमने एलएसी की प्रभावी ढंग से रक्षा करने के लिए वास्तव में वहां बड़ी संख्या में सैनिक भेजे थे.’ उन्होंने कहा कि भारत अपने दक्षिण में समुद्रों और महासागरों में समुद्री गतिविधि से अवगत है तथा उस पर नज़र रखता है. मंत्री ने कहा, ‘हम जो कुछ भी महसूस करते हैं, हम वही करते हैं जो हमें करने की आवश्यकता होती है.’

Tags: China, Ladakh, S Jaishankar

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