तमिलनाडु: ED ने 3,800 एकड़ से अधिक जमीन की कुर्क, 207 करोड़ रुपये है कीमत

तमिलनाडु में ईडी ने 3,800 एकड़ से अधिक जमीन कुर्क की (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Tamil Nadu: 3,850 एकड़ में फैली इन अचल संपत्तियों का कुल मूल्य 207 करोड़ रुपये है. समूह और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ ईडी ने यह मामला तमिलनाडु पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की प्राथमिकी के बाद दर्ज किया है.
- Last Updated: January 25, 2021, 11:23 PM IST
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भूमि आवंटन की आड़ में निवेशकों को कथित रूप से धोखा देने वाली कंपनियों के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के तहत तमिलनाडु (Tamil Nadu) के विभिन्न शहरों में 207 करोड़ रुपये कीमत की 3,850 एकड़ जमीन कुर्क की है. केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी. मदुरै, रामनाथपुरम और चेन्नई में स्थित और डिस्क एसेट्स लीड इंडिया लिमिटेड, ईगल्स आई रियल एस्टेट्स, मीडो रियल्टर्स और इन कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों के नाम पर पंजीकृत कुल 1,081 भूखंडों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया है.
3,850 एकड़ में फैली इन अचल संपत्तियों का कुल मूल्य 207 करोड़ रुपये है. समूह और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ ईडी ने यह मामला तमिलनाडु पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की प्राथमिकी के बाद दर्ज किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने तमिलनाडु और केरल के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से भूखंड देने के नाम पर किस्तों में पैसे वसूले.
एजेंसी ने कहा कि मामले की जांच में पाया गया कि कंपनी (डिस्क एसेट्स) के निदेशकों ने सेबी अधिनियम की कानूनी बाध्यताओं से बचने के लिए डल मार्केटिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और अयान मार्केटिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड जैसी कुछ अन्य संस्थाओं को डिस्क एसेट लीड इंडिया लिमिटेड की ओर से जनता से पैसा वसूलने के लिए आगे किया था. ईडी ने एक बयान में कहा, 'इस कंपनी ने 1,273 करोड़ रुपये कुल धनराशि एकत्र की है.'जमाकर्ताओं से एकत्र की गई राशि का इस्तेमाल कंपनी, उसके निदेशकों और अन्य संस्थाओं के नाम से तमिलनाडु में अचल संपत्तियों को खरीदने में किया गया. आरोपियों ने जमाकर्ताओं को न तो जमीन आवंटित की और न ही उनके पैसे लौटाए. कंपनी के निदेशकों और प्रमुख प्रबंधकीय पदों पर नियुक्त कर्मियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
3,850 एकड़ में फैली इन अचल संपत्तियों का कुल मूल्य 207 करोड़ रुपये है. समूह और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ ईडी ने यह मामला तमिलनाडु पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की प्राथमिकी के बाद दर्ज किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने तमिलनाडु और केरल के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से भूखंड देने के नाम पर किस्तों में पैसे वसूले.
एजेंसी ने कहा कि मामले की जांच में पाया गया कि कंपनी (डिस्क एसेट्स) के निदेशकों ने सेबी अधिनियम की कानूनी बाध्यताओं से बचने के लिए डल मार्केटिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और अयान मार्केटिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड जैसी कुछ अन्य संस्थाओं को डिस्क एसेट लीड इंडिया लिमिटेड की ओर से जनता से पैसा वसूलने के लिए आगे किया था. ईडी ने एक बयान में कहा, 'इस कंपनी ने 1,273 करोड़ रुपये कुल धनराशि एकत्र की है.'जमाकर्ताओं से एकत्र की गई राशि का इस्तेमाल कंपनी, उसके निदेशकों और अन्य संस्थाओं के नाम से तमिलनाडु में अचल संपत्तियों को खरीदने में किया गया. आरोपियों ने जमाकर्ताओं को न तो जमीन आवंटित की और न ही उनके पैसे लौटाए. कंपनी के निदेशकों और प्रमुख प्रबंधकीय पदों पर नियुक्त कर्मियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.