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पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के आक्रामक रुख से चीनी PLA में खलबली, प्लान बदल रहा ड्रैगन

चीन को भारत के इस प्लान से भी खासा डर सता रहा है.(सांकेतिक तस्वीर PTI)

चीन को भारत के इस प्लान से भी खासा डर सता रहा है.(सांकेतिक तस्वीर PTI)

India-China Standoff: पूर्वी लद्दाख और अक्साई चिन पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए चीन ने अपनी सेना के फ़ार्मेशन स्ट्रक् ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में एलएसी (LAC) के करीब भारत ने पिछले 3 साल में सेना ने 12 हज़ार करोड़ रुपये इंफ़्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए. अक्सइ चिन में काराकोरम हाइवे के दरवाज़े तक DSDBO रोड पहुंचाया तो चीन बेचैन हो उठा था और उसी सड़क पर ताकझांक के मक़सद से गलवान में नया फ्रिक्शन प्वाइंट बनाया. चीन को लगा था कि भारत पहले की तरह ही डर कर बातचीत का रास्ता चुनेगा लेकिन इस बार एसा नहीं हुआ. और यहीं से चीन ने हाई ऑलटेट्यूड में अपनी रणनीति में ज़बरदस्त बदलाव लाया है.

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ चीनी पीएलए री स्ट्रकचरिंग तो पहले से ही करने में लगा था लेकिन अब पीएलए ने शिंजियान मिलेट्री डिस्ट्रिक्ट में पीएलए की चार डिविज़न. 4th मैकेनाइज इंफ़ैंट्री और 6,8 और 11 मोटेराइजड इंफ़ैंट्री डिविज़न को कंबाइंड आर्मड ब्रिगेड में तब्दील कर दिया. यानी कि चीन ने अपनी इन चार डिविज़न को ब्रिगेड में तब्दील कर उसमें सेना के अन्य कॉम्पोनेन्ट जोड़ दिए. पूर्वी लद्दाख के दूसरी ओर चीन ने अपनी कांबेट और फ़ायर पावर को मज़बूत करने के मकसद से ये तब्दीली की है. इससे मैकइंफ़ैंट्री के साथ साथ एयर डिफेंस, लॉजिस्टिक में ज़बरदस्त बढ़ोतरी होगी. अगर कंबाइंड आर्म ब्रिगेड की बात करें तो इसमें 4 कंबाइंड आर्म बटालियन, रेकानेन्स बटालियन, आर्टेलरी टैंक बटालियन , एयर डिफ़ेंस बटालियन , कॉम्बेट सपोर्ट बटालियन और कॉम्बेट सर्विस बटालियन शामिल है.

भारत से टक्कर लेने के लिए चीन कर रहा मशक्कत
जानकारों की मानें तो चीन का इस बदलाव के पीछे की सबसे बड़ी वजह है भरतीय सेना के साथ हाई ऑलटेट्यूड एरिया में भविष्य की लड़ाई के लिए खुद को तैयार करना. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ इसी साल जनवरी में ही ये महत्वपूर्ण तब्दीली की गई है. शिंगजियान मिलेट्री में 70 हज़ार से ज़्यादा सैनिक है इन चार डिविज़न के अलावा आर्टलरी ब्रिगेड , स्पेशल ऑपरेशन फ़ोर्स ब्रिगेड, 2 इंडिपेंडेंट रेजिमेंट और 2 बॉर्डर डिफेंस रेजिमेंट आती है. चीन ने अपनी मिलिट्री और उसकी कमॉन्ड को ढांचे रूसी के सैन्य ढांचे को देखते हुए बनाया था.

1950 में पूरे देश को 6 मिलेट्री रीजन में बांटा था इसके ठीक 4 साल बाद इस 6 मिलेट्री रीजन को 12 में बांट दिया. और 1956 में इसमें एक और मिलिट्री रीजन बढ़ाकर 13 कर दिया था. लेकिन 60 के दशक में इसे कम कर 11 कर दिया था और 80 के दशक में इसे और कम करते हुए 7 मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट में बदला और 2016 में रीस्ट्रकचर करते हुए 5 थियेटर कमॉड में बदल दिया. इस बदलाव के पीछे का मक़सद से था कि ज़्यादा से ज़्यादा रीसोर्स का इस्तेमाल बेहतर तरीके से किया जा सके और अलग अलग कॉम्पोनेंट को एक जगह से ऑपरेट किया जा सके. जिस तरह से पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के सभी आर्म समन्वय से चीनी पीएलए से निपटने के लिए तैयार बैठे हैं. जो कि हाई ऑलटेट्यूड एरिया में जंग लड़ने में माहिर है.

चीनी सैनिकों में मची खलबली
ऐसे में चीन अपने को भी भारतीय सेना का सामना करने के लिए तैयार कर रहा है और ख़ास तौर पर पूर्वी लद्दाख में इस तरह की बदलाव होना ये साफ दिखा रहा है कि पीएलए में किस तरह से खलबली मची है. भारत में भी थियेटर कमॉन्ड बनने की प्रक्रिया पर काम जारी है चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इंटीग्रेटेड बैटेल ग्रुप बना रहा है. ऊंचे पहाड़ों में लड़ाई को बेहतर ढंग से लड़ने के लिए भारतीय सेना ने माउंटेन कोर को पहले ही बना दिया है और इन माउंटेन कोर में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनेंगे. जिससे आने वाले दिनों में अब तक सेना के फॉर्मेशन का अहम हिस्सा रहे डिविजन अब खत्म हो जाएंगे.

शुरुआत सेना के मिडिल सेक्टर स्थित 9 वीं और ईस्टर्न सेक्टर में पानागढ़ में स्थित 17 वीं माउंटेन कोर से होगी. इस 17वीं कोर का नाम भी है ब्रहमास्त्र कोर. उसके बाद अलग अलग माउंटेन स्ट्राइक कोर में इसी तरह की IBG तैयार होगी. अभी तक तो अभी तक इंफेन्ट्री, आर्टिलरी, टैंक रेजीमेंट अलग-अलग यूनिट्स की तरह काम करते हैं लेकिन इस बैटल ग्रुप में ये सब एक साथ होंगे. इसका सबसे बड़ा मकसद ये है की लड़ाई के हालातों में देश के अलग अलग हिस्सों में तैनात इन रेजिमेंट के मूवमेंट में जो समय जाया होता था अब वो नहीं हुआ करेगी. ये बिल्कुल रैपिड यूनिट की तरह से ऑपरेट करेंगे. भारतीय सेना ने अपनी पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा के लिए 11 से 13 इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाने और तैनात करने की योजना बनाई है. चीन को भारत के इस प्लान से भी खासा डर सता रहा है.

Tags: India china, India china border dispute, Indian army

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