जम्मू कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए, 4.1 थी तीव्रता

जम्मू-कश्मीर के डोडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Earthquake: अभी पांच दिन पहले भी जम्मू कश्मीर में 5.1 की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस समय भी कश्मीर के डोडा, किश्तवाड़ और रामबान में तेज झटके महसूस किए गए थे.
- News18Hindi
- Last Updated: January 17, 2021, 12:54 AM IST
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के डोडा में शनिवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई. अभी पांच दिन पहले भी जम्मू कश्मीर में 5.1 की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस समय भी कश्मीर के डोडा, किश्तवाड़ और रामबान में तेज झटके महसूस किए गए थे. भूकंप के झटके इतनी तेज थे कि लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए थे. उस समय भूकंप का केंद्र कटरा से उत्तर-पूर्व में 63 किमी की दूरी पर 5 किमी की गहराई पर था.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शनिवार को 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था. शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह के अनुसार रात 8.21 बजे भूकंप महसूस किया गया. भूकंप का केंद्र कांगड़ा के करेरी के पूर्वोत्तर में 10 किलोमीटर की गहराई में था. उन्होंने कहा कि आसपास के इलाकों में भी झटके महसूस किए गए.
उत्तराखंड में बार बार आ रहे भूकंप से वैज्ञानिक चिंतित...
उत्तराखंड में पिछले दिनों आए भूकंप के झटकों के बाद एक बार फिर से आपदा की तैयारियों और अवेयरनेस का मुद्दा उठ गया है. वैज्ञानिक भी अब इस पर चिंता जताने लगाने हैं. दरअसल भूकंपीय दृष्टिकोण में उत्तराखंड जोन 5 में है और इस हिमालयी राज्य में अक्सर भूकंप के हल्के झटके आते हैं. इसी को लेकर स्कूली बच्चों के लिए वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक ऑनलाइन सेशन ऑर्गेनाइज़ किया था. इसमें प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और सेस्मोमीटर को लेकर टीचर्स और बच्चों को जानकारी दी गई. वैज्ञानिकों ने माना कि अब भी भूकंप के पूर्वानुमान की जानकारी नहीं जुटाई जा सकती इसलिए जागरूकता से ही बचाव संभव है.पूर्वानुमान मुश्किल
केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी सीमाद्वार में पहुंचे वाडिया हिमालयन भूविज्ञान ससंस्थान के डायरेक्टर कालाचांद सांई ने बताया कि अब भी हमें प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को समझने के लिए काफ़ी काम करना है. भूकंप जैसी परिस्थिति का पूर्वानुमान बहुत मुश्किल है और इसीलिए भूकंप की स्थिति में क्या करना चाहिए, इसे लेकर जागरूकता बहुत ज़रूरी है.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शनिवार को 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था. शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह के अनुसार रात 8.21 बजे भूकंप महसूस किया गया. भूकंप का केंद्र कांगड़ा के करेरी के पूर्वोत्तर में 10 किलोमीटर की गहराई में था. उन्होंने कहा कि आसपास के इलाकों में भी झटके महसूस किए गए.
उत्तराखंड में बार बार आ रहे भूकंप से वैज्ञानिक चिंतित...
उत्तराखंड में पिछले दिनों आए भूकंप के झटकों के बाद एक बार फिर से आपदा की तैयारियों और अवेयरनेस का मुद्दा उठ गया है. वैज्ञानिक भी अब इस पर चिंता जताने लगाने हैं. दरअसल भूकंपीय दृष्टिकोण में उत्तराखंड जोन 5 में है और इस हिमालयी राज्य में अक्सर भूकंप के हल्के झटके आते हैं. इसी को लेकर स्कूली बच्चों के लिए वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक ऑनलाइन सेशन ऑर्गेनाइज़ किया था. इसमें प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और सेस्मोमीटर को लेकर टीचर्स और बच्चों को जानकारी दी गई. वैज्ञानिकों ने माना कि अब भी भूकंप के पूर्वानुमान की जानकारी नहीं जुटाई जा सकती इसलिए जागरूकता से ही बचाव संभव है.पूर्वानुमान मुश्किल
केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी सीमाद्वार में पहुंचे वाडिया हिमालयन भूविज्ञान ससंस्थान के डायरेक्टर कालाचांद सांई ने बताया कि अब भी हमें प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को समझने के लिए काफ़ी काम करना है. भूकंप जैसी परिस्थिति का पूर्वानुमान बहुत मुश्किल है और इसीलिए भूकंप की स्थिति में क्या करना चाहिए, इसे लेकर जागरूकता बहुत ज़रूरी है.