मणिपुर के सीएम एन बिरेन सिंह. ( फाइल फोटो)
कमलिका सेनगुप्ता
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की विधानसभा चुनाव में प्रभावशाली जीत के बाद मणिपुर (Manipur) में एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) को सत्ता में लौटे लगभग एक सप्ताह हो गया है. फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले साक्षात्कार में News18 से विशेष रूप से बात करते हुए, उन्होंने खेल भावना का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी के अंदर या बाहर उनका कोई दुश्मन नहीं है. उन्होंने विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम या अफस्पा (AFSPA) को लेकर अपनी सरकार की योजनाओं के बारे में बताया और नागालैंड के साथ लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद पर चर्चा की.
एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने बताया, ‘आप मणिपुर जैसे राज्य में देखते हैं जो म्यांमार की सीमा से लगा हुआ है और पहले यह अशांत रहा था, ऐसे में यहां भाजपा का पूर्ण बहुमत प्राप्त करना बहुत कठिन था. पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद, क्योंकि उनके ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के मंत्र ने राज्य के लोगों को बहुत विश्वास दिलाया. हमने उसी के हिसाब से काम किया और ‘डबल इंजन’ भी लागू किया गया. हम पहाड़ियों और गांवों में गए और इससे जबरदस्त समर्थन और जागरूकता पैदा हुई. इसी वजह से हम मुश्किलों से पार पाने में सफल रहे. कांग्रेस और एनपीपी पार्टियां हमारे सामने थीं और उनके कारण यह प्रतिस्पर्धा जबरदस्त थी. चुनाव के दौरान पार्टी के अंदर और बाहर कई बार रोचक स्थितियां बनीं. मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं. मैं उन राष्ट्रीय नेताओं को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी दी है. पीएम और सभी वरिष्ठ नेताओं को मेरा धन्यवाद.’
भीतर की लड़ाई का क्या? और आपने विजयी गोल कैसे किया?
एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने कहा कि मेरा मानना है कि इस पार्टी में, भाजपा में, किसी को कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. वे सूक्ष्म स्तर पर चीजों को ऊपर से देखते हैं. आपको केवल कड़ी मेहनत करने की जरूरत है, बस. यह महाभारत की तरह है. आप कड़ी मेहनत करते हैं और आपको कुछ और नहीं देखना चाहिए. मैंने यही किया है. हमें ईमानदार होना चाहिए, बस इतना ही.
क्या मुख्यमंत्री पद के लिए लड़ाई नहीं हुई थी?
नहीं, नहीं, यह अफवाह है. सीएम बनने का सपना हर किसी का होता है. यह लड़ाई नहीं है. हर कोई सोच सकता है, लेकिन निर्णय केंद्रीय नेताओं द्वारा लिए जाते हैं जो शुरू से ही सूक्ष्म स्तर पर चीजों की निगरानी कर रहे हैं. यह ठीक वैसे ही है जैसे कृष्ण, अर्जुन को युद्ध के लिए कहते हैं. उसके बाद क्या होता है आपकी चिंता नहीं है. मैंने वह भी किया.
एक बात बताएं जो सीएम के चुनाव में आपके पक्ष में गई?
राष्ट्रवाद में विश्वास, भाजपा के प्रति निष्ठा, कड़ी मेहनत और पारदर्शिता, ये कुछ चीजें मेरे पक्ष में गईं.
अब आप सीएम पद के अन्य दावेदारों को कैसे संभालेंगे और आगे बढ़ेंगे?
हम एक परिवार हैं. हर किसी की कोई न कोई इच्छा या सपना होता है. अब हम और एकजुट हैं, हम पहले ही कदम बढ़ा चुके हैं और हम सब मिलकर मणिपुर का विकास करेंगे.
क्या अफस्पा खत्म होगा?
निश्चित रूप से, हम करेंगे. हमने राज्य के कुछ हिस्सों की पहचान की है. हम पहले ही केंद्र सरकार से अनुरोध कर चुके हैं और मुझे विश्वास है कि कुछ सकारात्मक चीजें आएंगी. यह विषय चर्चा में है और मुझे विश्वास है कि ऐसा होगा.
विकास एक बहुत बड़ा मुद्दा है, खासकर पहाड़ियों में. इसके लिए आपकी क्या योजनाएं हैं?
आप सही कह रहे हैं, विकास वहां नहीं था. मैंने पहाड़ियों पर जाने की पहल की. कुल बजट बढ़ा दिया गया है. अब हमारा फोकस ग्रामीण इलाकों और सीमावर्ती इलाकों पर है. हमारे पास 68 अनुमंडल हैं और सत्ता में आने के तुरंत बाद हमने 68 ‘प्रभारी’ नियुक्त किए हैं. उनका नेतृत्व आईएएस अधिकारी करेंगे. वहां सभी अधिकारी उनके अधीन काम करेंगे और अनुमंडलों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाएगी. प्रतिस्पर्धा होने के कारण सभी लाभार्थियों को इसका लाभ मिलेगा.
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