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Exclusive: अब लोन देने वाले चीनी 'ऐप' की खैर नहीं... ठगी से निपटने के लिए राज्यों की पुलिस को दी जाएगी ट्रेनिंग

गृह मंत्रालय करीब 300 ऐसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की भी योजना बना रहा है और विभिन्न एजेंसियों से अंतिम मंजूरी मांगी गई है. (सांकेतिक तस्वीर)

गृह मंत्रालय करीब 300 ऐसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की भी योजना बना रहा है और विभिन्न एजेंसियों से अंतिम मंजूरी मांगी गई है. (सांकेतिक तस्वीर)

News18 Exclusive: प्रकाशित शोधपरक लेख “loan wolves of China" पर News18 द्वारा की गई खोजी खबरों की एक श्रृंखला ने उजागर ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

चीनी लोन ऐप से निपटने के लिए गृह मंत्रालय राज्य के पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देगा.
जिससे वह इन आपराधिक मामलों की जांच कर सकेंगे और इनसे ठीक ढंग से निपट सकेंगे.
गृह मंत्रालय करीब 300 ऐसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की भी योजना बना रहा है.

नई दिल्ली. चीनी लोन ऐप द्वारा की जा रही बहु स्तरीय धोखाधड़ी के मामलों की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने राज्य के पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है. जिससे वह इन आपराधिक मामलों की जांच कर सकेंगे और इनसे ठीक ढंग से निपट सकेंगे. न्यूज 18 को मिली जानकारी के मुताबिक कई राज्यों ने इन ऐप से जुड़े मामलों से निपटने में आने वाली चुनौतियों की जानकारी गृह मंत्रालय के समक्ष रखी थी. जिसके बाद मंत्रालय ने अधिकारियों के प्रशिक्षण सत्र की व्यवस्था का फैसला लिया.

गृह मंत्रालय के भारतीय आपराधिक समन्वय केंद्र (I4C) और राज्य पुलिस साइबर सेल का एकदिवसीय सत्र रखा जाएगा. जहां शीर्ष अधिकारी, अन्य अधिकारियों को चीनी लोन ऐप से कैसे निपटा जाए इसका प्रशिक्षण देंगे. सत्रों की यह श्रृंखला शुरू भी हो चुकी है और सूत्रों की मानें तो इनमें से एक सत्र हरियाणा पुलिस अधिकारियों के साथ संचालित किया गया था. गौरतलब है कि केंद्र ने 2020 में 59 चीनी ऐप्स को देश के लिए नुकसानदायक पाते हुए उन पर पूर्ण पाबंदी लगा दी थी.

प्रकाशित शोधपरक लेख “loan wolves of China” पर News18 द्वारा की गयी खोजी खबरों की एक श्रृंखला ने उजागर किया कि कैसे ये ऐप शेल कंपनियों के एक वेब का उपयोग कर रहे हैं. कैसे यह सिस्टम की खामियों का लाभ उठाते हैं. कैसे यह ऐप जो कर्ज मुहैया करवाते हैं और उसकी ब्याज दर 200 प्रतिशत से 30,000 प्रतिशत वार्षिक होती है. और ऐसे में जो लोग कर्ज नहीं चुका पाते हैं वह आत्महत्या का रास्ता अपनाते हैं. क्योंकि यह ऐप पैसा वसूलने के लिए गैरकानूनी तरीके जैसे मानहानि, धमकी, गाली गलौज जैसे तरीके अख्तियार करते हैं.

सूत्रों के मुताबिक करीब 60 लोग ऐसे हैं जिन्होंने इन ऐप द्वारा की गई प्रताड़ना की वजह से अपनी जान गंवा दी. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक प्रशिक्षण सत्र के दौरान, गृह मंत्रालय के अधिकारियों, साइबर विशेषज्ञ और पुलिस अधिकारी जांच के तकनीकी पक्ष को सीखेंगे. इससे इन धोखेबाजों को धर दबोचा जा सकेगा. वहीं हरियाणा पुलिस की मदद से I4C और गृहमंत्रालय के साथ किए गए सत्र में, अधिकारियों ने इंस्टेंट लोन ऐप की पृष्ठभूमि, तकनीकी तौर-तरीके, जांच ट्रैक (एसएमएस, ओटीपी, भुगतान एग्रीगेटर, एंड्रॉइड एप्लीकेशन निष्कर्षण और विश्लेषण, कॉल सेंटर, एनबीएफसी, क्लाउड) आदि के बारे में बात की.

न्यूज 18 को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी कि सभी को इस सत्र में दो जांच अधिकारियों को भेजना अनिवार्य था. सत्र के दौरान राज्य पुलिस अधिकारियों ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए विशेषज्ञों से तकनीकी जानकारी भी हासिल की और उससे जुड़े सवाल भी पूछे. मंत्रालय के अधिकारियों ने पूरे भारत के डाटा के बारे में बात करते हुए उस पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में बात की. इसके साथ-साथ सत्र में केंद्र और राज्य सरकारें जिन चुनौतियों का सामना करती हैं उसके बारे में भी विचार विमर्श हुआ.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सत्र में सबसे ज्यादा ध्यान तकनीकी पक्ष और उनसे जुड़ी चुनौतियों का सामना करने पर था. अधिकारियों ने इससे जुड़े कई सवाल पूछे जिनकी जानकारियां उन्हें दी गईं. इस सत्र का मकसद स्थानीय पुलिस की मदद करना और उन्हें ऐसे मामलों से निपटने के लिए शिक्षित करना था. गृहमंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस तरह के सत्र अन्य राज्यों में भी आयोजित करने की योजना है, खासकर उन राज्यों में जहां इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है और जिन राज्यों ने इन सत्रों के आयोजन में रुचि दिखाई है, वहां भी सत्र आयोजित किए जाएंगे.

सूत्रों का कहना है कि चूंकि मंत्रालय के पास एक मजबूत साइबर सिस्टम है, जो देशभर का डाटा एकत्र करता है, अधिकारी यह अहम जानकारी साझा करेंगे जिससे राज्य के अधिकारियों को जांच में मदद मिल सके. मालूम हो कि देश में साइबर अपराध से प्रभावी तरीकों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय के तहत I4C की स्थापना की गई थी. इस केंद्र में एक राष्ट्रीय साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, संयुक्त साइबर अपराध जांच दल के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल, राष्ट्रीय साइबर क्राइम फॉरेंसिक प्रयोगशाला इकोसिस्टम, राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र और राष्ट्रीय साइबर अनुसंधान और नवाचार केंद्र शामिल हैं.

इतना ही नहीं, गृह मंत्रालय इस तरह के 300 ऐप्स पर पाबंदी लगाने की योजना बना रहा है. बस इसके लिए विभिन्न एजेंसियों से अंतिम अनुमति आना बाकी है. जल्दी ही मामला साफ हो जाएगा और करीब 270 ऐसे ऐप्स जो कहीं ना कहीं गैरकानूनी तरीके से पैसा वसूलने में शामिल रहे हैं उन पर पाबंदी लगा दी जाएगी.

Tags: App, China, Loan, Union home ministry

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