चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा का 2008 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन रद्द कर दिया है. इसके साथ ही मिश्रा के चुनाव लड़ने पर तीन साल का बैन भी लगा दिया है, यानी वह साल 2018 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
हालांकि 2008 के बाद मिश्रा ने 2013 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और शिवराज कैबिनेट में मंत्री बनाए गए थे. शिवराज कैबिनेट में नरोत्तम मिश्रा का कद काफी ऊंचा माना जाता है. वह मध्यप्रदेश के जनसंपर्क और जल संसाधन मंत्री हैं.
क्या है मामला
वह साल 2008 में दतिया से विधायक चुने गए थे. चुनाव हारने वाले प्रत्याशी राजेंद्र भारती ने 2009 में पेड न्यूज की शिकायत दर्ज कराई थी. जनवरी 2013 में चुनाव आयोग ने मिश्रा को नोटिस भेजकर खर्च की जानकारी मांगी थी. इसके बाद मिश्रा पर चुनाव खर्च का गलत ब्यौरा देने का आरोप लगा. भारती ने मिश्रा को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी.
क्या कहा मिश्रा ने
चुनाव आयोग के फैसले के बाद नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वह हाई कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे. उन्होंने कहा कि यह आदेश 2008 में हुए चुनाव को लेकर है जबकि साल 2013 में वह दोबारा चुनाव जीत चुके हैं.
राजनीतिक करियर
- छात्र जीवन में वर्ष 1977-78 में जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के छात्रसंघ के सचिव.
-1978-80 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रान्तीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे.
वर्ष 1985-87 में भाजपा की प्रान्तीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे.
-1990 में नवम विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा लोक लेखा समिति के सदस्य रहे. 1990 में विधानसभा में सचेतक भी रहे.
-1998 में दूसरी बार, वर्ष 2003 में तीसरी, 2008 में चौथी तथा 2013 में पांचवीं बार मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
- एक जून, 2005 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मंत्रिमण्डल में राज्य मंत्री.
- 4 दिसम्बर, 2005 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल किए गए.
- 28 अक्टूबर, 2009 में दोबारा शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमण्डल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई.
- वर्तमान में जनसंपर्क, जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री हैं.