बंगाल में इस शानदार प्रदर्शन का क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कैलाश विजयवर्गीय के साथ-साथ शिवप्रकाश को भी जाता है.
आज 542 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के नतीजों का दिन है. वोटों की गिनती जारी है. एक बार फिर से देश में मोदी सरकार बनने जा रही है. लेकिन इस सब के बीच बंगाल में जो नतीजे सामने आ रहे हैं, वो सबसे अधिक चौंकाने वाले हैं. यहां बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी को कांटे की टक्कर दी है. ये नतीजे बंगाल में बीजेपी द्वारा ग्राउंड लेवल पर की गई उसकी कड़ी मेहनत को दर्शाता है. इस शानदार प्रदर्शन का क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कैलाश विजयवर्गीय के साथ-साथ शिवप्रकाश को भी जाता है.
इस बार के चुनाव में बंगाल सबसे अधिक सुर्खियों में रहा. चुनावी हिंसा के बाद भी यहां 80% से ज्यादा मतदान हुआ. राज्य में बीजेपी की मजबूत हुई पकड़ को बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. 2014 के चुनाव में यहां सिर्फ दो सीटें जीतने वाली बीजेपी ने टीएमसी को बराबरी की टक्कर दी है.
कौन हैं शिवप्रकाश?
शिवप्रकाश आरएसएस के प्रचारक हैं, जिन्हें संघ ने 2014 में बीजेपी में भेज दिया था. फिर बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल, यूपी और उत्तराखंड का संगठन प्रभारी बनाया. यूपी और उत्तराखंड में शिवप्रकाश ने बीजेपी के लिए शानदार काम किया और इन दोनों राज्यों में बीजेपी को विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला. इसे देखते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें बंगाल पर फोकस करने को कहा. इसके बाद शिवप्रकाश पार्टी को बंगाल में मजबूत करने की दिशा में काम करने में जुट गए. पिछले एक साल में उन्होंने बंगाल में एक हजार से ज्यादा बैठकें की. राज्य में अपना बेस मजबूत करने के लिए बीजेपी ने अलग-अलग वर्गों (नमो शूद्र, कीर्तनिया, राजवंशी, गोरखा और आदिवासी) के क्लब बनाए और शिवप्रकाश ने इनके साथ सीधे बैठकें की. उन्होंने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया और चुनाव से पहले सभी सीटों पर दो-दो दिन बिताए.
कार्यकर्ताओं से जुड़ सकें इसलिए नहीं ली सुरक्षा
इस पूरे चुनावी सीजन में बंगाल में सबसे ज्यादा हिंसा की खबरें सामने आईं. यहां चुनाव प्रचार से लेकर मतदान होने के दिन तक टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प हुईं. कई जगहों पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़े. लेकिन राज्य में इतनी हिंसा होने के बावजूद शिवप्रकाश ने खुद के लिए कोई सुरक्षा नहीं ली. उनके इस फैसले से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा. साथ ही वो खुद को भी कार्यकर्ताओं से और बेहतर ढंग से जोड़ पाए. बीजेपी के बड़े नेता कार्यकर्ताओं से जुड़ने के लिए उनके घरों तक पहुंचे. शिवप्रकाश के साथ इस मुहिम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कैलाश विजयवर्गीय भी पूरी तरह जुटे. जिसका फायदा बीजेपी को साफ तौर पर दिख रहा है.
दूसरी पार्टी के नेताओं को पार्टी में किया शामिल
इसके अलावा बीजेपी ने दूसरी पार्टी के नेताओं को भी अपने साथ मिलाया. पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता मुकुल राय को शामिल किया तो अर्जुन सिंह पर भी दांव लगाया. वोट पर्सेंटेज बढ़ाने के लिए पार्टी ने मजबूत जनाधार वाले बाहरी नेताओं को भी पार्टी में शामिल किया. साथ ही इस चुनाव में बीजेपी ने सेव बंगाल के नाम से बड़ा कैंपेन चलाया और राज्य में तृणमूल कांग्रेस की विफलता, पंचायत चुनाव में वोट नहीं डालने, मुस्लिम तुष्टीकरण और हिंसा में कार्यकर्ताओं की मौत को भी बीजेपी ने चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया, जिससे उसे जनता का भारी समर्थन मिला.
यह भी पढ़ें-
PM मोदी और अमित शाह के वो 10 फैसले जिसने बदल दी चुनाव की तस्वीर
Lok Sabha Election 2019 : बीजेपी की जीत पर पीएम मोदी को दुनिया भर से मिले बधाई संदेश
लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2019: कहां चूक हो गई राहुल गांधी से, राफेल का मुद्दा बेअसर रहा?
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: BJP, Election, Election 2019, Lok Sabha 2019 Election, Lok Sabha Election, TMC, West bengal, West Bengal Election Result, West Bengal Lok Sabha Elections 2019, West bengal result
निरहुआ सटल रहे के 20 साल: एक गाने से रातों रात बदली थी निरहुआ की किस्मत, कभी पैसों के लिए चलते थे मीलों
दूसरी शादी को तैयार Drishyam फेम एक्ट्रेस? 7 साल छोटे यंग स्टार संग ले सकतीं 7 फेरे! चौंकाने वाला है नाम
भोजपुरी की आइटम नंबर वन थी ये एक्ट्रेस, इनकी वजह से डूब गया था करियर, नहीं मिल रहा था कोई काम!