तेलंगाना में जल्दी चुनाव पर निर्वाचन आयोग आज कर सकता है चर्चा
तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चलते हुए गुरूवार को राज्य विधानसभा को उसके निर्धारित समय से कुछ महीने पहले ही भंग करने की सिफारिश कर दी.
News18Hindi
Updated: September 7, 2018, 7:35 AM IST
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Updated: September 7, 2018, 7:35 AM IST
तेलंगाना में चुनाव कराने के मुद्दे पर निर्वाचन आयोग शुक्रवार को चर्चा कर सकता है. दरअसल, राज्य के मंत्रिमंडल ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है. आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग हर मंगलवार और शुक्रवार को कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिये बैठक करता है और अगली बैठक में इस दक्षिणी राज्य में चुनाव आयोजित करने का मुद्दा उठ सकता है.
अधिकारी ने बताया, "आखिरी फैसले से पहले त्योहार, परीक्षाएं और मौसम की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी." गौरतलब है कि तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल जून 2019 तक था.
गुरुवार को तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चलते हुए गुरूवार को राज्य विधानसभा को उसके निर्धारित समय से कुछ महीने पहले ही भंग करने की सिफारिश कर दी. टीआरएस को उम्मीद है कि पार्टी प्रमुख के चंद्रशेखर राव के करिश्मे और बिखरे विपक्ष की वजह से वह लगातार दूसरी बार सत्ता में आ जाएगी.
यह भी पढ़ें: टीआरएस प्रमुख केसीआर ने राहुल गांधी देश का सबसे बड़ा मसखरा कहामाना जा रहा है कि पार्टी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ होने की स्थिति में 'केसीआर बनाम मोदी' मुकाबले को भी टालना चाहती थी. इस बीच राव ने विधानसभा की 119 सीटों में से 105 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.
पार्टी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उसे तेलंगाना का सबसे बड़ा दुश्मन बताया. राव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश का 'सबसे बड़ा मसखरा' बताया. हालांकि उन्होंने भाजपा की आलोचना से परहेज किया.
यह भी पढ़ें: इन 5 वजहों से तेलंगाना में जल्द चुनाव कराना चाहते हैं KCR, बनाई 105 उम्मीदवारों की लिस्टहफ्तों से चल रही अटकलों को विराम देते हुए, मुख्यमंत्री राव ने राज्य कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें विधानसभा भंग किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया. राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन ने सिफारिश को स्वीकार कर लिया और 2014 में बनी राज्य की पहली सरकार के मुखिया राव को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर पद पर बने रहने को कहा गया. (एजेंसी इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें: कांग्रेस का चंद्रशेखर राव पर हमला, तेलंगाना में खत्म हुआ केसीआर युग
अधिकारी ने बताया, "आखिरी फैसले से पहले त्योहार, परीक्षाएं और मौसम की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी." गौरतलब है कि तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल जून 2019 तक था.
गुरुवार को तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चलते हुए गुरूवार को राज्य विधानसभा को उसके निर्धारित समय से कुछ महीने पहले ही भंग करने की सिफारिश कर दी. टीआरएस को उम्मीद है कि पार्टी प्रमुख के चंद्रशेखर राव के करिश्मे और बिखरे विपक्ष की वजह से वह लगातार दूसरी बार सत्ता में आ जाएगी.
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पार्टी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उसे तेलंगाना का सबसे बड़ा दुश्मन बताया. राव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश का 'सबसे बड़ा मसखरा' बताया. हालांकि उन्होंने भाजपा की आलोचना से परहेज किया.
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